प्रयागराज: उमेश पाल हत्याकांड में शामिल पांच आरोपियों को पुलिस ने मंगलवार शाम को गिरफ्तार किया. पकड़े गए पांचों आरोपियों में वारदात की रेकी करने वाले, अतीक अहमद की काली कमाई और अवैध असलहे छिपाने वालों को गिरफ्तार किया गया है. पकड़े गए आरोपियों की निशानदेही पर पुलिस ने कुल 74 लाख 62 हजार रुपये कैश बरामद किए हैं. इसमें से 2 लाख 25 हजार रुपये पकड़े गए सभी आरोपियों के पास से बरामद हुए हैं. जबकि, 72 लाख 37 हजार रुपये इन लोगों की निशानदेही पर अतीक अहमद के ध्वस्त किए हुए कार्यालय के पिछले हिस्से से बरामद किए गए हैं. यही नहीं आरोपियों की निशानदेही पर पुलिस ने देशी-विदेशी 10 पिस्टल के साथ ही 112 कारतूस और 6 मोबाइल फोन बरामद किए हैं. पुलिस कमिश्नर रमित शर्मा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर पूरी जानकारी दी.
उमेश पाल हत्याकांड के बाद पुलिस को बड़ी कामयाबी मिली है. पुलिस ने अतीक गैंग से जुड़े पांच ऐसे लोगों को गिरफ्तार किया है, जिन्होंने उमेश पाल की हत्या की साजिश में शामिल होने के साथ ही रेकी करने और असलहे व कैश छिपाने का काम किया. पकड़े गए पांचों आरोपियों में एक अतीक अहमद का 16 साल पुराना ड्राइवर है. वहीं, दूसरा बाहुबली का 19 साल पुराना मुंशी है, जो कैश के साथ ही पूरे घर का कामकाज भी देखता था. इसके अलावा तीन और लोग पुलिस के हत्थे चढ़े हैं, जिसमें से दो ने उमेश पाल की कचहरी से लेकर उनके घर तक की रेकी की. इसमें से एक उमेश पाल के नजदीक का ही रहने वाला है. इन सबके अलावा पुलिस के हत्थे चढ़ा एक आरोपी पूरी घटना की साजिश से जुड़ी हर बैठक और ऑनलाइन कॉल तक में शामिल रहा है.
नियाज अहमद को असद ने मोबाइल दिलवाया था और उसी मोबाइल के जरिए असद ने इंटरनेट कॉल करके अतीक और अशरफ से उसकी बात करवाई थी. इसके बाद नियाज को उमेश पाल की कचहरी से लेकर घर तक रेकी करने की जिम्मेदारी दे दी गई थी. इसके साथ ही साजिश की योजना बनाने वाली मीटिंग में भी नियाज शामिल हुआ करता था. नियाज के अलावा रेकी करने के काम मे उमेश पाल के एक घर के नजदीक रहने वाले मोहम्मद सजर ने भी अहम भूमिका निभाई है. सजर सुलेम सराय के उसी जयंतीपुर इलाके में रहता है. जहां पर उमेश पाल का घर है. उमेश पाल का ये पड़ोसी भी अतीक गैंग के साथ मिलकर उसकी हत्या की साजिश में बराबर भागीदारी करता था. इसके साथ ही वो मोबाइल के जरिए अतीक अशरफ के अलावा असद को भी उमेश पाल की लोकेशन को बताता था.
उमेश पाल हत्याकांड में अरशद कटरा उर्फ अरशद खान भी प्लानिंग में सभी के साथ शामिल था. उमेश पाल हत्याकांड की प्लानिंग को लेकर होने वाली हर बैठक में अरशद कटरा शामिल होता था. इसके साथ ही उसे रेकी से लेकर फायरिंग करने वालों तक की पूरी जानकारी भी थी. कैश अहमद बाहुबली अतीक अहमद का बेहद करीबी है और वो 16 साल से अतीक के घर में ड्राइवर का काम करता था. कैश ने उमेश पाल हत्याकांड के बाद अतीक की काली कमाई और अवैध असलहों के जखीरे को इकट्ठा करके छिपाने का काम किया. अतीक अहमद और अशरफ के साथ ही असद से बातचीत करके वो अवैध कमाई और अवैध असलहों को छिपाकर बैठा हुआ था.
पुलिस ने इस केस में जिस पांचवें आरोपी को गिरफ्तार किया है, वो भी अतीक अहमद का बेहद करीबी और राजदार है. कौशाम्बी जिले के पश्चिम शरीरा इलाके का रहने वाला राकेश कुमार उर्फ नाकेश कुमार उर्फ लाला अतीक के घर और बाहर मुंसी के रूप में जाना जाता था. पुलिस ने बताया कि वो अतीक अहमद की काली कमाई के साथ ही अवैध असलहों की भी देखरेख करता था. राकेश अतीक अहमद के यहां मुंशी का काम 19 सालों से कर रहा है. उसने उमेश पाल की हत्या के बाद कैश अहमद के साथ मिलकर अतीक के कैश और दस अवैध पिस्टल को छिपा दिया था. जिसे उसे गिरफ्तार करने के बाद पुलिस ने बरामद किया.
अतीक अहमद के ढहे हुए कार्यालय के पीछे छिपाया था कैश और अवैध असलहे
उमेश पाल की हत्या के बाद एक तरफ जहां वारदात में शामिल लोग फरार हो गए थे. वहीं, दूसरी तरफ से अतीक अहमद के ड्राइवर और मुंशी ने मिलकर 72 लाख 37 हजार रुपये अतीक अहमद के चकिया वाले कार्यालय में ले जाकर छिपाया था. इसमें कैश के अलावा 5 पिस्टल थीं. इसमें 45 विदेशी पिस्टल भी थीं. इसके साथ ही 5 देशी तमंचा और 112 कारतूस थे. पुलिस की गिरफ्त में आने के बाद मुंशी और ड्राइवर ने न सिर्फ छिपाए हुए कैश, बल्कि अवैध असलहों का पता भी पुलिस को बता दिया. इसके बाद पुलिस उन दोनों को अतीक अहमद के चकिया वाले कार्यालय में ले गई, जहां से उनकी निशानदेही पर पीछे के हिस्से से कैश और असलहे बरामद हुए.
बरामद असलहों की होगी जांच
अतीक अहमद के कार्यालय के पीछे से पुलिस ने 5 पिस्टल और 5 अवैध तमंचे भी बरामद किए हैं. पुलिस बरामद हुए सभी दस असलहों को जांच के लिए बैलेस्टिक लैब भेजेगी, जहां पर फॉरेंसिक एक्सपर्ट इन असलहों की जांच कर पता लगाएंगे कि उनका उमेश पाल मर्डर केस से कनेक्शन है या नहीं. बहरहाल पुलिस भी यह नहीं बता सकी है कि उमेश पाल मर्डर केस में इन बरामद पिस्टल से फायरिंग की गई है कि नहीं.
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