भोपाल : मध्य प्रदेश में मंत्रिपरिषद ने मंगलवार को प्रदेश के आबकारी अधिनियम में संशोधन को मंजूरी देते हुए नकली शराब के सेवन से हुई मौतों से संबंधित मामलों में मृत्युदंड और आजीवन कारावास की सजा का प्रावधान किया है. इस संशोधन प्रस्ताव में 20 लाख रुपए के जुर्माने का भी प्रावधान किया गया है. प्रदेश विधानसभा में अनुमोदन के बाद यह कानून बन जाएगा.
हाल ही में मंदसौर और इंदौर में जहरीली शराब पीने से कम से कम सात लोगों की मौत की पृष्ठभूमि में प्रदेश सरकार ने यह कदम उठाया है. प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कैबिनेट की बैठक के बाद पत्रकारों को बताया, 'मंत्रिपरिषद ने मध्य प्रदेश आबकारी संशोधन अधिनियम 2021 को मंजूरी दी है. इसके तहत जहरीली शराब से होने वाली मौत से संबंधित मामलों में आजीवन कारावास और मृत्युदंड का प्रावधान किया गया है तथा इस तरह के मामले में 20 लाख रुपए की जुर्माने का भी प्रावधान किया गया है.' उन्होंने कहा कि अवैध शराब के व्यापार और नकली शराब से होने वाली मौत से संबंधित अपराधों को रोकने के लिए यह संशोधन पेश किए गए हैं.
जुर्माना की राशि 10 लाख रुपए
मिश्रा ने कहा कि कानून के मौजूदा दायरे में नकली शराब के सेवन से होने वाली मौत से संबंधित मामलों में दोषियों को पांच से अधिकतम दस साल कैद की सजा दी जा सकती है तथा जुर्माना की राशि भी 10 लाख रुपए तक है.
उन्होंने कहा, 'इस संशोधन के जरिए प्रदेश के आबकारी कानून को और सख्त बनाया जा रहा है.' मिश्रा ने कहा कि जहरीली शराब पीने से पीड़ितों को हुई शारीरिक क्षति के मामले में वर्तमान में एक से छह साल तक की सजा है. इसे बढ़ाकर दस साल से अधिकतम 14 साल किया जा रहा है तथा इसमें भी 10 लाख रुपये जुर्माने का प्रावधान किया गया है.
नकली शराब जब्ती मामले में चार साल की सजा
उन्होंने कहा कि नकली शराब जब्ती के मामले में वर्तमान में छह माह की सजा को बढ़ाकर अधिकतम चार साल किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि संशोधन में यह भी प्रस्ताव है कि अवैध शराब जब्ती के दौरान जो लोग पुलिस या आबकारी विभाग के दलों पर हमला करते हैं, उन्हें बिना वारंट के गिरफ्तार किया जाएगा. उन्होंने कहा कि इस संशोधन प्रस्ताव में कई अन्य प्रावधानों में सजा का दायरा बढ़ा दिया गया है.
गृह मंत्री ने कहा, 'ये प्रावधान अवैध शराब के कारोबार में शामिल लोगों को हतोत्साहित करेंगे और इससे लोगों की जान बचाई जा सकती है. इससे पहले मध्य प्रदेश सरकार ने सोमवार को नकली शराब की तस्करी और कारोबार को रोकने के लिए शराब की बोतलों पर 20 से अधिक सुरक्षा मानकों वाले क्यूआर कोड होलोग्राम लगाने का निर्णय लिया था.
15 महीने में जहरीली शराब से 53 लोगों की मौत
पिछले 15 महीने में प्रदेश में जहरीली शराब से करीब 53 लोगों की मौत हो चुकी है. मंदसौर में 25 जुलाई को जहरीली शराब पीने से 5 लोगों की मौत के बाद मुख्यमंत्री ने अवैध शराब के कारोबार पर सख्ती बरतने के आदेश दिए थे. इसके बाद गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा था, दूसरे राज्यों से मध्य प्रदेश लाई जा रही अवैध शराब को रोकने के लिए सख्त कानून बनाया जाएगा.
मध्य प्रदेश : जहरीली शराब पीने से तीन की मौत, सियासत शुरू
7 जनवरी को खरगोन में अवैध शराब से दो लोगों की मौत हुई थी. 11 जनवरी को मुरैना में जहरीली शराब से 26 लोगों ने दम तोड़ दिया था. 25 जुलाई को मंदसौर में जहरीली शराब से 5 लोगों की जान चली गई थी. इसी तरह 15 अक्टूबर 2020 को उज्जैन में 14 लोगों की जहरीली शराब पीने से मौत हो गई थी. 6 सितंबर 2020 को रतलाम में जहरीली शराब के कारण दो लोगों ने दम तोड़ दिया था. 2 मई 2020 को रतलाम में ही जहीरीली शराब ने चार लोगों की जान ले ली थी.
कैबिनेट में प्रदेश में MSME के निवेश का दायरा बढ़ाने के प्रस्ताव को मंजूरी मिल सकती है. इस प्रस्ताव के मुताबिक MSME के लिए निवेश सीमा बढ़ाकर 50 करोड़ रुपए किया जा सकता है. वर्तमान में केवल 10 करोड़ के निवेश वाले उद्योग ही इस दायरे में आते हैं.