लखनऊ: कानपुर के बाबूपुरवा थाने के इंस्पेक्टर 19 फरवरी को जिले के सबसे बड़े सट्टेबाज मासूम अली को गिरफ्तार कर थाने लाए. लेकिन, कुछ ही देर में डीजीपी के नंबर से उनके सीयूजी फोन पर कॉल आई और बोला गया जिसे अभी गिरफ्तार कर लाए हो उसे छोड़ दो. इंस्पेक्टर पहले हिचकिचाए, कॉल करने वाले ने सस्पेंड करने की धमकी दी तो सट्टेबाज मासूम को छोड़ दिया. 24 फरवरी को एक अन्य थाने सजेती में इसी तरह कॉल आई तो सामने आया कि डीजीपी के नंबर की स्पूफिंग हुई है और ये कॉल कोई जालसाज कर रहा है. फिलहाल, राजधानी की हजरतगंज पुलिस के अलावा साइबर सेल के टॉप ऑफिसर्स इस मामले में जांच कर रहे हैं कि आखिर ये अपराध किसने किया है.
सूत्रों के मुताबिक, 19 फरवरी 2023 को जालसाज ने डीजीपी डीएस चौहान के सीयूजी नंबर की स्पूफिंग कर सबसे पहले कानपुर के बाबूपुरवा थाने में कॉल की थी. ये कॉल ठीक उसी वक्त की गई, जब वहां के तत्कालीन थाना प्रभारी शैलेंद्र सिंह कानपुर के एक बड़े सट्टेबाज और कई थानों में टॉप अपराधियों में शामिल मासूम अली को गिरफ्तार कर थाने लाए थे. सूत्रों ने बताया कि ठीक उसी दिन 2 बजकर 31 मिनट पर बाबूपुरवा थाना प्रभारी शैलेंद्र सिंह को डीजीपी के नंबर से कॉल आती है और उनसे कहा जाता है कि आप कार्य ठीक से नहीं कर रहे हैं, सुधार लाइए. यही नहीं इसके अलावा भी कई बातें कही गईं. इसी दौरान डीजीपी के नंबर से कॉल करने वाले जालसाज ने इंस्पेक्टर से कहा कि जिसे अभी गिरफ्तार कर लाए हो उसे छोड़ दो.
कॉल करने वाले के कहने पर थाना प्रभारी ने सट्टेबाज को छोड़ दिया
सूत्रों के मुताबिक, बाबूपुरवा थाना प्रभारी के फोन पर डीजीपी के नंबर से कॉल करने वाले ने जैसे ही गिरफ्तार किए गए चमनगंज निवासी अपराधी मासूम अली को छोड़ने के लिए कहा तो थाना प्रभारी पहले हिचकिचाए और जब उन्हें सस्पेंड करने की धमकी दी गई तो उसे तत्काल छोड़ दिया. इसके बाद कॉल कट गई. ये बात 24 फरवरी तक डीजीपी के नंबर से कॉल करने वाले जालसाज और थाना प्रभारी बाबूपुरवा के बीच ही दबी रह गई.
सजेती थाने में कॉल गई तो खुली पोल
बाबूपुरवा थाने में कॉल करने के पांच दिन बाद 24 फरवरी को थाना सजेती में थाना प्रभारी पवन सिंह को डीजीपी के ही नंबर से कॉल आई. इंस्पेक्टर पवन सिंह ने डीजीपी के फोन को उठाते ही जय हिंद कहा, जिस पर कॉल करने वाला सजेती थाना प्रभारी पर चिल्लाते हुए ठीक से काम न करने की बात कहते हुए सस्पेंड करने की धमकी दी. यही नहीं कॉल के दौरान ही जालसाज थाना प्रभारी को गालियां देने लगा. कॉल कट होने के बाद सूचना एसीपी घाटमपुर को दो गई और फिर पुलिस कमिश्नर कानपुर के पास मामला पहुंचते ही हड़कंप मच गया. तत्काल डीजीपी डीएस चौहान को सूचना देकर पूरे मामले से अवगत कराया गया. इसके बाद राजधानी के हजरतगंज थाने में मुकदमा दर्ज हुआ.
स्पूफिंग की बात सामने आते ही मासूम की हुई तलाश
कानपुर के सजेती थाने में कॉल आने के बाद सामने आया कि कॉल किसी जालसाज ने डीजीपी के नंबर की स्पूफिंग कर बाबूपुरवा थाने के इंस्पेक्टर को भी की थी. सूत्रों के मुताबिक, स्पूफिंग कॉल की सूचना मिलते ही तत्कालीन थाना प्रभारी जालसाज के कहने पर थाने से छोड़े गए सट्टेबाज मासूम अली की तलाश में जुट गए. हालांकि, मासूम का पता नहीं चल सका. वहीं, तत्कालीन थाना प्रभारी बाबूपुरवा शैलेंद्र सिंह का भी सचेंडी थाने में तबादला हो गया.
कानपुर के दो थानों में DGP के नंबर की स्पूफिंग कर की गई कॉल
दरअसल, राजधानी के हजरतगंज थाने में 26 फरवरी को मुकदमा दर्ज किया गया है कि 19 फरवरी को कानपुर के बाबूपुरवा और 24 फरवरी को सजेती थाने के थानेदारों को यूपी डीजीपी के सीयूजी नंबर की स्पूफिंग कर कॉल की गई थी. थानेदारों से अवैध कार्य करने, गाली-गलौज और जेल भेजने की कॉल करने वाले ने धमकी भी दी. मामला आलाधिकारियों के संज्ञान में आते ही तत्काल गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया और पुलिस व साइबर टीम जांच में जुट गईं. हजरतगंज थाना प्रभारी अखिलेश कुमार मिश्रा के मुताबिक, केस की गंभीरता को देखते हुए इसकी जांच इंस्पेक्टर रैंक के अधिकारी कर रहे हैं. यही नहीं, साइबर सेल की भी टीम स्पूफिंग करने वाले जालसाज को ट्रेस करने में जुटी है. जल्द ही आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेजा जाएगा.
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