वाराणसी: 32 साल पुराने चर्चित अवधेश राय हत्याकांड का फैसला (Varanasi MP MLA Court verdict on Mukhtar Ansari) सोमवार को सुनाया गया. बांदा जेल में बंद मुख्तार अंसारी को अदालत ने दोषी करार दिया था. इसके बाद उसको उम्रकैद की सजा सुनायी गयी. साथ ही अदालत ने 1 लाख रुपये जुर्माना भी लगाया है. फिलहाल मुख्तार को आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये कोर्ट में पेश किया गया था.
इस प्रकरण में अवधेश राय के भाई और पूर्व विधायक अजय राय ने कहा कि यह हमारे कई साल के इंतजार का अंत है. मैंने, मेरे माता-पिता ने और अवधेश राय की बेटी ने और पूरे परिवार ने धैर्य बनाए रखा था. मुख्तार अंसारी के कद और उनके आगे हम झुके नहीं थे. सरकारें आईं और गईं. मुख्तार अपने को मजबूत करता गया, लेकिन हमने हार नहीं मानी थी. इतने साल के हमारे और हमारे वकीलों के प्रयास की वजह से आज न्यायालय ने मेरे भाई के हत्याकांड मामले में मुख्तार को दोषी पाया. अब उम्मीद है कि न्यायालय न्याय उचित फैसला भी देगा और उचित सजा मुख्तार अंसारी को मिलेगी.
वहीं अवधेश हत्याकांड में अभियोजन पक्ष यानी अजय राय की तरफ से कोर्ट में अपना पक्ष रख रहे एडवोकेट अनुज यादव का कहना है कि अभियोजन पक्ष की तरफ से 36 पेज और विपक्षियों की तरफ से 41 पेज का लिखित और कमेंट कोर्ट में दाखिल किया गया था. इसे देखने के बाद कोर्ट ने मुख्तार अंसारी को दोषी पाया है. इस मामले में शेष लोग दूसरे न्यायालय में विचाराधीन मुकदमों में आरोपी हैं. माना जा रहा है उन्हें भी जल्द इस प्रकरण में सजा सुनाई जाएगी.
32 वर्ष पुराने इस हत्याकांड (Awadhesh Rai Murder Case) के वाराणसी एमपी एमएलए कोर्ट का फैसला आज आएगा. इस पर सभी की निगाहें टिकी हुई हैं. एमपी एमएलए/कोर्ट के न्यायाधीश अवनीश गौतम सोमवार को इस हत्याकांड में फैसला सुना सकते हैं. इसमें मुख्य आरोपी मुख्तार अंसारी है. मुख्तार अंसारी पर पिछले एक साल में कुल 4 मामलों पर कानून का शिकंजा कसा है, लेकिन अवधेश राय हत्याकांड को बेहद अहम माना जा रहा है. माना जा रहा है कि इस हत्याकांड का मामला सबसे बड़ा है और इसमें सबसे बड़ी सजा हो सकती है. इस हत्याकांड में मुख्तार अंसारी समेत चार नामजद आरोपियों पर फैसला हो सकता है.
अवधेश राय के छोटे भाई अजय राय वर्तमान में कांग्रेस के प्रांतीय अध्यक्ष हैं. 3 अगस्त 1991 को वाराणसी के चेतगंज थाना क्षेत्र के लहुराबीर इलाके में इस हत्याकांड को अंजाम दिया गया था. उस दिन सुबह का वक्त था, अवधेश राय अपने भाई अजय राय के साथ घर के बाहर खड़े थे. एक वैन से आए बदमाशों ने अचानक ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी. इसमें अवधेश राय को कई गोलियां लगी थीं. अफरा-तफरी में उन्हें अस्पताल ले जाया गया. वहां डॉक्टर ने उन्हें मृत घोषित कर दिया था. पूर्व विधायक अजय राय ने इस मामले में मुख्तार अंसारी को मुख्य आरोपी बनाया था. इसके अलावा साथ में भीम सिंह, कमलेश सिंह, मुन्ना बजरंगी, पूर्व विधायक अब्दुल कलाम और राकेश न्यायिक आदि भी शामिल बताए गए.
इस मामले की सुनवाई पहले बनारस के ही एडीजे कोर्ट में चल रही थी, लेकिन 23 नवंबर 2007 को सुनवाई के दौरान ही अदालत से कुछ ही दूरी पर बम ब्लास्ट हो गया. इसके बाद हत्याकांड में शामिल एक आरोपी राकेश ने अपनी सुरक्षा को खतरा बताते हुए हाईकोर्ट में गुहार लगाई. काफी दिनों तक सुनवाई पर रोक रही. विशेष न्यायाधीश एमपी एमएलए/कोर्ट के गठन होने पर इलाहाबाद में सुनवाई फिर शुरू हुई. बनारस में एमपी/एमएलए के विशेष कोर्ट के गठन होने पर सिर्फ मुख्तार अंसारी के खिलाफ सुनवाई हुई.
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