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अंबेडकरनगर: 96 लाख का गबन, तीन अधिकारी निलंबित

यूपी के अंबेडकरनगर में बड़ा घोटाला सामने आया है. यहां पंचायत विभाग के तीन अधिकारियों पर 96 लाख रुपये के गबन का आरोप है. शासन ने इन तीनों पर मुकदमा दर्ज कर उन्हें निलंबित कर दिया है.

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अम्बेडकरनगर में 96 लाख का गबन
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Published : Jun 24, 2020, 7:41 PM IST

अंबेडकरनगर: ग्राम पंचायतों के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करने वाले चौदहवें वित्त आयोग के बजट में बड़ा घोटाला सामने आया है. पंचायत विभाग के अधिकारियों ने मनमाने तरीके 96 लाख रुपये का गबन कर लिया. गबन का खुलासा होने के बाद डीएम के निर्देश पर तीन अधिकारियों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज किया गया है. साथ ही इन सभी को निलंबित भी कर दिया गया है.

इस गबन का खुलासा होने के बाद जिले के सभी विकास खंडों में जांच के आदेश दिए गए हैं. इतने बड़े घोटाले से ग्रामपंचायतों के विकास को झटका लगा है. साथ ही सरकार के भ्रष्टाचार मुक्त प्रशासन के दावे की भी धज्जियां उड़ी हैं.

जाने पूरा मामला
मामला कटेहरी विकास खण्ड का है. बताया जा रहा है कि वर्ष 2016 में जारी शासनादेश के मुताबिक 14 वें वित्त आयोग के प्रशासनिक मद में उपलब्ध बजट को सहायक विकास अधिकारी पंचायत और खण्ड विकास अधिकारी के संयुक्त खाते से संचालन किया जाना था. लेकिन इस खाते का एकल संचालन करते हुए सहायक विकास अधिकारी पंचायत अखिलेश कुमार गौढ़, जगदंबा प्रसाद शुक्ला और सहायक विकास अधिकारी पंचायत बृजेश कुमार सिंह ने खाते से 96 लाख रुपये निकालकर हड़प लिए.

तीनों अधिकारी निलंबित
इतने बड़े घोटाले के सामने आने पर प्रशासन में हड़कम्प मच गया. डीएम राकेश कुमार ने डीडीओ को तत्काल इन तीनों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराने का निर्देश दिया. इसके साथ ही शासन को इनके विरुद्ध कार्रवाई का पत्र भेज दिया. डीडीओ ने अहिरौली थाने में इन तीनों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज करा दिया है जबकि डीएम द्वारा भेजी गई रिपोर्ट के आधार पर शासन ने उक्त तीनों अधिकारियों को निलंबित कर दिया है.

उठ रहे हैं कई सवाल
जिले में इतना बड़ा घोटाला सामने आने के बाद सरकार के उस दावे को झटका लगा है, जिसमें भ्रष्टाचार मुक्त प्रशासन की बात कही जा रही है. फौरी तौर पर तीन अधिकारियों के विरुद्ध कार्रवाई तो कर दी गई है, लेकिन सवाल ये भी है कि जिलास्तर के अधिकारियों के संरक्षण के बगैर इतने बड़े घोटाले को अंजाम नहीं दिया जा सकता.

डीएम राकेश कुमार ने बताया कि 14 वें वित्त आयोग के बजट खाते का संचालन संयुक्त रूप से होना था, लेकिन खाते का एकल संचालन कर 96 लॉख रुपये का गबन किया गया है. इस मामले में मुकदमा दर्ज करा दिया गया है और शासन ने इन तीनों को निलंबित कर दिया है. फिलहाल जिले के अन्य विकास खंडों की भी जांच कराई जा रही है, जो भी दोषी मिलेगा उस पर कार्रवाई होगी.

अंबेडकरनगर: ग्राम पंचायतों के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करने वाले चौदहवें वित्त आयोग के बजट में बड़ा घोटाला सामने आया है. पंचायत विभाग के अधिकारियों ने मनमाने तरीके 96 लाख रुपये का गबन कर लिया. गबन का खुलासा होने के बाद डीएम के निर्देश पर तीन अधिकारियों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज किया गया है. साथ ही इन सभी को निलंबित भी कर दिया गया है.

इस गबन का खुलासा होने के बाद जिले के सभी विकास खंडों में जांच के आदेश दिए गए हैं. इतने बड़े घोटाले से ग्रामपंचायतों के विकास को झटका लगा है. साथ ही सरकार के भ्रष्टाचार मुक्त प्रशासन के दावे की भी धज्जियां उड़ी हैं.

जाने पूरा मामला
मामला कटेहरी विकास खण्ड का है. बताया जा रहा है कि वर्ष 2016 में जारी शासनादेश के मुताबिक 14 वें वित्त आयोग के प्रशासनिक मद में उपलब्ध बजट को सहायक विकास अधिकारी पंचायत और खण्ड विकास अधिकारी के संयुक्त खाते से संचालन किया जाना था. लेकिन इस खाते का एकल संचालन करते हुए सहायक विकास अधिकारी पंचायत अखिलेश कुमार गौढ़, जगदंबा प्रसाद शुक्ला और सहायक विकास अधिकारी पंचायत बृजेश कुमार सिंह ने खाते से 96 लाख रुपये निकालकर हड़प लिए.

तीनों अधिकारी निलंबित
इतने बड़े घोटाले के सामने आने पर प्रशासन में हड़कम्प मच गया. डीएम राकेश कुमार ने डीडीओ को तत्काल इन तीनों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराने का निर्देश दिया. इसके साथ ही शासन को इनके विरुद्ध कार्रवाई का पत्र भेज दिया. डीडीओ ने अहिरौली थाने में इन तीनों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज करा दिया है जबकि डीएम द्वारा भेजी गई रिपोर्ट के आधार पर शासन ने उक्त तीनों अधिकारियों को निलंबित कर दिया है.

उठ रहे हैं कई सवाल
जिले में इतना बड़ा घोटाला सामने आने के बाद सरकार के उस दावे को झटका लगा है, जिसमें भ्रष्टाचार मुक्त प्रशासन की बात कही जा रही है. फौरी तौर पर तीन अधिकारियों के विरुद्ध कार्रवाई तो कर दी गई है, लेकिन सवाल ये भी है कि जिलास्तर के अधिकारियों के संरक्षण के बगैर इतने बड़े घोटाले को अंजाम नहीं दिया जा सकता.

डीएम राकेश कुमार ने बताया कि 14 वें वित्त आयोग के बजट खाते का संचालन संयुक्त रूप से होना था, लेकिन खाते का एकल संचालन कर 96 लॉख रुपये का गबन किया गया है. इस मामले में मुकदमा दर्ज करा दिया गया है और शासन ने इन तीनों को निलंबित कर दिया है. फिलहाल जिले के अन्य विकास खंडों की भी जांच कराई जा रही है, जो भी दोषी मिलेगा उस पर कार्रवाई होगी.

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