नई दिल्ली : महाराष्ट्र में बैलगाड़ी रेस (bullock cart race in maharashtra) के आयोजन पर सुप्रीम कोर्ट ने अंतरिम आदेश पारित किया है. अदालत के अंतिम फैसले तक महाराष्ट्र में बैलगाड़ी रेस (SC allows maharashtra bullock cart race) का आयोजन सशर्त किया जा सकेगा. बैलगाड़ी रेस के मामले को अब सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ (bullock cart race SC constitution bench) के पास भेज दिया गया है. पीठ इस सवाल पर विचार करेगी कि क्या तमिलनाडु राज्य का संशोधित अधिनियम इस अदालत के दो निर्णयों में बताए गए दोषों को दूर करता है.
महाराष्ट्र की याचिका में भी वैसे ही सवाल हैं, जैसे कर्नाटक और तमिलनाडु की याचिका में उठाए गए थे. ऐसे में पीठ तीनों मामलों की सुनवाई एक साथ करेगी.
सुप्रीम कोर्ट के रिकॉर्ड के मुताबिक तमिलनाडु और कर्नाटक में कोई अंतरिम राहत नहीं दी गई है.
महाराष्ट्र बैलगाड़ी रेस मामले में न्यायमूर्ति ए.एम. खानविलकर और न्यायमूर्ति सी.टी. रविकुमार की पीठ में सुनवाई पूरी होने के बाद आदेश सुरक्षित रख लिया गया. पीठ ने इस मामले को संविधान पीठ को स्थानांतरित कर दिया.
दो जजों की खंडपीठ ने बैलगाड़ी रेस से जुड़ी सभी याचिकाओं में अंतरिम राहत की प्रार्थना को भी संविधान पीठ में स्थानांतरित कर दिया.
इससे पहले बुधवार को महाराष्ट्र सरकार ने उच्चतम न्यायालय से राज्य में बैलगाड़ी दौड़ (maharashtra bullock cart race) पर प्रतिबंध हटाने का अनुरोध किया. सरकार ने कहा कि तमिलनाडु और कर्नाटक जैसे राज्यों में इसका आयोजन किया जा रहा है.
राज्य सरकार ने न्यायमूर्ति ए.एम. खानविलकर और न्यायमूर्ति सी.टी. रविकुमार की पीठ से कहा कि उसे 2017 के नियमों के अनुरूप बैलगाड़ी दौड़ आयोजित करने की अनुमति दी जानी चाहिए.
महाराष्ट्र सरकार की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने कहा कि बंबई उच्च न्यायालय ने उन नियमों के क्रियान्वन पर रोक लगा दिया था जिसके द्वारा राज्य सख्त नियमों के तहत बैलगाड़ी दौड़ आयोजित करना चाहता था. उन्होंने पीठ से कहा, 'प्रतिबंध हटाया जाना चाहिए और हमें 2017 के नियमों के अनुरूप दौड़ संचालित करने की अनुमति दी जाए.
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महाराष्ट्र में बैलगाड़ी रेस के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट की पीठ में सुनवाई पर मुकुल रोहतगी ने कहा था कि शीर्ष अदालत संबंधित कलेक्टर की इसकी निगरानी के लिए कह सकता है जो इसमें जवाबदह हो सकते हैं.
इस पर पीठ ने कहा था कि नियमों में पहले से ही यह प्रावधान है।रोहतगी ने कहा कि पीठ सावधानी बरतने के बारे में कह सकती है और राज्य इसमें पूरी सावधनी बरतेगी.
(इनपुट- भाषा)