नई दिल्ली : सर्वोच्च न्यायालय ने घग्घर बेसिन (Ghaggar basin) में बाढ़ की समस्या से निपटने के लिए कारगर कदम नहीं उठाने पर पंजाब और हरियाणा सरकार की खिंचाई की है. हर साल इससे 25 से ज्यादा गांव प्रभावित होते हैं.
न्यायमूर्ति एमआर शाह और न्यायमूर्ति एमएम सुंदरेश की पीठ ने दोनों राज्यों के मुख्य सचिवों से स्थिति रिपोर्ट मांगी और उन्हें सुनवाई की अगली तारीख पर उपस्थित रहने के लिए भी कहा.
कोर्ट ने पहले दोनों राज्यों को अंतिम मॉडल अध्ययन रिपोर्ट में की गई सिफारिशों पर समयबद्ध तरीके से कार्रवाई करने का आदेश दिया था ताकि बाढ़ की समस्या को हल किया जा सके लेकिन राज्यों ने ऐसा नहीं किया. उन्हें हर 4 सप्ताह में समीक्षा बैठक करने के लिए भी कहा गया था. कोर्ट ने कहा कि यह बहुत 'दुर्भाग्यपूर्ण' है कि आदेशों के बावजूद दोनों राज्यों ने ऐसा नहीं किया है.
अदालत ने तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा कि , 'इस तरह संबंधित राज्य घग्घर बेसिन की बाढ़ की समस्या से निपटने के लिए गंभीर हैं? जहां सुप्रीम कोर्ट के आदेश का भी कोई सम्मान नहीं है.' अदालत ने आदेश दिया, 'हम एक बार फिर से दोहराते हैं और संबंधित राज्यों को अतिप्रवाह और घग्गर बेसिन की समस्या से निपटने के लिए गंभीर और ईमानदार होने का निर्देश देते हैं, जो हर साल 25 से अधिक गांवों को प्रभावित करता है.' मामले की अगली सुनवाई 15 नवंबर को होगी.
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