नई दिल्ली: सूचना और प्रसारण मंत्रालय (Ministry of Information and Broadcasting) ने देश के निजी समाचार चैनलों को कड़ी चेतावनी जारी की है. जिसके लिए रूस-यूक्रेन युद्ध (Russia Ukraine War) व जहांगीरपुरी हिंसा मामलों का उदाहरण दिया गया है. सरकार ने कड़े शब्दों में सलाह दी है जिसमें 9 विशिष्ट कार्यक्रमों और भारतीय समाचार चैनलों द्वारा 24 फरवरी से शुरू हुए रूस-यूक्रेन युद्ध के कवरेज के उदाहरणों का हवाला दिया गया है.
हालांकि मंत्रालय ने चैनलों का नाम नहीं लिया लेकिन उन्होंने कार्यक्रमों का नाम लिया है. साथ ही यह भी निर्दिष्ट किया है कि उनमें क्या गलत है? मंत्रालय द्वारा उद्धृत सभी नौ विशिष्ट उदाहरणों में से सभी भारतीय समाचार चैनलों द्वारा यूक्रेन के खिलाफ रूस द्वारा परमाणु हथियारों के उपयोग की संभावना को कवर करने के तरीके से संबंधित है. सरकार ने न केवल भारतीय समाचार चैनलों को समाचार सामग्री से असंबंधित निंदनीय सुर्खियों का उपयोग करते हुए पाया बल्कि दर्शकों को उकसाने के लिए निराधार और मनगढ़ंत दावे करने सहित अतिशयोक्ति का उपयोग करने के लिए भी टीवी पत्रकारों की आलोचना की है.
सनसनीखेज रिपोर्टिंग: एडवाइजरी के अनुसार एक समाचार चैनल ने 18 अप्रैल 2022 को समाचार आइटम 'यूक्रेन में एटोमी हैडकैंप' प्रसारित किया. जिसमें उसने उल्लेख किया कि रूस, यूक्रेन पर परमाणु हमले की योजना बना रहा है. सरकार ने कहा कि चैनल ने स्थिति को और सनसनीखेज बना दिया और उल्लेख किया कि आने वाले कुछ दिनों में यह हमला होगा. रिपोर्ट में अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों को भी गलत तरीके से उद्धृत किया गया है.
यह भी है उदाहरण: दूसरा मामला युद्ध की कवरेज में शामिल एक अन्य चैनल के बारे में है. इसने इस हद तक तथ्यहीन अटकलों को हवा देना जारी रखा कि दर्शकों के मन में डर पैदा हो गया. क्योंकि यह दावा किया गया था कि 'रूस ने यूक्रेन पर परमाणु हमले के लिए 24 घंटे की समय सीमा तय कर दी' है. यूक्रेन पर संभावित हमले पर गलत रिपोर्टिंग के तीसरे उदाहरण का हवाला देते हुए मंत्रालय ने कहा कि एक समाचार चैनल ने 18 अप्रैल 2022 को 'परमाणु पुतिन से परेशान जेलेंस्की', 'परमाणु कार्रवाई की चिंता जेलेंस्की को अवसाद' शीर्षक से आधारहीन व सनसनीखेज समाचार प्रसारित किया.
गलत तथ्यों का उपयोग: चैनलों ने विदेशी एजेंसियों को गलत तरीके से उद्धृत करते हुए कई असत्यापित दावों को प्रसारित किया. जिसमें कहा गया है कि आधिकारिक रूसी मीडिया स्पष्ट रूप से बताता है कि तीसरा विश्व युद्ध शुरू हो गया है. मंत्रालय ने कहा कि चैनल ने झूठे दावों के साथ फुटेज भी दिखाया कि रूसी राष्ट्रपति अपने साथ परमाणु ब्रीफकेस ले जा रहे हैं. एक अन्य उदाहरण का हवाला देते हुए सरकार ने कहा कि एक समाचार चैनल ने 19 अप्रैल को गलत रिपोर्ट की और असत्यापित दावे किए. ऐसा ही एक दावा था कि 'अमेरिकी एजेंसी सीआईए का मानना है कि रूस, यूक्रेन पर परमाणु हथियारों का उपयोग करेगा'.
शीर्षकों पर आपत्ति: मंत्रालय के अनुसार ये अकेली घटनाएं नहीं हैं क्योंकि कुछ समाचार चैनल अक्सर ऐसे सनसनीखेज दावे करते हैं. उदाहरण के लिए एक समाचार चैनल ने अक्सर परमाणु युद्ध के सनसनीखेज दावे किए क्योंकि उसने 'परमाणु निशान' शीर्षक प्रसारित किया था! सरकार ने कहा कि चैनल ने इनमें से कई शोषक और निंदनीय युद्ध को बढ़ावा देने वाले दावे कई बार किए. एडवाइजरी में एक प्रमुख चैनल के उदाहरण का भी हवाला दिया गया है. जिसने सनसनीखेज सुर्खियों के तहत दर्शकों को गुमराह किया. जैसे कि 'यूक्रेन से पुतिन का परमाणु योजना तय?, परमाणु हमला होना तय है'? जो कि 19 अप्रैल 2022 को प्रसारित किया गया.
एडवाइजरी में कहा गया है कि चैनल अक्सर अपनी रिपोर्टिंग में इस तरह के भ्रामक और असंबंधित टैगलाइन का उपयोग करते हैं. एमआईबी ने कहा कि एक चैनल को प्राइम टाइम के दौरान सक्रिय संघर्ष पर सनसनीखेज अटकलें लगाते हुए पाया गया क्योंकि उक्त चैनल ने एटम बम गिरेगा? तीसरा विश्वयुद्ध शुरू होगा? आदि प्रसारित किये. सरकार ने कहा कि एक चैनल ने युद्ध पर असत्यापित और गलत समाचार के साथ दर्शकों को गुमराह किया.
एक असत्यापित और गलत समाचार का हवाला देते हुए शीर्षक दिया गया कि मारियुपोल समाप्त! पूर्ण और अंतिम' यह 20 अप्रैल 2022 को प्रसारित किया गया. मंत्रालय ने कहा कि इनमें से कई चैनलों के एंकर अतिशयोक्ति में बात करते हैं और अन्य स्रोतों को गलत तरीके से उद्धृत करते हुए तथ्यात्मक रूप से गलत टिप्पणी करते हैं. मंत्रालय ने कहा कि एक चैनल ने पिछले हफ्ते यूक्रेन पर आगामी परमाणु हमले का सबूत होने का दावा करते हुए मनगढ़ंत तस्वीरें प्रसारित कीं. मंत्रालय ने अपनी सलाह में कहा है कि यह समाचार पूरी तरह से दर्शकों को गुमराह करने और उनके अंदर मनोवैज्ञानिक उथल-पुथल पैदा करने का इरादा रखते हैं. जैसे कि शीर्षक है ये रात कयामत वाली है?.