ETV Bharat / bharat

देशद्रोही लेख मामले SIA ने द कश्मीर वाला के अंतरिम संपादक से पूछताछ की

जम्मू-कश्मीर पुलिस की राज्य जांच एजेंसी (SIA) ने डिजिटल पत्रिका 'द कश्मीर वाला' के अंतरिम संपादक यशराज शर्मा से गुरुवार को 2 घंटे तक पूछताछ की. एक देशद्रोही लेख प्रकाशित करने के लिए पत्रिका के खिलाफ एक मामले एसआईए ने उससे पूछताछ की.

author img

By

Published : Jun 2, 2022, 10:57 PM IST

the kashmir walla
द कश्मीर वाला

श्रीनगर: डिजिटल पत्रिका 'द कश्मीर वाला' के खिलाफ आतंकवाद विरोधी जांच के सिलसिले में जम्मू-कश्मीर पुलिस की राज्य जांच एजेंसी (SIA) ने कश्मीर के एक युवा पत्रकार यशराज शर्मा से गुरुवार को पूछताछ की. कुछ दिन पहले एजेंसी द्वारा तलब किए जाने के बाद जम्मू के संयुक्त पूछताछ केंद्र में उनसे दो घंटे से अधिक समय तक पूछताछ की गई. यशराज के एक सहयोगी ने ईटीवी भारत को बताया कि 2011 में एक देशद्रोही लेख प्रकाशित करने के लिए पत्रिका के खिलाफ एक मामले के संबंध में उन्हें गुरुवार को पेश होने के लिए कहा गया था.

उसने आगे बताया, 'यशराज से पत्रिका में एक विवादास्पद लेख के प्रकाशन के बारे में सवाल किया गया. इसके लेखक, अब्दुल आला फाजिली, कश्मीर विश्वविद्यालय में पीएचडी के छात्र, को एसआईए ने 17 अप्रैल को श्रीनगर में उसके आवास पर छापेमारी के बाद गिरफ्तार किया था. पूछताछ के दौरान यशराज से पृष्ठभूमि से जुड़े सवाल भी पूछे गए. 23 वर्षीय यशराज, वर्तमान में पत्रिका के अंतरिम संपादक के रूप में कार्यरत हैं जबकि संपादक फहद शाह पहले से ही एसआईए की हिरासत में हैं. दिलचस्प बात यह है कि यशराज 12 साल का था, जब 6 नवंबर, 2011 को 'द शेकल्स ऑफ स्लेवरी विल ब्रेक' शीर्षक वाला विवादास्पद लेख प्रकाशित हुआ था.

एसआईए ने 'द कश्मीर वाला' और अब्दुल आला फाजिली के खिलाफ गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम, 120-बी (आपराधिक साजिश के लिए सजा) की धारा 13 (गैरकानूनी गतिविधियों के लिए सजा) और 18 (आतंकवादी कृत्यों में शामिल), 121 (भारत सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ने या छेड़ने का प्रयास), 124 (देशद्रोह), 153-बी (आरोप, राष्ट्रीय-एकीकरण के लिए पूर्वाग्रही दावे) धाराएं लगाई हैं.

यह भी पढ़ें- बडगाम में आतंकी हमला, दो प्रवासी मजदूर घायल

इससे पहले 30 मई को, एसआईए ने अदालत को बताया था कि 2011 के लेख से जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद और गैरकानूनी गतिविधियों में वृद्धि हुई. एजेंसी के अनुसार, लेख अत्यधिक उत्तेजक, देशद्रोही और जम्मू-कश्मीर में अशांति पैदा करने के इरादे से लिखा गया था, और यह युवाओं को आतंकवाद का महिमामंडन करके हिंसा का रास्ता अपनाने के लिए प्रेरित करने वाल था. एजेंसी ने अदालत को यह भी बताया कि अब्दुल आला फाजिली ने अब तक इस लेखन को लिखने से इनकार किया है और इसलिए देशद्रोही लेख लिखने की जिम्मेदारी संपादक (फहद शाह) पर है. एजेंसी ने अदालत को यह भी बताया कि आने वाले हफ्तों में यह स्पष्ट हो जाएगा कि आरोपी लेखक और कश्मीर वाला के प्रधान संपादक द्वारा तत्काल राइटअप (एसआईसी) के लेखक के बारे में दिए गए बयानों में कितनी विश्वसनीयता है.

श्रीनगर: डिजिटल पत्रिका 'द कश्मीर वाला' के खिलाफ आतंकवाद विरोधी जांच के सिलसिले में जम्मू-कश्मीर पुलिस की राज्य जांच एजेंसी (SIA) ने कश्मीर के एक युवा पत्रकार यशराज शर्मा से गुरुवार को पूछताछ की. कुछ दिन पहले एजेंसी द्वारा तलब किए जाने के बाद जम्मू के संयुक्त पूछताछ केंद्र में उनसे दो घंटे से अधिक समय तक पूछताछ की गई. यशराज के एक सहयोगी ने ईटीवी भारत को बताया कि 2011 में एक देशद्रोही लेख प्रकाशित करने के लिए पत्रिका के खिलाफ एक मामले के संबंध में उन्हें गुरुवार को पेश होने के लिए कहा गया था.

उसने आगे बताया, 'यशराज से पत्रिका में एक विवादास्पद लेख के प्रकाशन के बारे में सवाल किया गया. इसके लेखक, अब्दुल आला फाजिली, कश्मीर विश्वविद्यालय में पीएचडी के छात्र, को एसआईए ने 17 अप्रैल को श्रीनगर में उसके आवास पर छापेमारी के बाद गिरफ्तार किया था. पूछताछ के दौरान यशराज से पृष्ठभूमि से जुड़े सवाल भी पूछे गए. 23 वर्षीय यशराज, वर्तमान में पत्रिका के अंतरिम संपादक के रूप में कार्यरत हैं जबकि संपादक फहद शाह पहले से ही एसआईए की हिरासत में हैं. दिलचस्प बात यह है कि यशराज 12 साल का था, जब 6 नवंबर, 2011 को 'द शेकल्स ऑफ स्लेवरी विल ब्रेक' शीर्षक वाला विवादास्पद लेख प्रकाशित हुआ था.

एसआईए ने 'द कश्मीर वाला' और अब्दुल आला फाजिली के खिलाफ गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम, 120-बी (आपराधिक साजिश के लिए सजा) की धारा 13 (गैरकानूनी गतिविधियों के लिए सजा) और 18 (आतंकवादी कृत्यों में शामिल), 121 (भारत सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ने या छेड़ने का प्रयास), 124 (देशद्रोह), 153-बी (आरोप, राष्ट्रीय-एकीकरण के लिए पूर्वाग्रही दावे) धाराएं लगाई हैं.

यह भी पढ़ें- बडगाम में आतंकी हमला, दो प्रवासी मजदूर घायल

इससे पहले 30 मई को, एसआईए ने अदालत को बताया था कि 2011 के लेख से जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद और गैरकानूनी गतिविधियों में वृद्धि हुई. एजेंसी के अनुसार, लेख अत्यधिक उत्तेजक, देशद्रोही और जम्मू-कश्मीर में अशांति पैदा करने के इरादे से लिखा गया था, और यह युवाओं को आतंकवाद का महिमामंडन करके हिंसा का रास्ता अपनाने के लिए प्रेरित करने वाल था. एजेंसी ने अदालत को यह भी बताया कि अब्दुल आला फाजिली ने अब तक इस लेखन को लिखने से इनकार किया है और इसलिए देशद्रोही लेख लिखने की जिम्मेदारी संपादक (फहद शाह) पर है. एजेंसी ने अदालत को यह भी बताया कि आने वाले हफ्तों में यह स्पष्ट हो जाएगा कि आरोपी लेखक और कश्मीर वाला के प्रधान संपादक द्वारा तत्काल राइटअप (एसआईसी) के लेखक के बारे में दिए गए बयानों में कितनी विश्वसनीयता है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.