नई दिल्ली: दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भले ही सरकारी आवास खाली कर दिया हो, लेकिन बंगले पर बवाल खत्म ही नहीं हो रहा. अब सरकार और उपराज्यपाल के बीच सरकारी आवास को लेकर बड़ा मुद्दा बन गया है. हालांकि पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल द्वारा सरकारी आवास खाली किए जाने की औपचारिकताएं पूरी नहीं की गई थीं, जिस वजह से पीडब्ल्यूडी ने बुधवार को सिविल लाइन्स के 6 फ्लैग स्टाफ स्थित बंगले को सील कर दिया है.
कब खुलेगा सरकारी आवास?
आम आदमी पार्टी और मुख्यमंत्री कार्यालय का आरोप है कि उस आवास में रहने के लिए गई मुख्यमंत्री आतिशी के समान को भी बाहर निकाल दिया गया. जब इस कार्रवाई के खिलाफ दिल्ली सरकार के मंत्री सौरभ भारद्वाज ने उपराज्यपाल पर गंभीर आरोप लगाए तो उपराज्यपाल सचिवालय ने भी उन्हें नियम कानून के बारे में बताया. अब सरकारी आवास कब खुलेगा और इसमें कौन रहेगा फिलहाल असमंजस की स्थिति बन गई है. पीडब्ल्यूडी द्वारा सरकारी आवास सील किए जाने के बाद जब विभाग की तरफ से कहा गया कि सरकारी आवास किसी को आवंटित नहीं किया गया है और खाली करने की औपचारिकताएं भी पूरी नहीं की गई, ऐसे में कोई किसी को कैसे आवंटन किया जा सकता है?
LG सॉब मीडिया में प्लांट कर रहे हैं कि दिल्ली की CM आतिशी का सामान CM हाउस से इस लिए बाहर फेंका गया क्योंकि उन्होंने CM हाउस की चाबी पीडब्ल्यूडी को नहीं दी थी। आतिशी जी का सामान बाहर फेंकने के बाद अब घर के अंदर की inventory ली जाएगी और उसके बाद उन्हें घर allot किया जाएगा।
— Saurabh Bharadwaj (@Saurabh_MLAgk) October 9, 2024
वहीं सीएम हाउस सील होने के बाद दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी का एक वीडियो सामने आया है कि जिसमें वो अपने सामान के साथ बैठकर फाइलें साइन करती हुई दिख रही है.आतिशी जिस कमरे में बैठकर काम कर रही हैं उस कमरे में उनके साथ सामान भरे कार्टन्स भी नजर आ रहे हैं.
#WATCH | Delhi Chief Minister Atishi at her private residence with her belongings after the Chief Minister's residence was sealed, says CMO.
— ANI (@ANI) October 10, 2024
CM Atishi is seen signing a file amidst packed luggage. These are the items that were taken out from the CM residence yesterday
(Source:… pic.twitter.com/r8FEjInOEC
इधर दिल्ली सरकार के मंत्री सौरभ भारद्वाज ने उपराज्यपाल को टैग करते हुए सोशल मीडिया एक्स पर लिखा कि, "मैं पूरी विनम्रता से एलजी साहिब से पूछना चाहता हूँ कि जब वे राजनिवास में शिफ्ट हुए थे तो क्या पुराने एलजी ने राजनिवास की चाबी पीडब्ल्यूडी को दी थी और क्या नए एलजी के शिफ्ट होने के पहले राजनिवास की तलाशी व अन्य औपचारिक पूरी की गई थी?" मंत्री के इस बात पर उपराज्यपाल सचिवालय ने मंत्री पर तंज करते प्रतिक्रिया में कहा कि, सबसे सम्मानपूर्वक, माननीय पीसी मंत्री सौरभ भारद्वाज, जो एक अडिग वक्ता हैं, स्पष्ट रूप से इस बात से अनभिज्ञ हैं कि राष्ट्रपति भवन, राजभवन और राज निवास का स्वामित्व क्रमशः राष्ट्रपति, राज्यपाल और उपराज्यपाल के पास है, न कि सीपीडब्ल्यूडी/पीडब्ल्यूडी या किसी अन्य एजेंसी के पास, जैसा कि पीएम, सीएम, मंत्रियों, न्यायाधीशों या अन्य सरकारी आवासों के मामले में होता है. भारद्वाज की यह अज्ञानता स्पष्ट रूप से स्वास्थ्य और शहरी विकास मंत्री के रूप में उनके कामकाज में झलकती है.
उपराज्यपाल वीके सक्सेना के स्थानांतरण के संबंध में, दिल्ली राजनिवास का एलजी सचिवालय द्वारा विधिवत रूप से सूचित किया गया था, उनके आने से पहले और सक्सेना के कार्यभार संभालने के बाद से राजनिवास हर किसी के लिए खुला घर बना हुआ है. मंत्री सौरभ भारद्वाज के लिए यह जानना शिक्षाप्रद होगा कि जून 2022 से अब तक 65,000 लोग राज निवास का दौरा कर चुके हैं, जो ऐतिहासिक है.
दिल्ली सरकार के पूर्व मुख्य सचिव ओमेश सहगल बताते हैं कि, नियमानुसार दिल्ली सरकार के अधीन आने वाला आवास खाली होता है तो उसके मुख्य द्वार की चाबी लोक निर्माण के सेक्शन आफिसर को सौंपा जाता है. नियमानुसार जब भी कोई सरकारी बंगला खाली होता तो उसकी इन्वेंट्री बनती है, सही हालात मे बंगला मिला इसकी विडियोग्राफी होती है पर यहाँ ऐसा कुछ नही हुआ.
मैं पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को चुनौती देता हूँ की यदि उनके पास कुछ छुपाने को नहीं है तो शीशमहल बंगले की कस्टडी लोक निर्माण सचिव को सौंपे।
— BJP Delhi (@BJP4Delhi) October 7, 2024
दिल्ली की जनता स्तब्ध है कि यह चाबी देने और वापस लेने का घोटाला अरविंद केजरीवाल ने क्यों किया, आखिर ऐसा क्या छुपा है उसे शीशमहल…
आवास की होती है वीडियोग्राफी
विधानसभा में नेता विपक्ष विजेंद्र गुप्ता के मुताबिक इस सरकारी आवास की चाबी पीडब्ल्यूडी के अधिकारी विजय कुमार को सौंपी जानी थी पर उनको चाबी केवल कैमरे पर दिखावे के लिए सौंपी गई और कुछ ही मिनट बाद चाबी मुख्यमंत्री कार्यालय के विशेष सचिव प्रवेश रंजन झा ने वापस ले ली. मात्र एक दिन बाद ही वर्तमान मुख्यमंत्री आतिशी ने बंगले का आवंटन खुद के लिए मांग लिया और कब्जा लेने का प्रयास भी किया. जबकि 6 फ्लैग स्टाफ स्थित यह सरकारी बंगला किसी मुख्यमंत्री के लिए आरक्षित नही है. दिल्ली की जनता यह नही समझ पा रही की मुख्यमंत्री आतिशी आखिर इस सरकारी बंगले का कौन सा सच छुपाना चाहती हैं जो वह मात्र एक दिन बाद ही बंगले का कब्जा लेने को उत्सुक हो गईं.
ये भी पढ़ें- दिल्ली CM का आवास सील, आतिशी का सामान निकाला बाहर, 'शीश महल' के अंदर की तस्वीरें देखिए
ये भी पढ़ें- आतिशी को नहीं मिला मुख्यमंत्री आवास, तो संजय सिंह बोले- सीएम आवास पर कब्जा करना चाहती है भाजपा