हैदराबाद: तेलंगाना में हैदराबाद शहर के मलकपेट में मुसी नदी के पास एक सप्ताह पहले बिना सिर के महिला का शव मिलने के मामले को पुलिस ने सुलझा लिया है. पुलिस ने मृतक महिला की शिनाख्त एक नर्स के तौर पर की है. बताया जा रहा है कि एक हफ्ते पहले, मलकपेट में थिगालागुडा, मुसी जलग्रहण क्षेत्र में एक काले प्लास्टिक के बैग में एक धड़ रहित सिर मिला था, जिससे इलाके में सनसनी फैल गई थी. पुलिस ने इस मामले की जांच शुरू कर दी, जिसमें एक आरोपी को गिरफ्तार किया गया है.
साउथ ईस्ट डीसीपी रूपेश कुमार मलक ने पेटा पुलिस स्टेशन में मीडिया से बात करते हुए, इस मामले का खुलासा किया. उन्होंने बताया कि प्लास्टिक कवर में बिना धड़ वाला सिर मिलते ही मलकपेट पुलिस को अलर्ट कर दिया गया. हमने 8 टीमों के इस मामले की जांच में लगाया. सबसे पहले, हमने राज्य भर के 750 पुलिस स्टेशनों में दर्ज गुमशुदगी के मामलों पर ध्यान केंद्रित किया. लेकिन, कहीं कोई मामला दर्ज नहीं हुआ था. शव का सिर मिल गया था, इसलिए हमने एक हफ्ते पहले के कई सौ घंटे के सीसीटीवी फुटेज की जांच की.
इस प्रक्रिया में जिस इलाके में सिर मिला था, वहां एक व्यक्ति संदिग्ध रूप से घूमता मिला. तकनीकी टीम की मदद से हमने उस इलाके की पहचान की जहां वह संदिग्थ व्यक्ति था. जब पुलिस ने उसके घर की जांच की तो, उसके घर से महिला के हाथ, पैर और अन्य अंग मिले थे. पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया, जिसकी पहचान चंद्रमोहन के तौर पर की है.
आरोपी चंद्रमोहन ने पूछताछ में हत्या को अंजाम देने की बात को कबूल किया. आरोपी ने दुर्गंध से बचने के लिए मृतक के शरीर के अंगों पर रसायनों का इस्तेमाल किया. डीसीपी रूपेश कुमार ने आगे कि हमने बुधवार को महिला को अन्य सभी अंगों को जब्त कर उस्मानिया अस्पताल में पोस्टमार्टम के लिए भेज किया है. अब पुलिस मामले में आगे जांच कर रही है.
पूछताछ में आरोपी ने बताया कि महिला का नाम एर्रम अनुराधा (55) था और वह एक अस्पताल में नर्स का काम करती थी. दस साल पहले आरोपी के पिता की उसी अस्पताल में सर्जरी हुई थी, जहां वह काम करती थी. इसी दौरान दोनों में जान पहचान हो गई. जान-पहचान के चलते आरोपी ने चैतन्यपुरी स्थित अपने घर के ग्राउंड फ्लोर पर नर्स को कमरा किराए पर दे दिया. वह करीब दो साल से वहां रह रही थी.
इन दो सालों में आरोपी चंद्रमोहन ने उससे 7 लाख रुपये कर्ज ले लिया. ऑनलाइन ट्रेडिंग में चंद्रमोहन का पैसा डूब गया और वह कर्ज में डूब गया. काफी समय बीतने के बाद महिला उससे पैसों की मांग करने लगी, लेकिन वह अक्सर उसे पैसे देने से मना करता था. उधार न चुकाना पड़े, इसके लिए आरोपी ने अनुराधा की हत्या की साजिश रच डाली. 12 मई की दोपहर उसने उससे झगड़ा किया और उसकी हत्या कर दी. फिर उसने चाकू और टाइल कटर से शरीर के अंगों को टुकड़ों में काट दिया.