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पिता से झगड़ा हुआ तो युवक ने निगल लिया शेविंग रेजर, डॉक्टरों ने सर्जरी कर बचाई जान - SHAVING RAZOR REMOVED FROM STOMACH

अवसाद और आत्महत्या की प्रवृत्ति से ग्रसित था पीड़ित युवक, पिता से झगड़े के बाद किया था आत्महत्या का प्रयास, निगल लिया था रेजर

DELHI MAN SWALLOWED RAZOR
स्कैन से रेजर के होने की जानकारी लगी, सर्जरी कर बचाई गई युवक की जान (SOURCE: ETV BHARAT)
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : 15 hours ago

नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में एक ऐसा मामला सामने आया है जो किसी को भी सोचने पर मजबूर कर दे क्या ऐसा भी लोग कर सकते हैं. दरअसल सरगंगाम राम अस्पताल के डॉक्टरों ने एक 20 साल के युवक के पेट से सफल सर्जरी के बाद शेविंग रेजर निकाला और उसकी जान बचाई. जानकारी के मुताबिक युवक ने अपने पिता से झगड़े के बाद गुस्से में आकर एक शेविंग रेजर निगल लिया था. ये भी कहा जा रहा है कि युवक अवसाद और आत्महत्या की प्रवृत्ति से ग्रस्त था और उसने रेजर को दो हिस्सों में निगला था. ब्लेड होल्डर और हैंडल, जो उसकी जान के लिए खतरे का कारण बन गया. उसके पिता भी मानसिक बीमारी से पीड़ित हैं, जिससे परिवार की चुनौतियां और बढ़ गईं.

स्कैन में डॉक्टर्स ने देखा तो हैरान हो गए, पेट में फंसा था रेजर
स्कैन से पता चला कि ब्लेड होल्डर उसके पेट में फंसा हुआ था जबकि हैंडल बड़ी आंत में चला गया था. डॉक्टरों की एक टीम जिसका नेतृत्व डॉ. तरुण मित्तल ने किया और जिसमें डॉ. अनमोल आहुजा, डॉ. श्रेष्ठ मंगलिक, डॉ. राकेश एस, डॉ. कार्तिक कृष्णा और डॉ. तनुश्री नहाता शामिल थे. इन डॉक्टरों ने दो चरणों वाली सर्जरी की. पहले लैपरोटोमी की गई और पेट को खोलकर ब्लेड को निकाला गया. फिर, बहुत सावधानी से उस हैंडल को, जो कोलन में पाया गया था, बाहर की ओर धकेला गया. फिर सिग्मोइन्डोस्कोपी का उपयोग करके, हैंडल को निकाला गया. यह सटीक योजना और टीमवर्क का सामूहिक प्रयास था.

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युवक ने निगला था रेजर, सफल सर्जरी कर पेट से निकाला गया (SOURCE: ETV BHARAT)

डॉक्टर मित्तल ने कहा कि ऐसे मामलों का समाधान केवल अच्छे चिकित्सा उपचार से नहीं होता, बल्कि इसमें मरीज के मानसिक स्वास्थ्य के प्रति संवेदनशीलता की भी आवश्यकता होती है. उन्होंने मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं के लिए शीघ्र सहायता प्राप्त करने और मानसिक बीमारी को लेकर समाज में व्याप्त कलंक को समाप्त करने के महत्व को भी रेखांकित किया. कई लोग डर या शर्म के कारण इलाज लेने में हिचकिचाते हैं, जिससे खतरनाक स्थितियां उत्पन्न हो सकती हैं.

सर्जरी के बाद युवक की तबीयत स्थिर, काउंसलिंग के लिए भेजा गया
सर्जरी के बाद, युवक शारीरिक रूप से अच्छी तरह से ठीक हो गया. अब उसे उसके अवसाद और आत्महत्या के विचारों को शांत करने के लिए काउंसलिंग के लिए भेजा जा रहा है. सर गंगा राम अस्पताल के चेयरमैन डॉ. अजय स्वरूप ने कहा कि अस्पताल में हम समग्र दृष्टिकोण के प्रति प्रतिबद्ध हैं और मानसिक स्वास्थ्य समस्याएं हमारे लिए भी चिंता का विषय हैं. इसलिए ऐसे मरीजों की देखभाल के लिए विशेष प्रयास किए जाते हैं.

ये भी पढ़ें- AIIMS में 10 घंटे की सर्जरी से गंभीर कैंसर मरीज की बची जान, ऑपरेशन से 9.8 किलो का निकला ट्यूमर

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नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में एक ऐसा मामला सामने आया है जो किसी को भी सोचने पर मजबूर कर दे क्या ऐसा भी लोग कर सकते हैं. दरअसल सरगंगाम राम अस्पताल के डॉक्टरों ने एक 20 साल के युवक के पेट से सफल सर्जरी के बाद शेविंग रेजर निकाला और उसकी जान बचाई. जानकारी के मुताबिक युवक ने अपने पिता से झगड़े के बाद गुस्से में आकर एक शेविंग रेजर निगल लिया था. ये भी कहा जा रहा है कि युवक अवसाद और आत्महत्या की प्रवृत्ति से ग्रस्त था और उसने रेजर को दो हिस्सों में निगला था. ब्लेड होल्डर और हैंडल, जो उसकी जान के लिए खतरे का कारण बन गया. उसके पिता भी मानसिक बीमारी से पीड़ित हैं, जिससे परिवार की चुनौतियां और बढ़ गईं.

स्कैन में डॉक्टर्स ने देखा तो हैरान हो गए, पेट में फंसा था रेजर
स्कैन से पता चला कि ब्लेड होल्डर उसके पेट में फंसा हुआ था जबकि हैंडल बड़ी आंत में चला गया था. डॉक्टरों की एक टीम जिसका नेतृत्व डॉ. तरुण मित्तल ने किया और जिसमें डॉ. अनमोल आहुजा, डॉ. श्रेष्ठ मंगलिक, डॉ. राकेश एस, डॉ. कार्तिक कृष्णा और डॉ. तनुश्री नहाता शामिल थे. इन डॉक्टरों ने दो चरणों वाली सर्जरी की. पहले लैपरोटोमी की गई और पेट को खोलकर ब्लेड को निकाला गया. फिर, बहुत सावधानी से उस हैंडल को, जो कोलन में पाया गया था, बाहर की ओर धकेला गया. फिर सिग्मोइन्डोस्कोपी का उपयोग करके, हैंडल को निकाला गया. यह सटीक योजना और टीमवर्क का सामूहिक प्रयास था.

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युवक ने निगला था रेजर, सफल सर्जरी कर पेट से निकाला गया (SOURCE: ETV BHARAT)

डॉक्टर मित्तल ने कहा कि ऐसे मामलों का समाधान केवल अच्छे चिकित्सा उपचार से नहीं होता, बल्कि इसमें मरीज के मानसिक स्वास्थ्य के प्रति संवेदनशीलता की भी आवश्यकता होती है. उन्होंने मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं के लिए शीघ्र सहायता प्राप्त करने और मानसिक बीमारी को लेकर समाज में व्याप्त कलंक को समाप्त करने के महत्व को भी रेखांकित किया. कई लोग डर या शर्म के कारण इलाज लेने में हिचकिचाते हैं, जिससे खतरनाक स्थितियां उत्पन्न हो सकती हैं.

सर्जरी के बाद युवक की तबीयत स्थिर, काउंसलिंग के लिए भेजा गया
सर्जरी के बाद, युवक शारीरिक रूप से अच्छी तरह से ठीक हो गया. अब उसे उसके अवसाद और आत्महत्या के विचारों को शांत करने के लिए काउंसलिंग के लिए भेजा जा रहा है. सर गंगा राम अस्पताल के चेयरमैन डॉ. अजय स्वरूप ने कहा कि अस्पताल में हम समग्र दृष्टिकोण के प्रति प्रतिबद्ध हैं और मानसिक स्वास्थ्य समस्याएं हमारे लिए भी चिंता का विषय हैं. इसलिए ऐसे मरीजों की देखभाल के लिए विशेष प्रयास किए जाते हैं.

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