प्रयागराजः जिले के बहुचर्चित उमेश पाल हत्याकांड में अतीक अहमद के गैंग का नाम सामने आने के साथ ही उसके सबसे खास गुर्गे बमबाज गुड्डू मुस्लिम का नाम सबसे ज्यादा चर्चा में रहा है. उमेश पाल और दो सिपाहियों की हत्या में बमबाजी करके घटना को अंजाम देने में अहम किरदार निभाने वाले गुड्डू मुस्लिम के घर को गिराने के लिए पीडीए ने दो बार नोटिस जारी किया लेकिन उसके बावजूद अभी तक उसका घर नहीं गिराया जा सका है. ऐसे में अब ये सवाल उठने लगा है कि जब अतीक अहमद तक का घर गिरा दिया गया तो गुड्डू मुस्लिम का घर गिराने में पीडीए (प्रयागराज विकास प्राधिकरण) बैकफुट पर क्यों चला गया है.
प्रयागराज में उमेश पाल की 24 फरवरी को बम और गोलियों से छलनी कर हत्या कर दी गयी थी.इस हत्या कांड में अतीक अहमद के बेटे असद के साथ ही उसके कई गुर्गे नामजद आरोपी बने थे.इन्हीं में सबसे चर्चित गुर्गा गुड्डू मुस्लिम रहा है.गुड्डू मुस्लिम का चकिया इलाके में दो मंजिला मकान बना हुआ है. इसका निर्माण नियमों के विपरीत किया गया है उसी के आधार पर गुड्डू मुस्लिम के घर को जमींदोज करने का नोटिस उसके घर पर चस्पा किया गया था.
मार्च महीने के शुरुआत में नोटिस जारी कर गुड्डू मुस्लिम के चक निरातुल इलाके में बने अवैध निर्माण को लेकर नोटिस जारी कर जवाब मांगा था लेकिन गुड्डू मुस्लिम की तरफ से जवाब न मिलने पर दोबारा ध्वस्तीकरण की नोटिस उसके घर पर लगाया गया जिसमें लिखा गया था कि अगर तय समय में स्वयं के द्वारा अवैध निर्माण को ध्वस्त नहीं किया गया तो पीडीए की तरफ से उसे ध्वस्त किया जाएगा.
पीडीए के द्वारा 15 अप्रैल तक गुड्डू मुस्लिम के घर को गिराने के लिए नोटिस लगायी गयी थी लेकिन नोटिस की मियाद पूरी होने के एक महीने बाद भी उसके घर को ध्वस्त नहीं किया गया है. इसकी वजह से अब पीडीए की कार्यवाई को लेकर भी सवाल खड़े होने लगे हैं.चर्चा यह भी हो रही है की पीडीए ने कहीं किसी के दबाव को लेकर तो कार्यवाई पर रोक तो नहीं लगा दी है.
प्रयागराज विकास प्राधिकरण ने उमेश पाल हत्याकांड में मुख्य आरोपी के रूप में सामने आए गुड्डू मुस्लिम के उस घर के बाहर नोटिस लगायी गयी थी.पीडीए की ये नोटिस गुड्डू मुस्लिम के उस घर पर लगायी गयी थी जो अतीक अहमद के चकिया वाले घर के नजदीक चक निरातुल में बना हुआ है.उसी घर के बाहर पीडीए की तरफ से नोटिस लगायी गयी थी लेकिन उस नोटिस की समय सीमा पूरी होने के करीब एक महीने बाद भी उसके घर को ध्वस्त करने की कार्यवाई नहीं की जा सकी है.
अतीक गैंग के सबसे खास बमबाज गुड्डू मुस्लिम का मकान जमींदोज नहीं होने की वजह से अब कई तरह की चर्चाएं शुरू हो गई है. गुड्डू मुस्लिम को लेकर एक चर्चा यह भी थी कि जब 13 अप्रैल को असद का एनकाउंटर हुआ उस वक्त तक गुड्डू मुस्लिम पुलिस का मुखबिर बन चुका था. गुड्डू की मुखबिरी की वजह से ही असद और शूटर ग़ुलाम का एनकाउंटर हुआ है. असद और ग़ुलाम के एनकाउंटर के बाद गुड्डू मुस्लिम के खिलाफ की जाने वाली कार्यवाई की रफ्तार थम गयी है.
इधर, गुड्डू मुस्लिम के खिलाफ पीडीए की कार्यवाई की रफ्तार थमने से इस बात की चर्चा को बल मिलने लगा है कि कहीं गुड्डू मुस्लिम पुलिस का मुखबिर तो नहीं बन गया है. इस वजह से उसके खिलाफ की जाने वाली कार्यवाई पर रोक लगा दी गई है.
संकरी गली भी बनी ध्वस्तीकरण में बाधा
बमबाज गुड्डू मुस्लिम का घर जिस संकरी गली में है उस गली में किसी दोपहिया वाहन का आना जाना भी आसान नहीं है.एक वजह यह भी हो सकती है जिस गली में बाइक जाना भी आसान नहीं है उस गली में बुलडोजर से ध्वस्तीकरण नहीं हो सकता है. इस कारण पीडीए ने अब तक गुड्डू मुस्लिम के घर को गिराने की कार्यवाई नहीं की है जबकि गुड्डू मुस्लिम के घर को मजदूरों को लगाकर गिराया जा सकता है.लेकिन नोटिस का समय बीतने के बाद भी अभी तक ध्वस्तीकरण की कार्यवाई नहीं करने पर पीडीए की मंशा पर भी सवाल उठने लगे हैं.वहीं इस मामले में अभी तक पीडीए ने ध्वस्तीकरण क्यों नहीं की है इस बारे में सम्बंधित अफसर कुछ भी बोलने से बच रहे हैं.