लखनऊ: राजधानी में रविवार को माफिया अतीक अहमद के वकील विजय मिश्रा को गिरफ्तार करने के बाद जेल भेज दिया गया था. पकड़े जाने से पहले वकील विजय मिश्रा को जेल में बंद उमर अहमद ने अपनी बेनामी संपत्तियों की जानकारी दी थी. इसके बाद वकील विजय मिश्रा राजधानी में पांच दिन तक रुका और इन संपत्तियों को खरीदने वाले का इंतजार करने लगा. जब खरीददार नहीं आया तो उसने जैनब और सद्दाम को आगे की रणनीति तैयार करने के लिए लखनऊ बुलाया. हालांकि, जब तक पुलिस पहुंचती दोनों फरार हो गए थे.
गिरफ्तार हुए विजय मिश्रा को जेल भेजने से पहले पुलिस व एसटीएफ प्रयागराज यूनिट ने पूछताछ की थी. उसने बताया था कि उमर और अली की जमानत करवाने और अतीक का साम्राज्य फिर से खड़ा करने के लिए जैनब और शाइस्ता को पैसों की जरूरत थी. ऐसे में उससे अतीक अहमद की बेनामी संपत्तियों का खरीददार ढूंढने के लिए कहा गया था. वह पहले उन संपत्तियों की जानकारी करना चाहता था.
सूत्रों के मुताबिक, अधिवक्ता विजय मिश्रा को लखनऊ जेल में बंद अतीक के बेटे उमर ने ही सभी बेनामी संपत्तियों की जानकारी दी थी. ये वो संपत्तियां थीं, जो अतीक अहमद ने बिल्डरों के नाम पर खरीदी थी और उन पर प्रोजेक्ट शुरू किए थे. सूत्रों के अनुसार, एसटीएफ अब जल्द ही लखनऊ जेल जाकर उमर से पूछताछ कर बेनामी संपत्तियों की जानकारी जुटाएगी. वहीं, रविवार को विजय मिश्रा से मिलने आई जैनब और सद्दाम की तलाश में भी लखनऊ से बाहर जाने वाले सभी रास्तों पर एसटीएफ और पुलिस नजर गड़ाए हुए है. सूत्रों ने बताया कि जैनब और सद्दाम बीते कुछ समय से दिल्ली में ठिकाना बनाए हुए थे.
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