लखीमपुर : योगी सरकार की एस्मा की घोषणा के बाद भी शिक्षक कर्मचारी महा हड़ताल में शामिल हुए. पुरानी पेंशन बहाली को लेकर सरकार के खिलाफ शिक्षकों और कर्मचारियों ने ऑफिस में जाकर ताल ठोक दी है. खीरी जिले में 1427 शिक्षक और एक हजार के करीब कर्मचारी हड़ताल में शामिल हुए.
यूपी के सबसे बड़े जिले लखीमपुर खीरी में विकास भवन कलेक्ट्रेट में कर्मचारियों ने काम नहीं किया. कर्मचारी ऑफिसों में न बैठकर बाहर निकल आए. विकास भवन के बाहर जमकर नारेबाजी हुई. शिक्षकों ने कहा कि सरकार ने पेंशन के रूप में दी जाने वाली हमारे बुढ़ापे की लाठी भी छीन ली और अब सरकार एस्मा लगाकर हमारे अधिकारों का भी दमन करना चाहती है. उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में प्रदर्शन कर अपनी बात कहने का अधिकार भी सरकार हमसे छीन रही है.
शिक्षकों ने कहा कि पुरानी पेंशन बहाली की मांग को लेकर चल रही हड़ताल 12 फरवरी तक जारी रहेगी. स्वास्थ्य विभाग, पीडब्ल्यूडी, परिवहन विकास विभाग समेत तमाम विभागों के कर्मचारी इसमें शामिल हुए. हालांकि तमाम शिक्षकों ने अपने विद्यालय खुले भी रखें पर शिक्षक और कर्मचारी संगठनों ने तमाम जगह विद्यालय बंद करवाया और उन्हें हड़ताल में शामिल करवाया.
बीएसए खीरी बुद्ध प्रिय सिंह ने बताया कि खंड शिक्षा अधिकारियों से रिपोर्ट मांगी गई है. अब तक 1427 शिक्षक विद्यालयों से अनुपस्थित पाए गए हैं. शिक्षा विभाग ने तो महा हड़ताल रोकने के लिए छुट्टी का सरकारी पोर्टल ही बंद कर दिया था और किसी भी कीमत पर किसी शिक्षक को छुट्टी देने की मनाही कर दी थी.
बीएसए का कहना है कि रिपोर्ट आ गई है. शासन के आदेश के आधार पर कार्रवाई भी की जाएगी. मुख्य विकास अधिकारी रवि रंजन ने बताया कि हड़ताल का असर खीरी जिले में कम ही रहा, जो रिपोर्ट बनवाई गई है. उसमें 10% कर्मचारी की हड़ताल में शामिल पाए गए हैं. इधर शिक्षक नेता संजीव त्रिपाठी ने कहा कि सरकार के दमन चक्र के आगे उनके हड़ताल रुकने वाली नहीं सरकार ने बुढ़ापे की लाठी चीनी है हड़ताल जारी रहेगी.