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रूस-यूक्रेन युद्ध से नीलगिरी में चाय व्यापार पर पड़ा असर - यूक्रेन युद्ध से चाय निर्यात घटा

इंटरनेशनल टी ऑक्शन इंस्टीट्यूट के अध्यक्ष श्रीराम ने बताया कि हर साल भारत से रूस को चार करोड़ किलोग्राम और यूक्रेन को 1.5 करोड़ किलोग्राम चाय का निर्यात किया जाता है. इनमें से 40 प्रतिशत तक चाय का निर्यात नीलगिरी से ही किया जाता है.

Nilgiris tea
यूक्रेन युद्ध से चाय व्यापार प्रभावित
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Published : Mar 1, 2022, 11:10 PM IST

नीलगिरी: रूस-यूक्रेन में युद्ध का असर भारत के व्यापार पर भी दिखने लगा है. इस युद्ध ने तामिलनाडु के नीलगिरी जिले के चाय व्यापारियों के माथे पर चिंता की लकीरें खींच दी हैं, क्योंकि युद्ध की स्थिति के कारण नीलगिरी में चाय का निर्यात बुरी तरह प्रभावित हुआ है. इंटरनेशनल टी ऑक्शन इंस्टीट्यूट के अध्यक्ष श्रीराम ने बताया कि हर साल भारत से रूस को 4 करोड़ किलोग्राम और यूक्रेन को 1.5 करोड़ किलोग्राम चाय का निर्यात किया जाता है. इनमें से 40 प्रतिशत तक चाय का निर्यात नीलगिरी से ही किया जाता है.

यूक्रेन युद्ध से चाय व्यापार प्रभावित

यह भी पढ़ें- यूक्रेन युद्ध का असर : रूसी करेंसी धड़ाम, उठाना पड़ा ऐसा कदम

यूक्रेन पर रूस के हमले के परिणामस्वरूप, अमेरिका सहित विभिन्न देशों ने रूस पर प्रतिबंध लगाए हुए हैं. भारत सरकार चाय निर्यात की समस्या को कम करने के लिए रूसी मुद्रा रूबल में व्यापार प्रक्रिया को आगे बढ़ाने की प्रक्रिया में है. एक बार प्रक्रिया पूरी हो जाने के बाद, भारतीय व्यापार संगठन कच्चे तेल और उर्वरक का आयात कर सकेगा, जिसमें रूस से रूबल में और बदले में देश को चाय निर्यात करना शामिल है. युद्ध के चलते नीलगिरी में उत्पादित और रूसी लोगों द्वारा पसंद की जाने वाली सीटीसी चाय की मांग भी बहुत कम हो गई है. यहां के चाय व्यापारियों का कहना है कि यदि युद्ध जारी रहा, तो चाय का निर्यात बुरी तरह प्रभावित होगा जिससे अर्थव्यवस्था को भी नुकसान होगा.

नीलगिरी: रूस-यूक्रेन में युद्ध का असर भारत के व्यापार पर भी दिखने लगा है. इस युद्ध ने तामिलनाडु के नीलगिरी जिले के चाय व्यापारियों के माथे पर चिंता की लकीरें खींच दी हैं, क्योंकि युद्ध की स्थिति के कारण नीलगिरी में चाय का निर्यात बुरी तरह प्रभावित हुआ है. इंटरनेशनल टी ऑक्शन इंस्टीट्यूट के अध्यक्ष श्रीराम ने बताया कि हर साल भारत से रूस को 4 करोड़ किलोग्राम और यूक्रेन को 1.5 करोड़ किलोग्राम चाय का निर्यात किया जाता है. इनमें से 40 प्रतिशत तक चाय का निर्यात नीलगिरी से ही किया जाता है.

यूक्रेन युद्ध से चाय व्यापार प्रभावित

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यूक्रेन पर रूस के हमले के परिणामस्वरूप, अमेरिका सहित विभिन्न देशों ने रूस पर प्रतिबंध लगाए हुए हैं. भारत सरकार चाय निर्यात की समस्या को कम करने के लिए रूसी मुद्रा रूबल में व्यापार प्रक्रिया को आगे बढ़ाने की प्रक्रिया में है. एक बार प्रक्रिया पूरी हो जाने के बाद, भारतीय व्यापार संगठन कच्चे तेल और उर्वरक का आयात कर सकेगा, जिसमें रूस से रूबल में और बदले में देश को चाय निर्यात करना शामिल है. युद्ध के चलते नीलगिरी में उत्पादित और रूसी लोगों द्वारा पसंद की जाने वाली सीटीसी चाय की मांग भी बहुत कम हो गई है. यहां के चाय व्यापारियों का कहना है कि यदि युद्ध जारी रहा, तो चाय का निर्यात बुरी तरह प्रभावित होगा जिससे अर्थव्यवस्था को भी नुकसान होगा.

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