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40 वर्षों से चल रहा विवाद हुआ खत्म, उमा शंकर दास बने उदासीन आश्रम के महंथ

उदासीन आश्रम सरौली का पिछले 40 वर्षों से चल रहे विवाद को गोरखपुर जनपद के सिविल जज सीनियर डिवीजन ने समाप्त कर दिया है. विवाद समाप्त होने के बाद महंत उमाशंकर दास के समर्थकों में न केवल खुशी देखने को मिला बल्कि विवाद खत्म होने के बाद प्रथम आगमन पर भक्त प्रेमियों ने महंथ का फूल मालाओं से स्वागत किया.

उमा शंकर दास बने उदासीन आश्रम के महंथ
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Published : Feb 15, 2019, 3:35 PM IST

संतकबीर नगर: जिले में सबसे चर्चित उदासीन आश्रम के लिए चल रहा 40 वर्षों का विवाद थम गया. गोरखपुर जनपद के सिविल जज सीनियर डिवीजन में उदासीन आश्रम महंथ उमा शंकर दास के पक्ष में फैसला सुनाया. उमा शंकर दास को उदासीन मठ का महंथ चुना गया. जिसके बाद उमा शंकर दास के अनुयायियों में खुशी की लहर दौड़ पड़ी. उमा शंकर दास के मठ पर प्रथम आगमन पर फूल माला पहनाकर जोरदार स्वागत किया गया.

उमा शंकर दास बने उदासीन आश्रम के महंथ
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पिछले 40 वर्षों से उदासीन आश्रम सरौली के महंत की कुर्सी को लेकर कोर्ट में मामला विचाराधीन चल रहा था. दो महंत होने के कारण दोनों अपना-अपना दम लगाकर कुर्सी हड़पने के फिराक में थे. वहीँ 40 वर्षो बाद आखिर सत्य की जीत हुई और उदासीन आश्रम की कुर्सी पर काबिज महंथ उमाशंकर दास के पक्ष में फैसला हुआ. जिसको लेकर महंत उमाशंकर दास और उनके समर्थकों में खुशी की लहर व्याप्त है.

संतकबीर नगर जिले के उदासीन आश्रम सरोली का है जहां पर पिछले 40 वर्षों से उदासीन आश्रम के महंथ की कुर्सी के लिए कोर्ट में मामला विचाराधीन चल रहा था. दो महंथ में कुर्सी के लिए विवाद चल रहा था. दोनों महंथ अपना दमखम लगा कर कुर्सी पाने के लिए कोर्ट में मुकदमा लड़ रहे थे. 40 वर्षों बाद आखिरकर सत्य की जीत हुई और उदासीन आश्रम की कुर्सी पर का काबिज उमा शंकर दास के पक्ष में फैसला सुनाया गया जिसको लेकर महंत उमा शंकर दास और उनके समर्थकों में खुशी की लहर दौड़ गई.

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कोर्ट के फैसले के बाद उतर प्रदेश उदासीन आश्रम के महामंडलेश्वर स्वामी हरि प्रसाद ने बैठक कर कोरम पूर्ण करते हुए महंत उमाशंकर दास को उदासीन आश्रम का अध्यक्ष होने का प्रमाण दिया है.

कोर्ट के फैसले के बाद उत्तर प्रदेश उदासीन आश्रम के महामंडलेश्वर स्वामी हरिप्रसाद ने बैठक का कोरम पूरा करते हुए महंत उमाशंकर दास को उदासीन आश्रम का अध्यक्ष होने का प्रमाण पत्र भी सौंपा. ईटीवी भारत से बातचीत में महंथ शंकर दास ने बताया कोर्ट में 40 वर्षों से मामला चल रहा था वहीं फैसले के बाद सत्य की जीत हुई है हम इस मठ के माध्यम से गरीब और असहाय की सेवा करता रहूंगा.

संतकबीर नगर: जिले में सबसे चर्चित उदासीन आश्रम के लिए चल रहा 40 वर्षों का विवाद थम गया. गोरखपुर जनपद के सिविल जज सीनियर डिवीजन में उदासीन आश्रम महंथ उमा शंकर दास के पक्ष में फैसला सुनाया. उमा शंकर दास को उदासीन मठ का महंथ चुना गया. जिसके बाद उमा शंकर दास के अनुयायियों में खुशी की लहर दौड़ पड़ी. उमा शंकर दास के मठ पर प्रथम आगमन पर फूल माला पहनाकर जोरदार स्वागत किया गया.

उमा शंकर दास बने उदासीन आश्रम के महंथ
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पिछले 40 वर्षों से उदासीन आश्रम सरौली के महंत की कुर्सी को लेकर कोर्ट में मामला विचाराधीन चल रहा था. दो महंत होने के कारण दोनों अपना-अपना दम लगाकर कुर्सी हड़पने के फिराक में थे. वहीँ 40 वर्षो बाद आखिर सत्य की जीत हुई और उदासीन आश्रम की कुर्सी पर काबिज महंथ उमाशंकर दास के पक्ष में फैसला हुआ. जिसको लेकर महंत उमाशंकर दास और उनके समर्थकों में खुशी की लहर व्याप्त है.

संतकबीर नगर जिले के उदासीन आश्रम सरोली का है जहां पर पिछले 40 वर्षों से उदासीन आश्रम के महंथ की कुर्सी के लिए कोर्ट में मामला विचाराधीन चल रहा था. दो महंथ में कुर्सी के लिए विवाद चल रहा था. दोनों महंथ अपना दमखम लगा कर कुर्सी पाने के लिए कोर्ट में मुकदमा लड़ रहे थे. 40 वर्षों बाद आखिरकर सत्य की जीत हुई और उदासीन आश्रम की कुर्सी पर का काबिज उमा शंकर दास के पक्ष में फैसला सुनाया गया जिसको लेकर महंत उमा शंकर दास और उनके समर्थकों में खुशी की लहर दौड़ गई.

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कोर्ट के फैसले के बाद उतर प्रदेश उदासीन आश्रम के महामंडलेश्वर स्वामी हरि प्रसाद ने बैठक कर कोरम पूर्ण करते हुए महंत उमाशंकर दास को उदासीन आश्रम का अध्यक्ष होने का प्रमाण दिया है.

कोर्ट के फैसले के बाद उत्तर प्रदेश उदासीन आश्रम के महामंडलेश्वर स्वामी हरिप्रसाद ने बैठक का कोरम पूरा करते हुए महंत उमाशंकर दास को उदासीन आश्रम का अध्यक्ष होने का प्रमाण पत्र भी सौंपा. ईटीवी भारत से बातचीत में महंथ शंकर दास ने बताया कोर्ट में 40 वर्षों से मामला चल रहा था वहीं फैसले के बाद सत्य की जीत हुई है हम इस मठ के माध्यम से गरीब और असहाय की सेवा करता रहूंगा.

Intro:संतकबीरनगर| 40 वर्षों से चल रहा विवाद हुआ खत्म उमा शंकर दास बने उदासीन आश्रम के महंथ


Body:एंकर- यूपी के संत कबीर नगर में सबसे चर्चित उदासीन आश्रम के लिए चल रहा 40 वर्षों का विवाद थम गया गोरखपुर जनपद के सिविल जज सीनियर डिवीजन में उदासीन आश्रम महंथ उमा शंकर दास के पक्ष में फैसला सुनाया उमा शंकर दास को उदासीन मठ का महंथ चुना गया जिसके बाद उमा शंकर दास के अनुयायियों में खुशी की लहर दौड़ दें और उमा शंकर दास के मठ पर प्रथम आगमन पर फूल माला पहनाकर जोरदार स्वागत किया गया.


Conclusion:वीओ- आपको बता दें कि पूरा मामला संत कबीर नगर जिले के उदासीन आश्रम सरोली का है जहां पर पिछले 40 वर्षों से उदासीन आश्रम के महंथ की कुर्सी के लिए कोर्ट में मामला विचाराधीन चल रहा था और दो महंथ में कुर्सी के लिए विवाद चल रहा था दोनों महंथ अपना दमखम लगा कर कुर्सी पाने के लिए कोर्ट में मुकदमा लड़ रहे थे 40 वर्षों बाद आखिरकर सत्य की जीत हुई और उदासीन आश्रम की कुर्सी पर का काबिज उमा शंकर दास के पक्ष में फैसला सुनाया गया जिसको लेकर महंत उमा शंकर दास और उनके समर्थकों में खुशी की लहर दौड़ गई कोर्ट के फैसले के बाद उत्तर प्रदेश उदासीन आश्रम के महामंडलेश्वर स्वामी हरिप्रसाद ने बैठक का कोरम पूरा करते हुए महंत उमाशंकर दास को उदासीन आश्रम का अध्यक्ष होने का प्रमाण पत्र भी सौंपा. ईटीवी भारत से बातचीत में महंथ शंकर दास ने बताया कोर्ट में 40 वर्षों से मामला चल रहा था वहीं फैसले के बाद सत्य की जीत हुई है हम इस मठ के माध्यम से गरीब और असहाय की सेवा करता रहूंगा.

बाइट- उमा शंकर दास महंथ उदासीन आश्रम
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