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ये क्या कर बैठे मंत्री ! जीवित सैनिक को पहुंच गए श्रद्धांजलि देने

'माननीय' भी कभी-कभी ऐसा कर बैठते हैं कि चर्चा का विषय बन जाते हैं. कर्नाटक में भी ऐसा हुआ जब केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता राज्य मंत्री ए नारायणस्वामी एक जीवित सैनिक के घर श्रद्धांजलि देने पहुंच गए. जानिए गलती का एहसास हुआ तो क्या किया.

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Published : Aug 22, 2021, 2:48 PM IST

Updated : Aug 22, 2021, 3:19 PM IST

ए नारायणस्वामी
ए नारायणस्वामी

बेंगलुरु : केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता राज्य मंत्री ए नारायणस्वामी गुरुवार को शहीद जवान के बजाय एक जीवित जवान के घर पहुंच गए और उन्होंने जवान के परिजन को सरकारी नौकरी तथा जमीन देने की भी घोषणा कर दी. संभवत: स्थानीय नेताओं की ओर से गलत जानकारी दिये जाने की वजह से ऐसा हुआ.

केंद्र सरकार में हाल ही में मंत्री बनाए गए नारायणस्वामी अपनी 'जन आशीर्वाद यात्रा' के तहत गाडग जिले में थे. भाजपा के सूत्रों के अनुसार, उन्हें पुणे में एक साल पहले जान गंवाने वाले बसवराज हिरेमठ के बजाय जवान रविकुमार कट्टीमनी के घर ले जाया गया, जो इस समय जम्मू कश्मीर में तैनात हैं.

मंत्री के यात्रा कार्यक्रम के अनुसार, उन्हें मृत जवान के परिवार से मिलना था और उन्हें सांत्वना देनी थी. सूत्रों ने बताया कि नारायणस्वामी संसद सदस्य शिवकुमार उदासी के साथ तय समय से देरी से जिले के मुलागुंड में पहुंचे जहां उन्हें कट्टीमनी के आवास ले जाया गया. इससे जवान के परिवार वाले हैरान हो गए.

जब मंत्री ने जवान के परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी और जमीन दिये जाने की घोषणा की तो वे चौंक गये. बाद में एक स्थानीय भाजपा कार्यकर्ता ने कट्टीमनी को वीडियो कॉल किया और उनकी बात मंत्री से कराई. सूत्रों ने बताया कि नारायणस्वामी को जब अपनी इस भूल का पता चला तो उन्होंने स्थिति को संभालते हुए जवान की तारीफ की और उनके परिवार को सम्मानित किया. इसके बाद उन्होंने इस असहज स्थिति के लिए स्थानीय भाजपा नेताओं से नाराजगी जताई.

पढ़ें- पुलवामा आतंकी हमले की दूसरी बरसी पर शहीद जवानों को दी गई श्रद्धांजलि

हालांकि, मंत्री ने बाद में शहीद जवान हिरेमठ के घर का दौरा नहीं किया. उनकी मां ने भावुक होते हुए कहा, 'कोई हमारे घर नहीं आया. बताया गया कि मंत्री एक जवान के घर गये जो जीवित हैं. मुझे तो अपना बेटा वापस चाहिए.'

(पीटीआई-भाषा)

बेंगलुरु : केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता राज्य मंत्री ए नारायणस्वामी गुरुवार को शहीद जवान के बजाय एक जीवित जवान के घर पहुंच गए और उन्होंने जवान के परिजन को सरकारी नौकरी तथा जमीन देने की भी घोषणा कर दी. संभवत: स्थानीय नेताओं की ओर से गलत जानकारी दिये जाने की वजह से ऐसा हुआ.

केंद्र सरकार में हाल ही में मंत्री बनाए गए नारायणस्वामी अपनी 'जन आशीर्वाद यात्रा' के तहत गाडग जिले में थे. भाजपा के सूत्रों के अनुसार, उन्हें पुणे में एक साल पहले जान गंवाने वाले बसवराज हिरेमठ के बजाय जवान रविकुमार कट्टीमनी के घर ले जाया गया, जो इस समय जम्मू कश्मीर में तैनात हैं.

मंत्री के यात्रा कार्यक्रम के अनुसार, उन्हें मृत जवान के परिवार से मिलना था और उन्हें सांत्वना देनी थी. सूत्रों ने बताया कि नारायणस्वामी संसद सदस्य शिवकुमार उदासी के साथ तय समय से देरी से जिले के मुलागुंड में पहुंचे जहां उन्हें कट्टीमनी के आवास ले जाया गया. इससे जवान के परिवार वाले हैरान हो गए.

जब मंत्री ने जवान के परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी और जमीन दिये जाने की घोषणा की तो वे चौंक गये. बाद में एक स्थानीय भाजपा कार्यकर्ता ने कट्टीमनी को वीडियो कॉल किया और उनकी बात मंत्री से कराई. सूत्रों ने बताया कि नारायणस्वामी को जब अपनी इस भूल का पता चला तो उन्होंने स्थिति को संभालते हुए जवान की तारीफ की और उनके परिवार को सम्मानित किया. इसके बाद उन्होंने इस असहज स्थिति के लिए स्थानीय भाजपा नेताओं से नाराजगी जताई.

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हालांकि, मंत्री ने बाद में शहीद जवान हिरेमठ के घर का दौरा नहीं किया. उनकी मां ने भावुक होते हुए कहा, 'कोई हमारे घर नहीं आया. बताया गया कि मंत्री एक जवान के घर गये जो जीवित हैं. मुझे तो अपना बेटा वापस चाहिए.'

(पीटीआई-भाषा)

Last Updated : Aug 22, 2021, 3:19 PM IST
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