ETV Bharat / briefs

लखनऊ: नाक से खून आये तो न करें नजरअंदाज, हो सकती है बड़ी परेशानी

लखनऊ के संजय गांधी पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट में तीन दिवसीय 37 वें यूपीएओआईकॉन का शुभारंभ हुआ. इस आयोजन की खास बात ये है कि इसमें न्यूरो सर्जरी और ईएनटी विभाग को मिलाकर किए जाने वाले नियो-ऑटोलॉजी के बारे में तमाम जानकारियां साझा की गई.

तीन दिवसीय 37 वें यूपीएओआईकॉन का शुभारंभ.
author img

By

Published : Nov 10, 2019, 8:29 AM IST

लखनऊ: संजय गांधी पोस्टग्रेजुएट इंस्टीट्यूट लखनऊ में तीन दिवसीय 37वें यूपीएओआईकॉन का शुभारंभ किया गया. इस आयोजन में देशभर से 250 से भी अधिक ईएनटी सर्जन और विशेषज्ञों शामिल हो रहे हैं.

तीन दिवसीय 37 वें यूपीएओआईकॉन का शुभारंभ.
इसे भी पढ़ें-अयोध्या : फैसले से पहले पक्षकारों ने पेश की सौहार्द की मिसालमरीजों के इलाज में नित नए प्रयास इस अवसर पर संजय गांधी पोस्टग्रेजुएट इंस्टीट्यूट लखनऊ के निदेशक डॉ. राकेश कपूर ने कहा कि नियो-ऑटोलॉजी विधा की पूरी टीम को बधाई देना चाहूंगा जो मरीजों के इलाज में नित नए प्रयास कर रहे हैं और जिनकी वजह से मरीजों को बेहतर सेवाएं मिल पा रही हैं. विज्ञान हमेशा सीखने और सिखाने की प्रक्रिया है. इसी प्रक्रिया के तहत नए रिसर्च भी होते रहते हैं और इससे डॉक्टर्स भी सीखते रहते हैं.इसे भी पढे़ं-लखनऊ मेल में अचानक लगी आग, आग पर पाया गया काबूबिना चीरा लगाए दूरबीन विधि से खत्म होगा ट्यूमरइस अवसर पर एसजीपीजीआई लखनऊ के ईएनटी विशेषज्ञ डॉक्टर अमित केसरी ने बताया कि नियो-ऑटोलॉजी न्यूरो सर्जरी और ईएनटी विभाग की मिली जुली विधा है. इसके जरिए हम बिना चीरा लगाए उन तमाम जटिल ट्यूमर को खत्म करते हैं जो मरीज का जीना दुश्वार करते हैं.

इन जटिल ट्यूमर में कई तरह के ट्यूमर शामिल होते हैं. जैसे कि नाक के ट्यूमर, कान के ट्यूमर, या ऐसे ट्यूमर जो नाक से दिमाग में जाते हैं या दिमाग से आंखों या नाक पर आते हैं. इन सभी को हम दूरबीन विधि से पूरी तरह से खत्म कर सकते हैं.

लेट स्टेज में आते हैं मरीज
इस अवसर पर पीजीआई चंडीगढ़ से आए ईएनटी विशेषज्ञ डॉक्टर रमनदीप विर्क ने कहा कि 10 वर्ष की आयु से 15 वर्ष की आयु तक के बच्चों खासकर के लड़कों में नाक के टयूमर्स की समस्याएं काफी देखी जाती हैं. इस बीमारी को एंजियोफाइब्रोमा कहा जाता है. परेशानी की बात यह है कि यह अक्सर हमारे पास लेट स्टेज में ही इसमें मरीज आ पाते हैं.

इसकी वजह यह होती है कि शुरुआती स्टेज में नाक से खून आने पर नॉर्मल फिजिशियंस को दिखाने पर वह इसमें इलाज तो करते हैं पर वह सही इलाज नहीं होता. जरूरत यह है कि अगर लगातार नाक से खून निकल रहा हो और अधिक निकल रहा हो, तो इसकी किसी स्पेशलिस्ट से जांच करवाएं, ताकि सही समय पर बीमारी पकड़ में आ सके और उसका पूरा इलाज किया जा सके.

लखनऊ: संजय गांधी पोस्टग्रेजुएट इंस्टीट्यूट लखनऊ में तीन दिवसीय 37वें यूपीएओआईकॉन का शुभारंभ किया गया. इस आयोजन में देशभर से 250 से भी अधिक ईएनटी सर्जन और विशेषज्ञों शामिल हो रहे हैं.

तीन दिवसीय 37 वें यूपीएओआईकॉन का शुभारंभ.
इसे भी पढ़ें-अयोध्या : फैसले से पहले पक्षकारों ने पेश की सौहार्द की मिसालमरीजों के इलाज में नित नए प्रयास इस अवसर पर संजय गांधी पोस्टग्रेजुएट इंस्टीट्यूट लखनऊ के निदेशक डॉ. राकेश कपूर ने कहा कि नियो-ऑटोलॉजी विधा की पूरी टीम को बधाई देना चाहूंगा जो मरीजों के इलाज में नित नए प्रयास कर रहे हैं और जिनकी वजह से मरीजों को बेहतर सेवाएं मिल पा रही हैं. विज्ञान हमेशा सीखने और सिखाने की प्रक्रिया है. इसी प्रक्रिया के तहत नए रिसर्च भी होते रहते हैं और इससे डॉक्टर्स भी सीखते रहते हैं.इसे भी पढे़ं-लखनऊ मेल में अचानक लगी आग, आग पर पाया गया काबूबिना चीरा लगाए दूरबीन विधि से खत्म होगा ट्यूमरइस अवसर पर एसजीपीजीआई लखनऊ के ईएनटी विशेषज्ञ डॉक्टर अमित केसरी ने बताया कि नियो-ऑटोलॉजी न्यूरो सर्जरी और ईएनटी विभाग की मिली जुली विधा है. इसके जरिए हम बिना चीरा लगाए उन तमाम जटिल ट्यूमर को खत्म करते हैं जो मरीज का जीना दुश्वार करते हैं.

इन जटिल ट्यूमर में कई तरह के ट्यूमर शामिल होते हैं. जैसे कि नाक के ट्यूमर, कान के ट्यूमर, या ऐसे ट्यूमर जो नाक से दिमाग में जाते हैं या दिमाग से आंखों या नाक पर आते हैं. इन सभी को हम दूरबीन विधि से पूरी तरह से खत्म कर सकते हैं.

लेट स्टेज में आते हैं मरीज
इस अवसर पर पीजीआई चंडीगढ़ से आए ईएनटी विशेषज्ञ डॉक्टर रमनदीप विर्क ने कहा कि 10 वर्ष की आयु से 15 वर्ष की आयु तक के बच्चों खासकर के लड़कों में नाक के टयूमर्स की समस्याएं काफी देखी जाती हैं. इस बीमारी को एंजियोफाइब्रोमा कहा जाता है. परेशानी की बात यह है कि यह अक्सर हमारे पास लेट स्टेज में ही इसमें मरीज आ पाते हैं.

इसकी वजह यह होती है कि शुरुआती स्टेज में नाक से खून आने पर नॉर्मल फिजिशियंस को दिखाने पर वह इसमें इलाज तो करते हैं पर वह सही इलाज नहीं होता. जरूरत यह है कि अगर लगातार नाक से खून निकल रहा हो और अधिक निकल रहा हो, तो इसकी किसी स्पेशलिस्ट से जांच करवाएं, ताकि सही समय पर बीमारी पकड़ में आ सके और उसका पूरा इलाज किया जा सके.

Intro:लखनऊ। चिकित्सा जगत में नित नए प्रयास होते रहते हैं और एक नई विधा का जन्म होता रहता है। इस विधा से डॉक्टरों को नई जानकारी मिलती है और मरीजों को बेहतर इलाज। इसी सिलसिले में संजय गांधी पोस्टग्रेजुएट इंस्टीट्यूट लखनऊ में तीन दिवसीय 37वें यूपीएओआईकॉन का शुभारंभ किया गया। इस आयोजन में में देशभर से 250 से भी अधिक ईएनटी सर्जन और विशेषज्ञों ने प्रतिभाग किया है। इस आयोजन की खास बात यह है कि इसमें न्यूरो सर्जरी और ईएनटी विभाग को मिलाकर किए जाने वाले नियो-ऑटोलॉजी के बारे में तमाम जानकारियां साझा की जा रही हैं।


Body:वीओ1

इस अवसर पर संजय गांधी पोस्टग्रेजुएट इंस्टीट्यूट लखनऊ के निदेशक डॉ राकेश कपूर ने कहा कि नियो-ऑटोलॉजी विधा की पूरी टीम को बधाई देना चाहूंगा जो मरीजों के इलाज में नित नए प्रयास कर रहे हैं और जिनकी वजह से मरीजों को बेहतर सेवाएं मिल पा रहे हैं। विज्ञान हमेशा सीखने और सिखाने की प्रक्रिया है। इसी प्रक्रिया के तहत नए रिसर्च भी होते रहते हैं और इससे डॉक्टर्स भी सीखते रहते हैं।

इस अवसर पर एसजीपीजीआई लखनऊ के ईएनटी विशेषज्ञ डॉक्टर अमित केसरी ने बताया कि नियो- ऑटोलॉजी न्यूरो सर्जरी और एंटी विभाग कि मेरी जुली विधा है जिसके जरिए हम बिना चीरा लगाए उन तमाम जटिल टयूमर्स को खत्म करते हैं जो मरीज का जीना दुश्वार करती हैं। इन जटिल टयूमर्स में कई तरह के टयूमर्स शामिल होते हैं। जैसे कि नाक के टयूमर्स, कान के टयूमर्स, या ऐसे टयूमर्स जो नाक के द्वारा दिमाग में जाते हैं या दिमाग से आंखों या नाक पर आते हैं। इन सभी को हम दूरबीन विधि के द्वारा पूरी तरह से खत्म कर सकते हैं।






Conclusion:इस अवसर पर पीजीआई चंडीगढ़ से आए ईएनटी विशेषज्ञ डॉक्टर रमनदीप विर्क ने कहा कि 10 वर्ष की आयु से 15 वर्ष की आयु तक के बच्चों खासकर के लड़कों में नाक के टयूमर्स की समस्याएं काफी देखी जाती हैं। इस बीमारी को एंजियोफाइब्रोमा कहा जाता है। परेशानी की बात यह है कि यह अक्सर हमारे पास लेट स्टेज इसमें ही मरीज आ पाते हैं इसकी वजह यह होती है कि शुरुआती स्टेज में नाक से खून आने पर नॉर्मल फिजिशियंस को दिखाने पर वह इसमें इलाज तो करते हैं पर वह सही इलाज नहीं होता। जरूरत यह है कि यदि लगातार नाक से खून निकल रहा हो और अधिक निकल रहा हो, तो इसकी किसी स्पेशलिस्ट से जांच करवाएं ताकि सही समय पर बीमारी पकड़ में आ सके और उसका पूरा इलाज किया जा सके।

बाइट- डॉ राकेश कपूर, निदेशक, एसजीपीजीआई लखनऊ
बाइट- डॉ अमित केसरी, ईएनटी विशेषज्ञ, पीजीआई
बाइट- डॉ रमन डीप विर्क, पीजीआई चंडीगढ़

रामांशी मिश्रा
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.