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तृणमूल कांग्रेस सांसदाें ने पुलिस कार्रवाई के खिलाफ गृह मंत्रालय के बाहर दिया धरना - टीएमसी धरना

तृणमूल कांग्रेस के सांसदों के प्रतिनिधिमंडल ने त्रिपुरा में कथित पुलिस बर्बरता को लेकर सोमवार को दिल्ली में गृह मंत्रालय के बाहर विरोध प्रदर्शन किया. तृणमूल सांसदों ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के खिलाफ नारेबाजी की और शाह से मिलने का समय मांगा.

त्रिपुरा में कथित पुलिस बर्बरता
त्रिपुरा में कथित पुलिस बर्बरता
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Published : Nov 22, 2021, 12:01 PM IST

Updated : Nov 22, 2021, 5:57 PM IST

नई दिल्ली : गृह मंत्रालय के बाहर प्रदर्शन के दौरान टीएमसी सांसद सुखेंदु शेखर रॉय ने कहा कि त्रिपुरा की सरकार को बर्खास्त किया जाना चाहिए. त्रिपुरा में गुंडा राज कायम किया गया है. गृह मंत्री से हम मिलना चाहते थे लेकिन उन्होंने हमें समय नहीं दिया है. हमारी टीएमसी युवा नेता पर झूठा मुकदमा दर्ज़ किया गया. वहीं सांसद डोला सेन ने कहा कि वो सब चुने हुए सांसद हैं और गृहमंत्री कार्यालय में प्रवेश करना उनका अधिकार है लेकिन उन्हें अंदर भी जाने से रोका गया जिसके बाद वह नॉर्थ ब्लॉक के सामने ही धरने पर बैठ गए.

तृणमूल कांग्रेस सांसदाें ने पुलिस कार्रवाई के खिलाफ गृह मंत्रालय के बाहर दिया धरना

इससे पहले, डेरेक ओ ब्रायन, सुखेंदु शेखर रॉय, शांतनु सेन, डोला सेन सहित टीएमसी के 16 सांसदों ने त्रिपुरा में कथित पुलिस बर्बरता को लेकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मिलने का समय मांगा था.

टीएमसी सांसद सौगत राय ने कहा कि त्रिपुरा में हुई घटना लोकतंत्र पर हमला है. हमने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात का वक्त मांगा है लेकिन अभी समय हमें नहीं मिला है. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी आ रही हैं वे कई विरोधी नेताओं के साथ मुलाकात करेंगी.

ईटीवी भारत से बातचीत में तृणमूल सांसद डोला सेन ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद त्रिपुरा में विपक्षी पार्टियों को अपनी सामान्य राजनीतिक गतिविधियां करने से भी रोका जा रहा है. उनके पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी की सोमवार को त्रिपुरा में रैली निर्धारित थी लेकिन उसके लिये अनुमति नहीं दी गई.

त्रिपुरा में जगह-जगह विपक्षी पार्टी के नेता और कार्यकर्ताओं को भाजपा सरकार द्वारा निशाना बनाया जा रहा है. ऐसे तमाम विषयों को रखने और ज्ञापन सौंपने के लिये तृणमूल सांसदों ने गृहमंत्री अमित शाह से मिलने का समय मांगा था लेकिन गृहमंत्री क्या गृह राज्यमंत्री या सचिव स्तर के अधिकारी भी उनको नहीं मिले.

आज शाम पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी भी चार दिवसीय दौरे पर दिल्ली आ रही हैं. ऐसे में उनके सांसदों का धरने पर बैठना दिल्ली की राजनीति गर्मा सकता है.

क्या ममता बनर्जी भी अपने सांसदों से मिलने नॉर्थ ब्लॉक पहुंच सकती हैं? इस सवाल के जवाब में डोला सेन कहती हैं कि ममता बनर्जी तय कार्यक्रम के तहत दिल्ली आ रही हैं और इस धरना प्रदर्शन से उसका संबंध नहीं है. ये पार्टी के कार्यकर्ताओं की लड़ाई है जो पार्टी के सांसद लड़ रहे हैं.

सुरक्षा अधिकारी द्वारा तृणमूल सांसदों से मुख्य प्रवेश से अलग जगह पर बैठने को कहा गया लेकिन तमाम सांसद नॉर्थ ब्लॉक के मुख्य प्रवेश के सामने बैठने पर ही अड़े रहे. अब देखना होगा कि सांसदों को उनकी जगह से बल पूर्वक हटाया जाता है या उससे पहले गृह मंत्रालय के कोई अधिकारी या मंत्री उनसे मिल कर मामले को शांत करने की कोशिश करते हैं.

पढ़ें : त्रिपुरा में हिंसा और तोड़फोड़ की खबरों को गृह मंत्रालय ने बताया फर्जी

नई दिल्ली : गृह मंत्रालय के बाहर प्रदर्शन के दौरान टीएमसी सांसद सुखेंदु शेखर रॉय ने कहा कि त्रिपुरा की सरकार को बर्खास्त किया जाना चाहिए. त्रिपुरा में गुंडा राज कायम किया गया है. गृह मंत्री से हम मिलना चाहते थे लेकिन उन्होंने हमें समय नहीं दिया है. हमारी टीएमसी युवा नेता पर झूठा मुकदमा दर्ज़ किया गया. वहीं सांसद डोला सेन ने कहा कि वो सब चुने हुए सांसद हैं और गृहमंत्री कार्यालय में प्रवेश करना उनका अधिकार है लेकिन उन्हें अंदर भी जाने से रोका गया जिसके बाद वह नॉर्थ ब्लॉक के सामने ही धरने पर बैठ गए.

तृणमूल कांग्रेस सांसदाें ने पुलिस कार्रवाई के खिलाफ गृह मंत्रालय के बाहर दिया धरना

इससे पहले, डेरेक ओ ब्रायन, सुखेंदु शेखर रॉय, शांतनु सेन, डोला सेन सहित टीएमसी के 16 सांसदों ने त्रिपुरा में कथित पुलिस बर्बरता को लेकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मिलने का समय मांगा था.

टीएमसी सांसद सौगत राय ने कहा कि त्रिपुरा में हुई घटना लोकतंत्र पर हमला है. हमने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात का वक्त मांगा है लेकिन अभी समय हमें नहीं मिला है. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी आ रही हैं वे कई विरोधी नेताओं के साथ मुलाकात करेंगी.

ईटीवी भारत से बातचीत में तृणमूल सांसद डोला सेन ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद त्रिपुरा में विपक्षी पार्टियों को अपनी सामान्य राजनीतिक गतिविधियां करने से भी रोका जा रहा है. उनके पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी की सोमवार को त्रिपुरा में रैली निर्धारित थी लेकिन उसके लिये अनुमति नहीं दी गई.

त्रिपुरा में जगह-जगह विपक्षी पार्टी के नेता और कार्यकर्ताओं को भाजपा सरकार द्वारा निशाना बनाया जा रहा है. ऐसे तमाम विषयों को रखने और ज्ञापन सौंपने के लिये तृणमूल सांसदों ने गृहमंत्री अमित शाह से मिलने का समय मांगा था लेकिन गृहमंत्री क्या गृह राज्यमंत्री या सचिव स्तर के अधिकारी भी उनको नहीं मिले.

आज शाम पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी भी चार दिवसीय दौरे पर दिल्ली आ रही हैं. ऐसे में उनके सांसदों का धरने पर बैठना दिल्ली की राजनीति गर्मा सकता है.

क्या ममता बनर्जी भी अपने सांसदों से मिलने नॉर्थ ब्लॉक पहुंच सकती हैं? इस सवाल के जवाब में डोला सेन कहती हैं कि ममता बनर्जी तय कार्यक्रम के तहत दिल्ली आ रही हैं और इस धरना प्रदर्शन से उसका संबंध नहीं है. ये पार्टी के कार्यकर्ताओं की लड़ाई है जो पार्टी के सांसद लड़ रहे हैं.

सुरक्षा अधिकारी द्वारा तृणमूल सांसदों से मुख्य प्रवेश से अलग जगह पर बैठने को कहा गया लेकिन तमाम सांसद नॉर्थ ब्लॉक के मुख्य प्रवेश के सामने बैठने पर ही अड़े रहे. अब देखना होगा कि सांसदों को उनकी जगह से बल पूर्वक हटाया जाता है या उससे पहले गृह मंत्रालय के कोई अधिकारी या मंत्री उनसे मिल कर मामले को शांत करने की कोशिश करते हैं.

पढ़ें : त्रिपुरा में हिंसा और तोड़फोड़ की खबरों को गृह मंत्रालय ने बताया फर्जी

Last Updated : Nov 22, 2021, 5:57 PM IST
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