नई दिल्ली : जनगणना 2021 को कोरोना महामारी के चलते रोक दिया गया था. अब केंद्र सरकार ने कहा है कि अगली जनगणना, पहली डिजिटल जनगणना होगी. यही नहीं, सरकार ने लोकसभा में बताया कि तीन राज्य सरकारों और कुछ संगठनों ने आगामी जनगणना में जाति विवरण एकत्र करने का भी अनुरोध किया है.
केंद्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने लोकसभा में यह जानकारी दी. लोकसभा में एक सवाल के लिखित जवाब में केंद्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने बताया कि जनगणना 2021 करवाने की सरकार की मंशा को 28 मार्च, 2019 को भारत के राजपत्र में अधिसूचित किया गया था. कोविड-19 महामारी के फैलाव के कारण, जनगणना 2021 और संबंधित फील्ड गतिविधियों को अगले आदेश तक स्थगित कर दिया गया है.
राय ने बताया कि तीन राज्य सरकारों- बिहार, महाराष्ट्र और ओडिशा सहित कुछ संगठनों ने आगामी जनगणना में जाति विवरण एकत्र करने का अनुरोध किया है. उन्होंने कहा कि जनगणना में वे जातियां एवं जनजातियां जो समय-समय पर यथा संशोधित संविधान (अनुसूचित जाति) आदेश, 1950 एवं संविधान (अनुसूचित जनजाति) आदेश, 1950 के अनुसार अनुसूचित जातियों एवं अनुसूचित जनजातियों के रूप में विशेष रूप से अधिसूचित हैं, की जनगणना की जाती है.
नित्यानंद राय ने बताया कि भारत सरकार ने आजादी के बाद से जनगणना में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के अलावा जातिवार जनसंख्या की गणना नहीं की है. जवाब में ये भी कहा गया है कि आगामी जनगणना पहली डिजिटल जनगणना होगी और जिसमें स्व-गणना का प्रावधान है. डाटा को एकत्र करने के लिए मोबाइल ऐप और विभिन्न जनगणना संबंधी गतिविधियों के प्रबंधन और निगरानी के लिए एक जनगणना पोर्टल विकसित किया गया है.
केंद्र सरकार के अनुसार, जनगणना में जनसांख्यिकीय और विभिन्न सामाजिक-आर्थिक मापदंडों जैसे कि शिक्षा, अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति, धर्म, भाषा, विवाह, प्रजनन क्षमता, दिव्यांगता, व्यवसाय और व्यक्तियों के प्रवास के संबंध में डेटा एकत्र किया जाता है. जनगणना के पहले चरण की प्रशनावली को भारत के राजपत्र में अधिसूचित किया गया है.
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