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NDA Topper Shanan Dhaka: महिलाओं के पहले NDA बैच में हरियाणा की बेटी शनन ढाका अव्वल - shanan dhaka

भारतीय सेना में महिलाओं के पहले एनडीए (National Defense Academy) बैच में हरियाणा की बेटी ने टॉप किया है. रोहतक के सुडाना गांव की बेटी शनन ढाका ने प्रथम रैंक (NDA Topper Shanan Dhaka) हासिल कर जिले के साथ-साथ प्रदेश का नाम रोशन किया (first ever batch of women cadets) है. पढ़ें पूरी खबर...

NDA Topper Shanan Dhaka
NDA Topper Shanan Dhaka
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Published : Jun 20, 2022, 11:59 AM IST

रोहतक: भारतीय सेना में महिलाओं के पहले एनडीए (National Defense Academy) बैच में रोहतक के सुडाना गांव की बेटी शनन ढाका ने प्रथम रैंक हासिल किया (Shanan Dhaka Of Rohtak) है. शनन की इस उपलब्धि पर गांव में खुशी का माहौल (Shanan Dhaka NDA Topper) है. दरअसल सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद पिछले साल भारत सरकार ने एनडीए में लड़कियों के प्रवेश (first female nda batch of india) की अनुमति दी थी. NDA के महिलाओं के पहले बैच में शनन ढाका (first ever batch of women cadets) ने टॉप किया है.

शनन को देशसेवा का जज्बा विरासत में मिला है. उनके दादा सूबेदार चंद्रभान ढाका और पिता नायक सूबेदार विजय कुमार ढाका ने भी भारतीय सेना में रहकर देश की सेवा की है. इन्हीं दोनों से प्रेरणा लेकर शनन ने भारतीय सेना में जाने का फैसला लिया था. पिता के सेना में होने की वजह से शनन की पढ़ाई आर्मी स्कूल में हुई है. उन्होंने 4 साल रुड़की आर्मी स्कूल, 3 साल जयपुर आर्मी स्कूल और 5 साल पंचकूला स्थित चंडी मंदिर आर्मी स्कूल में पढ़ाई (NDA Batch Of Women Indian Army) की है. इसके बाद उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय के लेडी श्रीराम कॉलेज में स्नातक कोर्स में दाखिला लिया था. एनडीए में महिलाओं के प्रवेश को (first women NDA batch) अनुमति मिलने के बाद शनन ने भी आवेदन किया था.

शनन ढाका (Shanan Dhaka) के मुताबिक एनडीए की परीक्षा की तैयारी के लिए बहुत कम वक्त मिला था. 21 नवंबर 2021 को हुई परीक्षा की तैयारी के लिए उन्हें सिर्फ 40 दिन का वक्त मिला था. जिसकी तैयारी के लिए उन्होंने पिछले 10 साल के प्रश्न पत्रों को देखा और बार-बार हल करने की प्रैक्टिस की. परीक्षा में ढाई घंटे का समय दिया जाता है, जबकि उसका लक्ष्य 2 घंटों में पेपर हल करना होता था, ताकि जब वह परीक्षा में बैठे तो किसी भी प्रकार की दिक्कत ना हो. लिखित परीक्षा पास करने के बाद इंटरव्यू हुआ था. शनन बताती हैं कि 5 दिन तक चले इंटरव्यू के दौरान उन्होंने अपना आत्मविश्वास बनाए रखा और अब महिलाओं का पहला एनडीए बैच चुना गया है तो शनन उस बैच की टॉपर हैं.

बता दें कि नेशनल डिफेंस एकेडमी (एनडीए) में बारहवीं कक्षा के बाद प्रवेश होता है. जबकि इससे पहले सेना में लड़कियां अधिकारी रैंक पर जाने के लिए स्नातक करने के बाद ऑफिसर्स ट्रेनिंग अकादमी से प्रशिक्षण लेती थीं. पिता ने भी बेटी को सेना में जाने के लिए प्रेरित किया. शनन की बड़ी बहन जोनून ढाका मिलिट्री में नर्सिंग ऑफिसर के पद पर तैनात है. जबकि छोटी बहन अशी अभी पांचवीं कक्षा में पढ़ाई कर रही हैं.

ये भी पढ़ें: कभी हाइट कम होने के कारण नहीं हुआ था एयरफोर्स में सेलेक्शन, अब बनी देश की पहली महिला कॉम्बैट एविएटर

रोहतक: भारतीय सेना में महिलाओं के पहले एनडीए (National Defense Academy) बैच में रोहतक के सुडाना गांव की बेटी शनन ढाका ने प्रथम रैंक हासिल किया (Shanan Dhaka Of Rohtak) है. शनन की इस उपलब्धि पर गांव में खुशी का माहौल (Shanan Dhaka NDA Topper) है. दरअसल सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद पिछले साल भारत सरकार ने एनडीए में लड़कियों के प्रवेश (first female nda batch of india) की अनुमति दी थी. NDA के महिलाओं के पहले बैच में शनन ढाका (first ever batch of women cadets) ने टॉप किया है.

शनन को देशसेवा का जज्बा विरासत में मिला है. उनके दादा सूबेदार चंद्रभान ढाका और पिता नायक सूबेदार विजय कुमार ढाका ने भी भारतीय सेना में रहकर देश की सेवा की है. इन्हीं दोनों से प्रेरणा लेकर शनन ने भारतीय सेना में जाने का फैसला लिया था. पिता के सेना में होने की वजह से शनन की पढ़ाई आर्मी स्कूल में हुई है. उन्होंने 4 साल रुड़की आर्मी स्कूल, 3 साल जयपुर आर्मी स्कूल और 5 साल पंचकूला स्थित चंडी मंदिर आर्मी स्कूल में पढ़ाई (NDA Batch Of Women Indian Army) की है. इसके बाद उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय के लेडी श्रीराम कॉलेज में स्नातक कोर्स में दाखिला लिया था. एनडीए में महिलाओं के प्रवेश को (first women NDA batch) अनुमति मिलने के बाद शनन ने भी आवेदन किया था.

शनन ढाका (Shanan Dhaka) के मुताबिक एनडीए की परीक्षा की तैयारी के लिए बहुत कम वक्त मिला था. 21 नवंबर 2021 को हुई परीक्षा की तैयारी के लिए उन्हें सिर्फ 40 दिन का वक्त मिला था. जिसकी तैयारी के लिए उन्होंने पिछले 10 साल के प्रश्न पत्रों को देखा और बार-बार हल करने की प्रैक्टिस की. परीक्षा में ढाई घंटे का समय दिया जाता है, जबकि उसका लक्ष्य 2 घंटों में पेपर हल करना होता था, ताकि जब वह परीक्षा में बैठे तो किसी भी प्रकार की दिक्कत ना हो. लिखित परीक्षा पास करने के बाद इंटरव्यू हुआ था. शनन बताती हैं कि 5 दिन तक चले इंटरव्यू के दौरान उन्होंने अपना आत्मविश्वास बनाए रखा और अब महिलाओं का पहला एनडीए बैच चुना गया है तो शनन उस बैच की टॉपर हैं.

बता दें कि नेशनल डिफेंस एकेडमी (एनडीए) में बारहवीं कक्षा के बाद प्रवेश होता है. जबकि इससे पहले सेना में लड़कियां अधिकारी रैंक पर जाने के लिए स्नातक करने के बाद ऑफिसर्स ट्रेनिंग अकादमी से प्रशिक्षण लेती थीं. पिता ने भी बेटी को सेना में जाने के लिए प्रेरित किया. शनन की बड़ी बहन जोनून ढाका मिलिट्री में नर्सिंग ऑफिसर के पद पर तैनात है. जबकि छोटी बहन अशी अभी पांचवीं कक्षा में पढ़ाई कर रही हैं.

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