मथुरा : उत्तर प्रदेश में वायरल बुखार का कहर इस कदर जारी है कि आम आदमी के सब्र का बांध टूट गया है. शनिवार को मथुरा से एक ऐसी ही तस्वीर सामने आई, जहां एक बुजुर्ग पिता स्थानीय मुख्य चिकित्सा अधिकारी (CMO) के पैरों में गिरकर अपने बच्चे को बचाने की गुहार करता नजर आया.
मथुरा जिले कई गांव इन दिनों रहस्यमय बुखार की चपेट में हैं. बुखार के कारण अब तक जनपद के लगभग 14 बच्चों की जान जा चुकी है, तो वहीं 100 से अधिक लोग बुखार की चपेट में हैं. स्वास्थ्य विभाग के अनुसार अधिकतर बच्चों की मौत डेंगू, वायरल फीवर, चिकनगुनिया आदि के कारण हुई है. ग्रामीण स्वास्थ्य विभाग और प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगा रहे हैं. ग्रामीण बच्चों की मौत की वजह से खौफजदा हैं. मथुरा में ग्रामीण मुख्य चिकित्सा अधिकारी के पैरों में गिर कर अपने बच्चों की जान की भीख मांगते हुए नजर आए.
ग्रामीणों का कहना है कि स्वास्थ्य विभाग अगर समय रहते ध्यान देता तो शायद अब तक इतने बच्चों की मौत नहीं होती और अब भी स्वास्थ्य विभाग लापरवाही बरत रहा है. नोडल अधिकारी डॉ. भूदेव सिंह ने बताया कि कोह गांव में अब तक 11 लोगों की मौत हो चुकी है. इनमें से अगर दो मौतें हटाई जाएंगी तो 9 लोगों की मौत मानी जाएगी. गांव के मरीज अलग-अलग जगहों पर भर्ती हैं. कुछ निजी अस्पतालों में है, कुछ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र फरह में, कुछ जिला अस्पताल में, तो कुछ संयुक्त चिकित्सालय वृंदावन में भर्ती हैं.
डॉ. भूदेव सिंह ने कहा कि अभी तक डेंगू से कितने लोगों की मौत हुई है, यह कह पाना संभव नहीं है. क्योंकि पहले जिन लोगों की मौत हुई थी, उनकी जांच नहीं हो पाई थी. अब जो मौत हो रही हैं, उनका डेटा हमारे पास है. उनका आंकड़ा हम बता सकते हैं. ज्यादातर मौतें निजी अस्पतालों में हो रही हैं.
उन्होंने कहा कि हो सकता है कि शुरू में हमारे प्रति लोगों में नाराजगी हो. उन्हें लगा हो कि दवाइयां एक ही तरह ही मिलती हैं. लेकिन धीरे-धीरे हम लोगों से बातचीत कर रहे हैं और उनकी जो शंका है, उसको दूर कर रहे हैं. मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. रचना गुप्ता फरह क्षेत्र के गांव कोह मैं मरीजों का हालचाल जानने के लिए पहुंची तो इस दौरान ग्रामीण मुख्य चिकित्सा अधिकारी के पैरों में गिर कर अपने बच्चों की जान की गुहार लगाते नजर आए.
हालांकि इस भावुक वीडियो पर राजनीति भी शुरु हो गई है और समाजवादी पार्टी ने वीडियो ट्विट कर यूपी सरकार पर सवालिया निशान लगाया है. सपा ने ट्विट किया कि 'उत्तर प्रदेश में दम तोड़ चुकी स्वास्थ्य सेवाओं के बीच बुखार का कहर जारी है और सरकार प्रचार अभियान में व्यस्त है. मथुरा में बीमार बच्चे का पिता अधिकारी के पैरों में गिर कर उपचार की गुहार मांगने को मजबूर हैं. इस विचलित कर देने वाले मंजर को जनता कभी नहीं करेगी माफ'.
मुख्यमंत्री ने दिए ये निर्देश
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रमुख सचिव (चिकित्सा शिक्षा) को निर्देश दिए हैं कि वह आगरा और फिरोजाबाद जनपद में शिविर लगाएं. उन्होंने इसके अलावा कोविड मरीजों के लिए आरक्षित ऑक्सीजन की सुविधा वाले पृथक बिस्तरों को डेंगू सहित अन्य वायरल बीमारियों के इलाज के लिए उपलब्ध रखने के भी निर्देश दिए हैं.
अपर निदेशक स्वास्थ्य आगरा मंडल डॉक्टर एके सिंह ने बताया कि फिरोजाबाद से लखनऊ स्थित किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय (केजीएमयू) 49 नमूने जांच के लिए भेजे गए थे जिनमें से 43 नमूनों में डेंगू का वायरस पाया गया है जबकि दो मामलों में लेप्टोस्पायरोसिस पाई गई है.
उन्होंने बताया कि आगरा मंडल में मैनपुरी में लगभग चार मामले डेंगू के पाए गए, लेकिन किसी की भी मौत नहीं हुई जबकि मथुरा में एक तारीख तक डेंगू के 54 मामले आए थे जिनमें नौ लोगों की मौत हो गई.
वहीं जिलाधिकारी ने मुख्य विकास अधिकारी चर्चित गौड़ को नोडल अधिकारी नियुक्ति किया है. जिलाधिकारी चंद्र विजय सिंह ने डेंगू एवं वायरल बुखार के बढ़ते प्रकोप के दौरान लापरवाही बरतने के आरोप में बृहस्पतिवार देर शाम तीन चिकित्सकों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया. उन्होंने यह चेतावनी भी दी है कि यदि चिकित्सा कार्य में किसी भी प्रकार की लापरवाही पाई गई तो सख्त कार्रवाई की जाएगी.
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अपर मुख्य सचिव सूचना नवनीत सहगल ने एक बयान में बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने निर्देश दिए कि बरसात के मौसम में जलजमाव और मौसम के प्रकोप से बढ़ रहीं बीमारियों की रोकथाम के लिए सभी जरूरी कदम उठाए जाएं. प्रत्येक जनपद में हर मरीज की सेहत पर नजर रखी जाए और परिजनों को रोगी के स्वास्थ्य के बारे में नियमित अंतराल पर जानकारी दी जाए
(एक्स्ट्रा-इनपुट-पीटीआई-भाषा)