अहमदाबाद : गुजरात के अहमदाबाद शहर में 2008 में हुए सिलसिलेवार बम विस्फोटों के मामले (2008 Ahmedabad serial bomb blasts case) में 49 दोषियों की सजा की अवधि पर सोमवार को अभियोजन की दलील पूरी हो गई. विशेष न्यायाधीश ए आर पटेल (Special judge Ambalal R Patel) आज बचाव पक्ष की दलील सुनेंगे.उन्होंने बताया कि अदालत ने अंतिम फैसला सुनाए जाने तक प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया को सजा की अवधि पर दलील की रिपोर्टिंग करने से रोक दिया है. विशेष अदालत ने पिछले मंगलवार को मामले में 49 आरोपियों को दोषी करार दिया था, जबकि 28 अन्य को बरी कर दिया था.
गुजरात के सबसे बड़े शहर अहमदाबाद में वर्ष 2008 के आतंकी हमलों के गुनहगारों की सजा पर सुनवाई हो रही है. इसी महीने की शुरूआत में स्पेशल कोर्ट ने 49 आरोपितों को सीरियल ब्लास्ट मामले में दोषी करार दिया था. जिसके बाद से कोर्ट में दलीलें पेश की जा रही हैं. जो आरोपी दोषी करार दिए जा चुके हैं, वे अपनी सजा कम करवाने की कोशिश कर रहे हैं. इसके लिए उनके वकीलों ने कोर्ट से गुहार लगाई है.
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Special judge Ambalal R. Patel will on Tuesday hear the arguments of the defence in the 2008 #Ahmedabad serial bomb blasts case.
— IANS Tweets (@ians_india) February 14, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
The prosecution on Monday concluded the arguments on the quantum of sentence to be awarded to the 49 convicts. pic.twitter.com/0BTCGibg7Z
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The prosecution on Monday concluded the arguments on the quantum of sentence to be awarded to the 49 convicts. pic.twitter.com/0BTCGibg7ZSpecial judge Ambalal R. Patel will on Tuesday hear the arguments of the defence in the 2008 #Ahmedabad serial bomb blasts case.
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The prosecution on Monday concluded the arguments on the quantum of sentence to be awarded to the 49 convicts. pic.twitter.com/0BTCGibg7Z
26 जुलाई 2008 का है मामला
यह मामला 26 जुलाई 2008 का है जब अहमदाबाद नगर पालिका क्षेत्र में एक घंटे के भीतर 21 सीरियल ब्लास्ट हुए थे. इस धमाके ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया था. इस विस्फोट में 56 लोगों की मौत हो गई थी और 200 से ज्यादा लोग घायल हो गए थे. देश में इतने कम समय में इतने धमाके पहले कभी नहीं हुए थे. एक घंटे के अंदर अहमदाबाद में 21 धमाके हुए थे. पुलिस ने अहमदाबाद में 20 प्राथमिकी दर्ज की थी, जबकि सूरत में 15 अन्य प्राथमिकी दर्ज की गई थी, जहां विभिन्न स्थानों से बम बरामद किए गए थे. अदालत द्वारा सभी 35 प्राथमिकी को मर्ज करने के बाद मुकदमा चलाया गया, क्योंकि पुलिस जांच में दावा किया गया था कि 'वे एक ही साजिश का हिस्सा थे.
तत्कालीन सीएम ने दिए थे आदेश
इस हमले के बाद गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने सभी आतंकियों की गिरफ्तारी के आदेश दिए थे. गुजरात के मौजूदा डीजीपी आशीष भाटिया के नेतृत्व में बेहतरीन अफसरों की टीम बनाई गई. विस्फोट के बाद तत्कालीन पीएम मनमोहन सिंह 27 तारीख को अहमदाबाद के दौरे पर आए थे.
पढ़ें : 2008 Ahmedabad Serial Blasts Case: 14 साल बाद आया फैसला, 49 आरोपी दोषी और 28 बरी
19 दिन में पकड़े गए 30 आतंकी
पीएम मनमोहन सिंह के आने के बाद 28 जुलाई को गुजरात पुलिस की एक टीम बनाई गई और महज 19 दिनों में 30 आतंकियों को पकड़कर जेल भेज दिया गया. इसके बाद बाकी आतंकी समय-समय पर पकड़े जाते रहे हैं. अहमदाबाद में हुए धमाकों से पहले इंडियन मुजाहिदीन की इसी टीम ने जयपुर और वाराणसी में धमाकों को अंजाम दिया था. देश के कई राज्यों की पुलिस इन्हें पकड़ने में लगी हुई थी, लेकिन ये एक के बाद एक ब्लास्ट करते चले गए. अहमदाबाद धमाकों के दूसरे दिन यानि 27 जुलाई को सूरत में सीरियल ब्लास्ट हुए, लेकिन टाइमर में गड़बड़ी की वजह से ये धमाके नहीं हो पाए.