आगरा: सुप्रीम कोर्ट ने आगरा विकास प्राधिकरण (एडीए) को ताजमहल के 500 मीटर के दायरे में सभी व्यावसायिक गतिविधियों को तत्काल रोकने का आदेश दिया है. क्योंकि, यह स्मारक यूनिस्को की विश्व विरासत की श्रेणी में आता है. इसलिए, ताजमहल के आसपास व्यवसायिक गतिविधियां रोकी जाएं. सुप्रीम कोर्ट ने यह आदेश ताजमहल के पश्चिमी गेट मार्केट एसोसिएशन की याचिका को लेकर दिया है. जिसमें कहा गया है कि उन्हें ताजमहल से 500 मीटर के दायरे से बाहर जगह आवंटित की गई है. मगर, ताजमहल के 500 मीटर के दायरे में अवैध गतिविधि हो रही हैं. इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने एडीए को अपने निर्देश का अनुपालन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं. यह आदेश सोमवार को सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट पर अपलोड किया गया है. जिसमें एडीए की भी सहमित है.
सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस संजय किशन कौल और एएस ओका की पीठ ने कहा कि, आगरा विकास प्राधिकरण (एडीए) ताजमहल स्मारक की परिधि के 500 मीटर के दायरे में कोई भी व्यावसायिक गतिविधि न होने दें. पीठ ने न्याय मित्र के रूप में अदालत की सहायता कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता एडीएन राव की दलीलों को रिकॉर्ड में लिया है. जिसमें ताजमहल के पास सभी व्यावसायिक गतिविधियों को प्रतिबंधित करने के लिए निर्देश जारी करना संरक्षित स्मारक के हित में होगा.
वरिष्ठ अधिवक्ता एडीएन राव के मुताबिक, शीर्ष अदालत ने मई 2000 में भी इसी तरह का आदेश जारी किया था. लेकिन, लंबे समय बीतने के मद्देनजर निर्देश को दोहराना ही उचित है. याचिकाकर्ताओं के अधिवक्ता एमसी ढींगरा ने कहा कि ताजमहल स्मारक के पश्चिमी गेट के पास अवैध व्यावसायिक गतिविधियां फल-फूल रही हैं. इससे सर्वोच्च अदालत के पुराने आदेश का खुलेआम उल्लंघन हो रहा है. इस पर अदालत ने कड़ी नाराजगी जताते हुए एडीए को तुरंत कार्रवाई करने का आदेश दिया.
हजारों लोग होंगे बेरोजगार
ताजमहल के पश्चिमी गेट मार्केट एसोसिएशन की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश से ताजगंज क्षेत्र में खलबली मच गई है. क्योंकि, ताजमहल की 500 मीटर की परिधि में दर्जनों हैंडीक्राफ्ट शोरूम, सैंकड़ों दुकानें, रेस्टोरेंट और होटल्स बने हुए हैं. सुप्रीम कोर्ट के आदेश से इस क्षेत्र में व्यवसायिक गतिविधि पर रोक लगाने से इस क्षेत्र के सैकड़ों लोगों की आजीविका प्राभावित होगी.
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