लखनऊ: संजय गांधी पोस्टग्रेजुएट इंस्टीट्यूट लखनऊ में तीन दिवसीय 37वें यूपीएओआईकॉन का शुभारंभ किया गया. इस आयोजन में देशभर से 250 से भी अधिक ईएनटी सर्जन और विशेषज्ञों शामिल हो रहे हैं.
इन जटिल ट्यूमर में कई तरह के ट्यूमर शामिल होते हैं. जैसे कि नाक के ट्यूमर, कान के ट्यूमर, या ऐसे ट्यूमर जो नाक से दिमाग में जाते हैं या दिमाग से आंखों या नाक पर आते हैं. इन सभी को हम दूरबीन विधि से पूरी तरह से खत्म कर सकते हैं.
लेट स्टेज में आते हैं मरीज
इस अवसर पर पीजीआई चंडीगढ़ से आए ईएनटी विशेषज्ञ डॉक्टर रमनदीप विर्क ने कहा कि 10 वर्ष की आयु से 15 वर्ष की आयु तक के बच्चों खासकर के लड़कों में नाक के टयूमर्स की समस्याएं काफी देखी जाती हैं. इस बीमारी को एंजियोफाइब्रोमा कहा जाता है. परेशानी की बात यह है कि यह अक्सर हमारे पास लेट स्टेज में ही इसमें मरीज आ पाते हैं.
इसकी वजह यह होती है कि शुरुआती स्टेज में नाक से खून आने पर नॉर्मल फिजिशियंस को दिखाने पर वह इसमें इलाज तो करते हैं पर वह सही इलाज नहीं होता. जरूरत यह है कि अगर लगातार नाक से खून निकल रहा हो और अधिक निकल रहा हो, तो इसकी किसी स्पेशलिस्ट से जांच करवाएं, ताकि सही समय पर बीमारी पकड़ में आ सके और उसका पूरा इलाज किया जा सके.