ETV Bharat / bharat

बीजेपी की सहयोगी अपना दल के दो विधायकों ने भी पाला बदला, चुनाव से पहले बने सपाई

यूपी विधानसभा चुनाव के फर्स्ट फेज के लिए शुक्रवार से नॉमिनेशन शुरू हो रहे हैं. इससे पहले विधायक पाला बदल रहे हैं. 3 मंत्री समेत बीजेपी के 10 विधायकों ने पहले ही पार्टी को बाय-बाय बोल चुके हैं. अब बीजेपी की सहयोगी अपना दल के दो विधायक भी समाजवादी पार्टी के खेमे में चले गए.

Apna Dal MLAs quit
Apna Dal MLAs quit
author img

By

Published : Jan 14, 2022, 9:12 AM IST

Updated : Jan 14, 2022, 10:12 AM IST

लखनऊ: अगले महीने होने वाले उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से ठीक पहले भाजपा के सहयोगी अपना दल के दो और विधायकों ने भी इस्तीफा दे दिया है. इस्तीफा देने वाले दोनों विधायक चौधरी अमर सिंह और आर के वर्मा ने समाजवादी पार्टी का दामन थाम लिया. इस्तीफे के बाद चौधरी अमर सिंह ने योगी आदित्यनाथ सरकार पर ताबड़तोड़ हमले किए. उन्होंने कहा कि यह सरकार झूठी है और इस कार्यकाल के दौरान विकास का कोई काम नहीं हुआ है. उन्होंने अखिलेश यादव से मुलाकात करने और समाजवादी पार्टी में शामिल होने की पुष्टि की. चौधरी अमर सिंह ने दावा किया कि जल्द ही और कई विधायक बीजेपी छोड़ सकते हैं. अमर सिंह अब समाजवादी पार्टी के टिकट पर सिद्धार्थ नगर में शोहरतगढ़ सीट से चुनाव लड़ेंगे.

इसके अलावा प्रतापगढ़ की विश्वनाथ गंज सीट के विधायक आर के वर्मा ने भी अपना दल की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया. उन्होंने राज्य सरकार पर पिछड़ा विरोधी होने का आरोप लगाया. बता दें इन दो इस्तीफे के बाद सत्तारूढ़ गठबंधन के कुल 12 विधायक एनडीए से बाहर जा चुके हैं. भाजपा के तीन मंत्री समेत भाजपा के दस विधायक पिछले तीन दिनों में पार्टी छोड़ चुके हैं. इसकी शुरुआत कैबिनेट मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य के इस्तीफे के साथ हुई, उसके बाद उनके करीबी तीन विधायक भगवती सागर, रोशन लाल वर्मा और बृजेश प्रजापति भी समाजवादी पार्टी में चले गए. बुधवार को राज्य के एक अन्य मंत्री दारा सिंह चौहान और विधायक अवतार सिंह भड़ाना ने इस्तीफा दे दिया. भड़ाना सपा के सहयोगी रालोद में शामिल हो गए. गुरुवार को मंत्री धर्म सिंह सैनी और भाजपा के तीन अन्य विधायकों - विनय शाक्य, मुकेश वर्मा और बाला अवस्थी ने भी पार्टी छोड़ दी. इस्तीफा देने वाले तीनों मंत्री ने आरोप लगाया था कि राज्य सरकार ओबीसी के हितों की उपेक्षा कर रही है. विश्वनाथगंज विधानसभा सीट से अपना दल (एस) के विधायक आर के वर्मा पहले से ही बगावती मूड में थे. उन्होंने अनुप्रिया पटेल के खिलाफ बयानबाजी की थी.

ओबीसी विधायकों का जाना बीजेपी के लिए खतरे की घंटी साबित हो सकती है. यूपी विधानसभा चुनाव- 2017 में भाजपा को अपने सहयोगी दलों के साथ 325 सीटों पर जीत हासिल हुई थी. भाजपा को अकेले 40 प्रतिशत के लगभग वोट के साथ 312 सीटों पर जीत हासिल हुई थी जबकि उसके सहयोगी अपना दल ( एस ) को 9 और ओम प्रकाश राजभर की पार्टी सुभासपा को 4 सीटों पर जीत हासिल हुई थी. 2017 में 21.82 प्रतिशत मत के साथ समाजवादी पार्टी को 47 और 22.23 प्रतिशत मत के साथ बहुजन समाज पार्टी को 19 सीटों पर जीत हासिल हुई थी.

बता दें कि उत्तर प्रदेश की 403 विधानसभा सीटों पर चुनाव 10 फरवरी से शुरू होंगे. निर्वाचन आयोग ने विधानसभा चुनाव कार्यक्रम का एलान गत जनवरी को किया था. मुख्य चुनाव आयुक्त सुशील चंद्रा ने कहा था कि यूपी में 10 फरवरी को पहले चरण का मतदान और 7 मार्च को सातवें चरण की वोटिंग होगी. वोटों की गिनती 10 मार्च को होगी.

पढ़ें : up assembly elections candidates : सपा और रालोद की पहली सूची जारी, जानिए कौन कहां से आजमाएगा किस्मत

लखनऊ: अगले महीने होने वाले उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से ठीक पहले भाजपा के सहयोगी अपना दल के दो और विधायकों ने भी इस्तीफा दे दिया है. इस्तीफा देने वाले दोनों विधायक चौधरी अमर सिंह और आर के वर्मा ने समाजवादी पार्टी का दामन थाम लिया. इस्तीफे के बाद चौधरी अमर सिंह ने योगी आदित्यनाथ सरकार पर ताबड़तोड़ हमले किए. उन्होंने कहा कि यह सरकार झूठी है और इस कार्यकाल के दौरान विकास का कोई काम नहीं हुआ है. उन्होंने अखिलेश यादव से मुलाकात करने और समाजवादी पार्टी में शामिल होने की पुष्टि की. चौधरी अमर सिंह ने दावा किया कि जल्द ही और कई विधायक बीजेपी छोड़ सकते हैं. अमर सिंह अब समाजवादी पार्टी के टिकट पर सिद्धार्थ नगर में शोहरतगढ़ सीट से चुनाव लड़ेंगे.

इसके अलावा प्रतापगढ़ की विश्वनाथ गंज सीट के विधायक आर के वर्मा ने भी अपना दल की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया. उन्होंने राज्य सरकार पर पिछड़ा विरोधी होने का आरोप लगाया. बता दें इन दो इस्तीफे के बाद सत्तारूढ़ गठबंधन के कुल 12 विधायक एनडीए से बाहर जा चुके हैं. भाजपा के तीन मंत्री समेत भाजपा के दस विधायक पिछले तीन दिनों में पार्टी छोड़ चुके हैं. इसकी शुरुआत कैबिनेट मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य के इस्तीफे के साथ हुई, उसके बाद उनके करीबी तीन विधायक भगवती सागर, रोशन लाल वर्मा और बृजेश प्रजापति भी समाजवादी पार्टी में चले गए. बुधवार को राज्य के एक अन्य मंत्री दारा सिंह चौहान और विधायक अवतार सिंह भड़ाना ने इस्तीफा दे दिया. भड़ाना सपा के सहयोगी रालोद में शामिल हो गए. गुरुवार को मंत्री धर्म सिंह सैनी और भाजपा के तीन अन्य विधायकों - विनय शाक्य, मुकेश वर्मा और बाला अवस्थी ने भी पार्टी छोड़ दी. इस्तीफा देने वाले तीनों मंत्री ने आरोप लगाया था कि राज्य सरकार ओबीसी के हितों की उपेक्षा कर रही है. विश्वनाथगंज विधानसभा सीट से अपना दल (एस) के विधायक आर के वर्मा पहले से ही बगावती मूड में थे. उन्होंने अनुप्रिया पटेल के खिलाफ बयानबाजी की थी.

ओबीसी विधायकों का जाना बीजेपी के लिए खतरे की घंटी साबित हो सकती है. यूपी विधानसभा चुनाव- 2017 में भाजपा को अपने सहयोगी दलों के साथ 325 सीटों पर जीत हासिल हुई थी. भाजपा को अकेले 40 प्रतिशत के लगभग वोट के साथ 312 सीटों पर जीत हासिल हुई थी जबकि उसके सहयोगी अपना दल ( एस ) को 9 और ओम प्रकाश राजभर की पार्टी सुभासपा को 4 सीटों पर जीत हासिल हुई थी. 2017 में 21.82 प्रतिशत मत के साथ समाजवादी पार्टी को 47 और 22.23 प्रतिशत मत के साथ बहुजन समाज पार्टी को 19 सीटों पर जीत हासिल हुई थी.

बता दें कि उत्तर प्रदेश की 403 विधानसभा सीटों पर चुनाव 10 फरवरी से शुरू होंगे. निर्वाचन आयोग ने विधानसभा चुनाव कार्यक्रम का एलान गत जनवरी को किया था. मुख्य चुनाव आयुक्त सुशील चंद्रा ने कहा था कि यूपी में 10 फरवरी को पहले चरण का मतदान और 7 मार्च को सातवें चरण की वोटिंग होगी. वोटों की गिनती 10 मार्च को होगी.

पढ़ें : up assembly elections candidates : सपा और रालोद की पहली सूची जारी, जानिए कौन कहां से आजमाएगा किस्मत

Last Updated : Jan 14, 2022, 10:12 AM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.