कोलकाता : पश्चिम बंगाल के स्कूलों में शिक्षकों की नियुक्तियों में हुई गड़बड़ी की जांच के दौरान सीबीआई को राज्य मंत्री पार्थ चटर्जी के बयानों और भर्ती घोटाला की जांच करने वाली सलाहकार समिति के सदस्यों के बयानों में असमानता मिली है. सीबीआई के एक अधिकारी ने शुक्रवार को कहा मीडिया को बताया. सीबीआई के अनुसार, मंत्री ने सीबीआई को बताया कि उन्हें सलाहकार समिति के दिन-प्रतिदिन के कामकाज के बारे में बहुत कम जानकारी थी और व्यावहारिक रूप से इस पर कोई नियंत्रण नहीं था. हालांकि सीबीआई ने बंगाल के मंत्री को अगले सप्ताह दोबारा बुलाया है.
सीबीआई ने संसदीय कार्य, उद्योग और वाणिज्य मंत्री चटर्जी से बुधवार को उनके कार्यकाल के दौरान हुई अनियमितताओं के संबंध में तीन घंटे से अधिक समय तक पूछताछ की. शिक्षा मंत्री के कार्यकाल के बारे में विशेष पूछताछ की. चटर्जी को पूछताछ के दौरान राज्य के शिक्षा मंत्री के रूप में अपनी भूमिका निर्दिष्ट करने के लिए भी कहा गया था. सलाहकार समिति के सदस्यों के साथ मंत्री के संस्करणों में कई विसंगतियां हैं. हमें इन सवालों के जवाब चाहिए. इसलिए सीबाआई ने चटर्जी को अगले सप्ताह फिर से तलब किया है. उन्होंने बताया कि केंद्रीय एजेंसी के अधिकारी अगले सप्ताह तीन मसलों पर चटर्जी से पूछताछ कर सकते हैं- शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया, स्कूल सेवा आयोग की सलाहकार समिति की कार्यवाही और वित्तीय अनियमितताएं.
बता दें कि सीबीआई ने भर्ती घोटाले की जांच के तहत शुक्रवार को शिक्षा राज्य मंत्री परेश अधिकारी से नौ घंटे तक पूछताछ की. गुरुवार को अधिकारी और उनकी बेटी के अस्थायी रूप से लापता होने के बाद सामने आए. काफी ड्रामेबाजी के बाद पूछताछ के लिए एजेंसी के सामने पेश हुए. सीबीआई के अधिकारी के अनुसार मंत्री सीबीआई के अधिकारियों के साथ "सहयोग नहीं" कर रहे थे, जब उनसे उनकी बेटी की राज्य सरकार द्वारा सहायता प्राप्त स्कूल में नियुक्ति के बारे में कई सवाल पूछे गए. विशेष रूप से कलकत्ता उच्च न्यायालय जिसने सीबीआई को घोटाले की जांच करने का निर्देश दिया है, ने शुक्रवार को अधिकारी की बेटी को नौकरी से बर्खास्त कर दिया. साथ ही एक शिक्षक के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान प्राप्त वेतन वापस करने के लिए कहा.
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पीटीआई