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बकरीद पर जम्मू-कश्मीर में दिखा संदिग्ध ड्रोन, सुरक्षा बल अलर्ट

बीते 27 जून को वायुसेना बेस पर ड्रोन हमले के बाद से लगातार संदिग्ध ड्रोन दिखाई दे रहे हैं. बीते 24 दिनों की बात करें तो करीब 10 बार ड्रोन दिखाई दे चुके हैं. जिसे लेकर सुरक्षा बलों को अलर्ट किया गया है.

Jammu
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Published : Jul 21, 2021, 10:38 AM IST

Updated : Jul 21, 2021, 12:13 PM IST

जम्मू : बकरीद के दिन यहां के सतवारी इलाके में संदिग्ध ड्रोन दिखाई दिया है. जिसे लेकर सुरक्षा बलों को चौकस कर दिया गया है और जगह-जगह छानबीन की जा रही है. एयरफोर्स बेस पर ड्रोन हमले के बाद यह 10वीं बार है जब संदिग्ध ड्रोन को देखा गया है.

इससे पहले 16 जुलाई को कठुआ-सांबा में और 13-14 जुलाई की दरम्यानी रात अरनिया सेक्टर में एक से अधिक संदिग्ध ड्रोन दिखाई दिए थे. पाकिस्तान की ओर से की जा रही इस हरकत को देखते हुए जम्मू-कश्मीर में नियंत्रण रेखा (Line of Control) पर तैनात भारतीय सेना के जवान ड्रोन खतरों में वृद्धि के बाद सीमा क्षेत्र पर नजर रखने के लिए निगरानी प्रणाली का उपयोग कर रहे हैं.

साथ ही जम्मू-कश्मीर सहित देश के अलग-अलग हिस्सों में भी ड्रोन संचालन पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. हालांकि इतना सब होने के बाद भी संदिग्ध ड्रोन्स का दिखाई देना जारी है. इसी क्रम में बुधवार को भी एक संदिग्ध ड्रोन दिखाई दिया है.

पाकिस्तानी साजिश के संकेत

सूत्रों की मानें तो एयरफोर्स बेस पर हुए ड्रोन हमले में उन्नत आईईडी में प्रेशर फ्यूज को बमों के सिरे पर लगाया गया था. ताकि उनमें जमीन पर गिरने के बाद दबाव से विस्फोट हो जाए. ऐसा तोप के अधिकतर गोलों और मोर्टार बमों में फ्यूज लगा होता है.

यह भी पढ़ें-हमले के लिए बमों में 'प्रेशर फ्यूज' का इस्तेमाल, पाक सेना की भूमिका के संकेत : सुरक्षा सूत्र

इसलिए वे हवा में नहीं फटते लेकिन जमीन पर गिरने के बाद दबाव की वजह से फटते हैं. ऐसे फ्यूज का उपयोग पाकिस्तानी सेना करती है जिससे ड्रोन हमले में पाकिस्तान की साजिश के संकेत मिलते हैं.

जम्मू : बकरीद के दिन यहां के सतवारी इलाके में संदिग्ध ड्रोन दिखाई दिया है. जिसे लेकर सुरक्षा बलों को चौकस कर दिया गया है और जगह-जगह छानबीन की जा रही है. एयरफोर्स बेस पर ड्रोन हमले के बाद यह 10वीं बार है जब संदिग्ध ड्रोन को देखा गया है.

इससे पहले 16 जुलाई को कठुआ-सांबा में और 13-14 जुलाई की दरम्यानी रात अरनिया सेक्टर में एक से अधिक संदिग्ध ड्रोन दिखाई दिए थे. पाकिस्तान की ओर से की जा रही इस हरकत को देखते हुए जम्मू-कश्मीर में नियंत्रण रेखा (Line of Control) पर तैनात भारतीय सेना के जवान ड्रोन खतरों में वृद्धि के बाद सीमा क्षेत्र पर नजर रखने के लिए निगरानी प्रणाली का उपयोग कर रहे हैं.

साथ ही जम्मू-कश्मीर सहित देश के अलग-अलग हिस्सों में भी ड्रोन संचालन पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. हालांकि इतना सब होने के बाद भी संदिग्ध ड्रोन्स का दिखाई देना जारी है. इसी क्रम में बुधवार को भी एक संदिग्ध ड्रोन दिखाई दिया है.

पाकिस्तानी साजिश के संकेत

सूत्रों की मानें तो एयरफोर्स बेस पर हुए ड्रोन हमले में उन्नत आईईडी में प्रेशर फ्यूज को बमों के सिरे पर लगाया गया था. ताकि उनमें जमीन पर गिरने के बाद दबाव से विस्फोट हो जाए. ऐसा तोप के अधिकतर गोलों और मोर्टार बमों में फ्यूज लगा होता है.

यह भी पढ़ें-हमले के लिए बमों में 'प्रेशर फ्यूज' का इस्तेमाल, पाक सेना की भूमिका के संकेत : सुरक्षा सूत्र

इसलिए वे हवा में नहीं फटते लेकिन जमीन पर गिरने के बाद दबाव की वजह से फटते हैं. ऐसे फ्यूज का उपयोग पाकिस्तानी सेना करती है जिससे ड्रोन हमले में पाकिस्तान की साजिश के संकेत मिलते हैं.

Last Updated : Jul 21, 2021, 12:13 PM IST
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