लखनऊ: सुब्रह्मण्यम स्वामी बोले, बाबरी मस्जिद मामले में किसी तरह की मध्यस्थता की जरूरत नहीं है. उन्होंने कहा कि नरसिम्हा राव के समय मैंने मध्यस्थता की थी, लेकिन मुस्लिम संगठन तैयार नहीं हुए. मध्यस्थता में वे जमीन के बंटवारे की बात करेंगे तो हम नहीं मानेंगे. अगर वे कहीं और मस्जिद बनाने के लिए तैयार हों तो हम उसका खर्च भी उठाएंगे. उन्होंने यह भी कहा कि मस्जिद कहीं भी बनाई जा सकती है. यहां तक कि सऊदी अरब सड़क बनाने के लिए मस्जिदें तोड़ता रहता है. मस्जिद एक इबादतस्थल है, जो कभी भी कहीं भी बनायी जा सकती है. जबकि राम के जन्म का विश्वास सिर्फ अयोध्या में है.