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बुलंदशहर: प्राथमिक विद्यालयों की सुधरेगी दशा, कॉन्वेंट की तर्ज पर मिलेगी शिक्षा

बुलंदशहर में जिलाधिकारी ने जिले के 100 प्राथमिक विद्यालयों की दशा सुधारने का बीड़ा उठाया है. उन्होंने इसके तहत 100 विद्यालयों को चिन्हित किया है. जिन्हें सुधारने की कवायद शुरू कर दी गई है.

प्राथमिक विद्याल
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Published : Feb 25, 2019, 1:59 PM IST

बुलंदशहर: प्राथमिक विद्यालयों में व्यवस्था चुस्त-दुरूस्त करने के लिए प्रशासन ने कमर कस ली है. इसी के तहत शिक्षा विभाग के आला अधिकारियों ने जिले के जर्जर और दयनीय 100 विद्यालयों को चिन्हित किया है. जिन्हें कान्वेंट की तर्ज पर संवारा जाएगा.


बुलंदशहर जिले में बेसिक शिक्षा के अंतर्गत आने वाले कुल 2399 विद्यालय हैं. जिनमें अधिकतर विद्यालयों की दिशा और दशा दयनीय और जीर्ण सिर्ण अवस्था में है. इन विद्यालयों की जिलाधिकारी ने सुध लेने के बाद इनकी दशा सुधारने की कवायद शुरू कर दी है. जिलाधिकारी का कहना है कि दुर्दशा झेल रहे 100 विद्यालयों के न सिर्फ दिन बहुरने चाहिए, बल्कि शिक्षा भी कान्वेंट की तर्ज पर होनी चाहिए. उन्होंने बताया कि पहले चरण में ऐसे विद्यालय चिन्हित किए गए हैं जो बुनियादी सुविधाओं के अभाव में बना हुआ था.

जल्द सुधरेगी प्राथमिक विद्यालयों की तस्वीर.


उन्होंने आगे बताया कि इन विद्यालयों में मॉडर्न क्लास भी चलेंगे. अगर इसके लिए जिले के संस्थाओं और उद्यमियों से भी सहयोग की आवश्यकता हुई तो उसकी भी रणनीति तैयार की गई है. वहीं बेसिक शिक्षा अधिकारी का कहना है कि इसके लिए हर स्तर से अब स्कूलों का चयन कर लिया गया है. इन्हें जल्द ही सरकारी और गैर सरकारी सहयोग के बल पर बेहतर बनाया जाएगा.


विद्यालयों की दशा सुधरने के बाद छात्रों के भी शिक्षा स्तर में सुधार होगा, बल्कि असुविधाओं और अपर्याप्त संसाधनों की कमी पूरी हो जाने पर बच्चों के परिजनों का भी ध्यान जाएगा. महंगे निजी प्राइवेट स्कूलों में जाने के बजाय बच्चे इन विद्यालयों में भी कॉन्वेंट की तर्ज पर शिक्षा ले सकेंगे.

बुलंदशहर: प्राथमिक विद्यालयों में व्यवस्था चुस्त-दुरूस्त करने के लिए प्रशासन ने कमर कस ली है. इसी के तहत शिक्षा विभाग के आला अधिकारियों ने जिले के जर्जर और दयनीय 100 विद्यालयों को चिन्हित किया है. जिन्हें कान्वेंट की तर्ज पर संवारा जाएगा.


बुलंदशहर जिले में बेसिक शिक्षा के अंतर्गत आने वाले कुल 2399 विद्यालय हैं. जिनमें अधिकतर विद्यालयों की दिशा और दशा दयनीय और जीर्ण सिर्ण अवस्था में है. इन विद्यालयों की जिलाधिकारी ने सुध लेने के बाद इनकी दशा सुधारने की कवायद शुरू कर दी है. जिलाधिकारी का कहना है कि दुर्दशा झेल रहे 100 विद्यालयों के न सिर्फ दिन बहुरने चाहिए, बल्कि शिक्षा भी कान्वेंट की तर्ज पर होनी चाहिए. उन्होंने बताया कि पहले चरण में ऐसे विद्यालय चिन्हित किए गए हैं जो बुनियादी सुविधाओं के अभाव में बना हुआ था.

जल्द सुधरेगी प्राथमिक विद्यालयों की तस्वीर.


उन्होंने आगे बताया कि इन विद्यालयों में मॉडर्न क्लास भी चलेंगे. अगर इसके लिए जिले के संस्थाओं और उद्यमियों से भी सहयोग की आवश्यकता हुई तो उसकी भी रणनीति तैयार की गई है. वहीं बेसिक शिक्षा अधिकारी का कहना है कि इसके लिए हर स्तर से अब स्कूलों का चयन कर लिया गया है. इन्हें जल्द ही सरकारी और गैर सरकारी सहयोग के बल पर बेहतर बनाया जाएगा.


विद्यालयों की दशा सुधरने के बाद छात्रों के भी शिक्षा स्तर में सुधार होगा, बल्कि असुविधाओं और अपर्याप्त संसाधनों की कमी पूरी हो जाने पर बच्चों के परिजनों का भी ध्यान जाएगा. महंगे निजी प्राइवेट स्कूलों में जाने के बजाय बच्चे इन विद्यालयों में भी कॉन्वेंट की तर्ज पर शिक्षा ले सकेंगे.

Intro: बुलंदशहर में प्राथमिक विद्यालयों के ढंग सुधारने के लिए जिले के 100 विद्यालयों को पूरी तरह से बेहतर करने के लिए आला अधिकारियों ने तमाम कवायद शुरू कर दी हैं,पहले चरण में जिले के 100 ऐसे विद्यालयों को चिन्हित किया गया है जिन की दिशा और दशा काफी जर्जर और दयनीय है ,इन विधालयों को कान्वेंट की तर्ज पर संवारने का बीड़ा उठाया है यहां जिलाधिकारी ने,पेश है ईटीवी की विशेष रिपोर्ट।


Body:बुलंदशहर जिले में कुल 2399 बेसिक शिक्षा के अंतर्गत आने वाले विद्यालय हैं ,जिनमें अधिकतर विद्यालयों की दिशा और दशा अभी तक भी काफी दयनीय और जीर्ण सिर्ण अवस्था मे है, अब ऐसे विद्यालयों की सुध ली है जिलाधिकारी ने।
2007 में बेहतरीन रैंकिंग पाकर आईएएस बने जिले के डीएम अभयकुमार ने अपने तमाम मातहतों को निर्देशित किया है की अगर बेसिक शिक्षा विभाग कहीं किसी भी विभाग से सहयोग मांगता है तो वह वरीयता से करें ,जिलाधिकारी का मानना है कि दुर्दशा झेल रहे विद्यालयों के न सिर्फ दिन बहुरने चाहिए ,बल्कि शिक्षा कान्वेंट की तर्ज पर भी हो,,पहले चरण में ऐसे विद्यालय चिन्हित किए गए हैं जहां बुनियादी सुविधाओं का अभाव बना हुआ था ,अधिकारियों ने अब इन विद्यालयों की दिशा दशा सुधारने का बीड़ा उठाया है ,पहले चरण में जिन 100 स्कूलों के हालात सुधारने को कवायदें की जा रही हैं ,उनमें इस बात का विशेष ख्याल रखा जा रहा है कि वहां तमाम बुनियादी सुविधायें उपलब्ध हो सकें,चिन्हित इन विद्यालयों में मॉडर्न क्लास भी चलेंगे ,इसके लिए अगर आवश्यकता हो तो जिले के संस्थाओं और उद्यमियों से भी सहयोग लेने को एक रणनीति तैयार की गई है ,फिलहाल जिलाधिकारी का ये प्रयोग प्राथमिक विधालयों में किया जा रहा है,जिम्मेदार अफ़सर कहते हैं कि यह प्रयोग 100 विद्यालयों के लिए किया जा रहा हो..ऐसा नहीं हैं,बल्कि इन 100 बदहाल सरकारी स्कूलों से तो शुरुआत की जारही है।बेसिक शिक्षा अधिकारी का कहना है कि इसके लिए हर स्तर से अब स्कूलों का चयन कर लिया गया है ,और इन्हें जल्द ही सरकारी और गैर सरकारी सहयोग के बल पर बेहतर बनाया जाएगा।

बाइट...अम्बरीष कुमार यादव, बेसिक शिक्षा अधिकारी,बुलंदशहर।





Conclusion:अगर सरकारी सहयोग के अलावा गैरसरकारी संस्थाओं और उधमियों ने भी इसमें रुचि दिखाई तो जिले के सरकारी विधालयों की कायापलट होना स्वाभाविक है,जिससे न सिर्फ छात्र पढ़ने में अच्छा महसूस करेंगे ,बल्कि असुविधाओं और अपर्याप्त संसाधनों की कमी पूरी हो जाने पर इन विधालयों की तरफ गार्जियन का भी ध्यान जाएगा और महंगे निजी प्राइवेट स्कूलों में अपने बच्चों को भेजने की वजाए इन विधालयों में अच्छी शिक्षा कॉन्वेंट की तर्ज पर हो सकेगी।और अगर यह कामयाब रहा तो आगे भी इसे कंटिन्यू किया जाएगा जिलाधिकारी ने साफ तौर पर निर्देशित किया है कि सभी आवश्यक कदम उठाए जाएं और जो विद्यालय चिन्हित किए गए हैं उनमें स्मार्ट क्लास से लेकर वह तमाम बुनियादी जरूरतें पूरी हों,साथ में स्वच्छता और शौचालय जैसी जरूरत भी पूरी होनी चाहिए, इसके लिए प्रयास तेज कर दिए गए हैं ।
पीटीसी... श्रीपाल तेवतिया,

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