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सरकार ने किया उल्फा के साथ शांति समझौता, गृह मंत्री शाह ने असम के लिए इसे बड़ा दिन बताया

ULFA signs peace accord : केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा की मौजूदगी में उल्फा ने केंद्र, असम सरकार के साथ शांति समझौते पर हस्ताक्षर किए. United Liberation Front of Asom, ULFA.

Amit Shah and Himanta Biswa Sarma
शाह की मौजूदगी में हस्ताक्षर
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By PTI

Published : Dec 29, 2023, 5:39 PM IST

Updated : Dec 29, 2023, 9:25 PM IST

नई दिल्ली : यूनाइटेड लिबरेशन फ्रंट ऑफ असम (उल्फा) के वार्ता समर्थक गुट ने हिंसा छोड़ने, संगठन को भंग करने और लोकतांत्रिक प्रक्रिया में शामिल होने पर सहमति व्यक्त करते हुए शुक्रवार को केंद्र और असम सरकार के साथ शांति समझौते पर हस्ताक्षर किए. अधिकारियों ने बताया कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा की उपस्थिति में यहां समझौते पर हस्ताक्षर किए गए.

शाह ने कहा कि यह असम के लोगों के लिए बहुत बड़ा दिन है. उन्होंने कहा, 'असम लंबे समय तक उल्फा की हिंसा से त्रस्त रहा और वर्ष 1979 से अब तक 10 हजार लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी.'

  • #WATCH | On United Liberation Front of Assam (ULFA) signing a tripartite Memorandum of Settlement with the Centre and the Assam government, Union Home Minister Amit Shah says, " This is a new start of a period of peace for the whole Northeast especially Assam. I want to assure… pic.twitter.com/Pv3rX3lseZ

    — ANI (@ANI) December 29, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">
  • Delhi: United Liberation Front of Assam (ULFA)'s pro-talks faction signed a tripartite Memorandum of Settlement pact with the Centre and the Assam government in the presence of Union Home Minister Amit Shah, Assam CM Himanta Biswa Sarma. pic.twitter.com/ITBV6qBjPQ

    — ANI (@ANI) December 29, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

उन्होंने कहा कि असम का सबसे पुराना उग्रवादी संगठन उल्फा हिंसा छोड़ने, संगठन को भंग करने और लोकतांत्रिक प्रक्रिया में शामिल होने पर सहमत हुआ है. उन्होंने कहा कि समझौते के तहत असम को एक बड़ा विकास पैकेज दिया जाएगा.

  • #WATCH | Assam CM Himanta Biswa Sarma says, " Today is a historic day for Assam. During PM Modi's tenure, under the guidance of Union Home Minister Amit Shah, work for Assam's peace was always underway...three accords have been signed and with three accords tribal militancy has… https://t.co/8Dh0w36tAM pic.twitter.com/vwuPqhqj00

    — ANI (@ANI) December 29, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

शाह ने कहा कि समझौते के प्रत्येक खंड को पूरी तरह से लागू किया जाएगा. उन्होंने कहा कि अब असम में हिंसा की घटनाओं में 87 प्रतिशत, मौत के मामलों में 90 प्रतिशत और अपहरण की घटनाओं में 84 प्रतिशत की कमी आई है.

मुख्यमंत्री सरमा ने समझौते को 'ऐतिहासिक' बताया और कहा कि यह समझौता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री शाह के मार्गदर्शन और नेतृत्व के कारण संभव हो सका है.

  • #WATCH | Delhi: Visuals of the meeting where a Memorandum of Settlement will be signed between Government of India, Government of Assam and representatives of United Liberation Front of Assam (ULFA) in the presence of Union Home Minister Amit Shah. pic.twitter.com/tz6Z2oCOeI

    — ANI (@ANI) December 29, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

अधिकारियों ने बताया कि अरबिंद राजखोवा के नेतृत्व वाले उल्फा गुट और सरकार के बीच 12 साल तक बिना शर्त हुई वार्ता के बाद इस समझौते पर हस्ताक्षर किए गए. इस शांति समझौते से असम में दशकों पुराने उग्रवाद के खत्म होने की उम्मीद है.

परेश बरुआ की अध्यक्षता वाला उल्फा का कट्टरपंथी गुट हालांकि इस समझौते का हिस्सा नहीं है. ऐसा माना जाता है कि बरुआ चीन-म्यांमा सीमा के निकट एक स्थान पर रहता है.

उल्फा का गठन 1979 में 'संप्रभु असम' की मांग को लेकर किया गया था. तब से, यह विध्वंसक गतिविधियों में शामिल रहा है जिसके कारण केंद्र सरकार ने 1990 में इसे प्रतिबंधित संगठन घोषित कर दिया था.

राजखोवा गुट तीन सितंबर, 2011 को सरकार के साथ शांति वार्ता में उस समय शामिल हुआ था, जब इसके और केंद्र तथा राज्य सरकारों के बीच इसकी गतिविधियों को रोकने को लेकर समझौते पर हस्ताक्षर किए गए थे.

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शाह ने कहा कि यह असम के लोगों के लिए बहुत बड़ा दिन है. उन्होंने कहा, 'असम लंबे समय तक उल्फा की हिंसा से त्रस्त रहा और वर्ष 1979 से अब तक 10 हजार लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी.'

  • #WATCH | On United Liberation Front of Assam (ULFA) signing a tripartite Memorandum of Settlement with the Centre and the Assam government, Union Home Minister Amit Shah says, " This is a new start of a period of peace for the whole Northeast especially Assam. I want to assure… pic.twitter.com/Pv3rX3lseZ

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  • Delhi: United Liberation Front of Assam (ULFA)'s pro-talks faction signed a tripartite Memorandum of Settlement pact with the Centre and the Assam government in the presence of Union Home Minister Amit Shah, Assam CM Himanta Biswa Sarma. pic.twitter.com/ITBV6qBjPQ

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उन्होंने कहा कि असम का सबसे पुराना उग्रवादी संगठन उल्फा हिंसा छोड़ने, संगठन को भंग करने और लोकतांत्रिक प्रक्रिया में शामिल होने पर सहमत हुआ है. उन्होंने कहा कि समझौते के तहत असम को एक बड़ा विकास पैकेज दिया जाएगा.

  • #WATCH | Assam CM Himanta Biswa Sarma says, " Today is a historic day for Assam. During PM Modi's tenure, under the guidance of Union Home Minister Amit Shah, work for Assam's peace was always underway...three accords have been signed and with three accords tribal militancy has… https://t.co/8Dh0w36tAM pic.twitter.com/vwuPqhqj00

    — ANI (@ANI) December 29, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

शाह ने कहा कि समझौते के प्रत्येक खंड को पूरी तरह से लागू किया जाएगा. उन्होंने कहा कि अब असम में हिंसा की घटनाओं में 87 प्रतिशत, मौत के मामलों में 90 प्रतिशत और अपहरण की घटनाओं में 84 प्रतिशत की कमी आई है.

मुख्यमंत्री सरमा ने समझौते को 'ऐतिहासिक' बताया और कहा कि यह समझौता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री शाह के मार्गदर्शन और नेतृत्व के कारण संभव हो सका है.

  • #WATCH | Delhi: Visuals of the meeting where a Memorandum of Settlement will be signed between Government of India, Government of Assam and representatives of United Liberation Front of Assam (ULFA) in the presence of Union Home Minister Amit Shah. pic.twitter.com/tz6Z2oCOeI

    — ANI (@ANI) December 29, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

अधिकारियों ने बताया कि अरबिंद राजखोवा के नेतृत्व वाले उल्फा गुट और सरकार के बीच 12 साल तक बिना शर्त हुई वार्ता के बाद इस समझौते पर हस्ताक्षर किए गए. इस शांति समझौते से असम में दशकों पुराने उग्रवाद के खत्म होने की उम्मीद है.

परेश बरुआ की अध्यक्षता वाला उल्फा का कट्टरपंथी गुट हालांकि इस समझौते का हिस्सा नहीं है. ऐसा माना जाता है कि बरुआ चीन-म्यांमा सीमा के निकट एक स्थान पर रहता है.

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राजखोवा गुट तीन सितंबर, 2011 को सरकार के साथ शांति वार्ता में उस समय शामिल हुआ था, जब इसके और केंद्र तथा राज्य सरकारों के बीच इसकी गतिविधियों को रोकने को लेकर समझौते पर हस्ताक्षर किए गए थे.

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Last Updated : Dec 29, 2023, 9:25 PM IST
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