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महेश बैंक के 128 खातों में हैकर्स ने 12.90 करोड़ रुपये ट्रांसफर किए - IT chief K Badrinath statment

आंध्र प्रदेश में महेश को-ऑपरेटिव अर्बन बैंक (Mahesh Co-Operative Urban Bank) का सर्वर रविवार को हैक करने वाले साइबर बदमाशों ने एक ही बैंक के तीन खातों में 12.90 करोड़ रुपये और वहां से विभिन्न बैंकों के 128 खातों में 12.90 करोड़ रुपये ट्रांसफर किए.

Servers hacked
हैकर्स
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Published : Jan 26, 2022, 3:18 PM IST

हैदराबाद : आंध्र प्रदेश में महेश बैंक (Mahesh Co-Operative Urban Bank) के 128 खातों में हैकर्स ने 12.90 करोड़ रुपये ट्रांसफर किए हैं. एक बैंक अधिकारी ने यह जानकारी दी है. बैंक के आईटी प्रमुख के. बद्रीनाथ (IT chief K. Badrinath) ने यह भी कहा कि ग्राहकों की जमा राशि और डेटा सुरक्षित है क्योंकि हैकर्स ने बैंक के रेमिटेंस फंड से धन हस्तांतरित किया है.

उन्होंने दावा किया कि हैकिंग की सूचना के तुरंत बाद महेश बैंक के अधिकारी रकम ट्रांसफर को रोकने में सफल रहे. उन्होंने कहा कि हमने उन बैंकों को भी तुरंत सतर्क कर दिया, जहां पैसा ट्रांसफर किया गया था और उनसे ट्रांसफर को होल्ड पर रखने का अनुरोध (Request to put transfer on hold) किया. बैंक ने साइबर क्राइम थाने में शिकायत दर्ज कराई है.

पुलिस ने मामले की जांच शुरू की और कथित तौर पर हैदराबाद में महेश बैंक की दो शाखाओं में तीन खातों को जब्त किया है. जहां हैकर्स ने शुरू में पैसे ट्रांसफर किए थे. बैंक अधिकारी ने इस बात से इनकार किया कि उनकी साइबर सुरक्षा प्रणाली कमजोर (cyber security system weak) थी. उन्होंने बताया कि साइबर हमले की सूचना के तुरंत बाद नुकसान की जांच की जा रही है.

उन्होंने कहा कि हमारे पास सबसे अच्छे उपकरण और सर्वोत्तम प्रक्रियाएं हैं. यह पहली बार साइबर धोखाधड़ी हुई है. हमने यह पता लगाने के लिए विशेषज्ञों को काम पर लगाया है कि उन्होंने सर्वर को कैसे हैक किया. रविवार को सर्वर हैक हो गया था. बैंकों के भुगतान चैनल चौबीसों घंटे काम करते हैं और यहां तक कि छुट्टियों के दिन भी और संबंधित अधिकारी उनकी निगरानी करते रहते हैं.

उन्होंने कहा कि हमने रविवार को खातों का मिलान किया और असामान्यता देखी. हमने इसे घंटों के भीतर रोक दिया और पता लगाया कि पैसा कैसे भेजा गया. बैंक ने जांच अधिकारियों के साथ खातों और बैंकों का विवरण साझा किया है. बद्रीनाथ ने कहा कि चूंकि बैंक के पास साइबर धोखाधड़ी के खिलाफ बीमा है, इसलिए धन सुरक्षित है. इस बीच सेंट्रल क्राइम स्टेशन (सीसीएस) पुलिस ने महेश बैंक का सर्वर हैक होने की जांच तेज कर दी है. जांच अधिकारी यह पता लगाने की कोशिश कर रहे थे कि हैकर्स बैंक के सर्वर में सेंध कैसे लगा सकते हैं.

यह भी पढ़ें- जीएसटी के बाद से केंद्र को राज्यों की आर्थिक मदद जारी रखनी चाहिए: अजित पवार

शहर में महेश बैंक की दो शाखाओं में तीन खातों के खाताधारकों से कथित तौर पर धोखाधड़ी के बारे में पूछताछ की जा रही है. पुलिस उनके और देश के विभिन्न हिस्सों के अन्य बैंकों के खाताधारकों के बीच संबंधों की भी जांच कर रही है. साइबर बदमाशों ने दिल्ली, बिहार और पूर्वोत्तर राज्यों के विभिन्न बैंकों के 128 खातों में पैसे ट्रांसफर किए.

हैदराबाद : आंध्र प्रदेश में महेश बैंक (Mahesh Co-Operative Urban Bank) के 128 खातों में हैकर्स ने 12.90 करोड़ रुपये ट्रांसफर किए हैं. एक बैंक अधिकारी ने यह जानकारी दी है. बैंक के आईटी प्रमुख के. बद्रीनाथ (IT chief K. Badrinath) ने यह भी कहा कि ग्राहकों की जमा राशि और डेटा सुरक्षित है क्योंकि हैकर्स ने बैंक के रेमिटेंस फंड से धन हस्तांतरित किया है.

उन्होंने दावा किया कि हैकिंग की सूचना के तुरंत बाद महेश बैंक के अधिकारी रकम ट्रांसफर को रोकने में सफल रहे. उन्होंने कहा कि हमने उन बैंकों को भी तुरंत सतर्क कर दिया, जहां पैसा ट्रांसफर किया गया था और उनसे ट्रांसफर को होल्ड पर रखने का अनुरोध (Request to put transfer on hold) किया. बैंक ने साइबर क्राइम थाने में शिकायत दर्ज कराई है.

पुलिस ने मामले की जांच शुरू की और कथित तौर पर हैदराबाद में महेश बैंक की दो शाखाओं में तीन खातों को जब्त किया है. जहां हैकर्स ने शुरू में पैसे ट्रांसफर किए थे. बैंक अधिकारी ने इस बात से इनकार किया कि उनकी साइबर सुरक्षा प्रणाली कमजोर (cyber security system weak) थी. उन्होंने बताया कि साइबर हमले की सूचना के तुरंत बाद नुकसान की जांच की जा रही है.

उन्होंने कहा कि हमारे पास सबसे अच्छे उपकरण और सर्वोत्तम प्रक्रियाएं हैं. यह पहली बार साइबर धोखाधड़ी हुई है. हमने यह पता लगाने के लिए विशेषज्ञों को काम पर लगाया है कि उन्होंने सर्वर को कैसे हैक किया. रविवार को सर्वर हैक हो गया था. बैंकों के भुगतान चैनल चौबीसों घंटे काम करते हैं और यहां तक कि छुट्टियों के दिन भी और संबंधित अधिकारी उनकी निगरानी करते रहते हैं.

उन्होंने कहा कि हमने रविवार को खातों का मिलान किया और असामान्यता देखी. हमने इसे घंटों के भीतर रोक दिया और पता लगाया कि पैसा कैसे भेजा गया. बैंक ने जांच अधिकारियों के साथ खातों और बैंकों का विवरण साझा किया है. बद्रीनाथ ने कहा कि चूंकि बैंक के पास साइबर धोखाधड़ी के खिलाफ बीमा है, इसलिए धन सुरक्षित है. इस बीच सेंट्रल क्राइम स्टेशन (सीसीएस) पुलिस ने महेश बैंक का सर्वर हैक होने की जांच तेज कर दी है. जांच अधिकारी यह पता लगाने की कोशिश कर रहे थे कि हैकर्स बैंक के सर्वर में सेंध कैसे लगा सकते हैं.

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शहर में महेश बैंक की दो शाखाओं में तीन खातों के खाताधारकों से कथित तौर पर धोखाधड़ी के बारे में पूछताछ की जा रही है. पुलिस उनके और देश के विभिन्न हिस्सों के अन्य बैंकों के खाताधारकों के बीच संबंधों की भी जांच कर रही है. साइबर बदमाशों ने दिल्ली, बिहार और पूर्वोत्तर राज्यों के विभिन्न बैंकों के 128 खातों में पैसे ट्रांसफर किए.

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