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सरयू एक्सप्रेस में महिला कांस्टेबल पर हमले के मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट सख्त, कहा- जल्द हो गिरफ्तारी

अयोध्या में सरयू एक्सप्रेस की एक बोगी में महिला कांस्टेबल (Ayodhya Saryu Express accident) जख्मी हालत में मिली थी. घटना का हाईकोर्ट ने स्वत: संज्ञान लिया था. रविवार की देर रात ही सुनवाई भी हुई थी. वहीं सोमवार को स्पेशल डीजी प्रशांत कुमार ने केजीएमयू के ट्रॉमा सेंटर पहुंचकर घायल का हालचाल लिया.

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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Sep 4, 2023, 9:52 PM IST

प्रयागराज : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अयोध्या में सरयू एक्सप्रेस ट्रेन में महिला कांस्टेबल के साथ हुई मारपीट को गंभीरता से लिया है. मामले की निष्पक्ष जांच कर जल्द ही आरोपियों की गिरफ्तार के आदेश दिए हैं. कोर्ट ने रविवार देर रात स्वत: संज्ञान लेते हुए संबंधित अधिकारियों को तलब किया था. सोमवार की दोपहर 12 बजे मुख्य न्यायमूर्ति प्रीतिंकर दिवाकर और न्यायमूर्ति आशुतोष श्रीवास्तव की पीठ ने मामले की सुनवाई शुरू की.

दुष्कर्म की नहीं हुई पुष्टि : पुलिस अधीक्षक जीआरपी पूजा यादव ने कोर्ट को बताया कि मामले में अज्ञात लोगों पर मुकदमा दर्ज किया गया है. महिला कांस्टेबल का उपचार केजीएमयू लखनऊ में चल रहा है. अभी वह बयान देने की हालत में नहीं है. कोर्ट ने जानना चाहा कि क्या महिला पुलिसकर्मी से दुष्कर्म भी हुआ है, इस पर पुलिस की ओर से बताया गया कि प्रथम दृष्टया दुष्कर्म की पुष्टि नहीं हुई है. पीड़िता इंजन से तीसरे कोच में थी. उसकी अयोध्या में ड्यूटी लगी थी, जबकि तैनाती सुल्तानपुर जिले में है. सरयू एक्सप्रेस से वह ड्यूटी पर जा रही थीं. सरयू एक्सप्रेस मनकापुर तक जाती है. महिला सिपाही के घायल होने की जानकारी ट्रेन के मनकापुर से वापस लौटकर अयोध्या स्टेशन पर आने के बाद हुई.

चार-पांच लोगों द्वारा हमला करने की आशंका : पुलिस का कहना है कि इस मामले के सभी पहलुओं की जांच की जा रही है. आशंका है कि चार से पांच लोगों ने उस पर धारदार हथियारों से हमला किया. किसी से रंजिश और अन्य पहलुओं पर गौर किया जा रहा है. जांच में इलेक्ट्रॉनिक सर्विलांस का भी सहारा लिया जा रहा है.कोर्ट ने पूछा कि क्या हथियार बरामद करने के लिए रेलवे ट्रैक की जांच की गई, कोर्ट ने रेलवे को ट्रैक की निगरानी करने वाली ट्रॉली जांच अधिकारियों को उपलब्ध कराने और जांच में पूरा सहयोग करने के लिए कहा है.

कोर्ट ने साक्ष्यों के बारे में पूछा : कोर्ट ने कहा है कि अभियोजन अधिकारी अदालत में प्रार्थना पत्र देकर अस्पताल में जाकर मजिस्ट्रेट से पीड़िता के बयान दर्ज कराएं. सोमवार को सुनवाई के दौरान कोर्ट में महाअधिवक्ता अजय मिश्र, एडिशनल एडवोकेट जनरल मनीष गोयल, शासकीय अधिवक्ता एके संड, उपस्थित थे. कोर्ट ने घटनास्थल से साक्ष्य एकत्र करने पर जानकारी मांगी. इस पर अदालत को बताया गया कि फॉरेंसिक एक्सपर्ट की टीम ने घटना स्थल की जांच कर नमूने एकत्र किए हैं. हालांकि कोर्ट ने घटना स्ल पर मिले खून के धब्बों की जांच रिर्पोट अभी तक नहीं आने पर नाखुशी जाहिर की.

13 को होगी सुनवाई : गौरतलब है कि सरयू एक्सप्रेस में सवार महिला सिपाही के साथ 29 अगस्त की रात सरयू एक्सप्रेस में मारपीट की गई थी. महिला सिपाही बेहोशी की हालत में ट्रेन में खून से लथपथ पाई गई थी. हालत गंभीर होने की वजह से महिला सिपाही को इलाज के लिए लखनऊ के केजीएमयू में रेफर किया गया था. महिला सिपाही की हालत अब भी गंभीर बनी हुई है. सुलतानपुर में तैनात महिला सिपाही की ड्यूटी अयोध्या के सावन मेले में लगी थी. मनकापुर से अयोध्या रेलवे स्टेशन के बीच चलती ट्रेन में उस पर हमला करने की आशंका है. अधिवक्ता राम कुमार कौशिक ने भी इस मामले में चीफ जस्टिस को पत्र देकर उनसे इसे पीआईएल के तौर पर स्वीकार करने का अनुरोध किया था. कोर्ट ने अभियुक्तों की जल्द गिरफ्तारी का निर्देश देते हुए मामले की सुनवाई के लिए 13 सितंबर की तारीख नियत की है।

यह भी पढ़ें : महिला हेड कांस्टेबल के साथ हुई वारदात को हाईकोर्ट ने संज्ञान में लिया, एसपी जीआरपी बोले- दुष्कर्म जैसी बातें अफवाह

सरयू एक्सप्रेस की बोगी में चोटिल मिली महिला सिपाही के हाल जानने केजीएयू पहुंचे डीजी प्रशांत कुमार, दिए यह निर्देश

प्रयागराज : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अयोध्या में सरयू एक्सप्रेस ट्रेन में महिला कांस्टेबल के साथ हुई मारपीट को गंभीरता से लिया है. मामले की निष्पक्ष जांच कर जल्द ही आरोपियों की गिरफ्तार के आदेश दिए हैं. कोर्ट ने रविवार देर रात स्वत: संज्ञान लेते हुए संबंधित अधिकारियों को तलब किया था. सोमवार की दोपहर 12 बजे मुख्य न्यायमूर्ति प्रीतिंकर दिवाकर और न्यायमूर्ति आशुतोष श्रीवास्तव की पीठ ने मामले की सुनवाई शुरू की.

दुष्कर्म की नहीं हुई पुष्टि : पुलिस अधीक्षक जीआरपी पूजा यादव ने कोर्ट को बताया कि मामले में अज्ञात लोगों पर मुकदमा दर्ज किया गया है. महिला कांस्टेबल का उपचार केजीएमयू लखनऊ में चल रहा है. अभी वह बयान देने की हालत में नहीं है. कोर्ट ने जानना चाहा कि क्या महिला पुलिसकर्मी से दुष्कर्म भी हुआ है, इस पर पुलिस की ओर से बताया गया कि प्रथम दृष्टया दुष्कर्म की पुष्टि नहीं हुई है. पीड़िता इंजन से तीसरे कोच में थी. उसकी अयोध्या में ड्यूटी लगी थी, जबकि तैनाती सुल्तानपुर जिले में है. सरयू एक्सप्रेस से वह ड्यूटी पर जा रही थीं. सरयू एक्सप्रेस मनकापुर तक जाती है. महिला सिपाही के घायल होने की जानकारी ट्रेन के मनकापुर से वापस लौटकर अयोध्या स्टेशन पर आने के बाद हुई.

चार-पांच लोगों द्वारा हमला करने की आशंका : पुलिस का कहना है कि इस मामले के सभी पहलुओं की जांच की जा रही है. आशंका है कि चार से पांच लोगों ने उस पर धारदार हथियारों से हमला किया. किसी से रंजिश और अन्य पहलुओं पर गौर किया जा रहा है. जांच में इलेक्ट्रॉनिक सर्विलांस का भी सहारा लिया जा रहा है.कोर्ट ने पूछा कि क्या हथियार बरामद करने के लिए रेलवे ट्रैक की जांच की गई, कोर्ट ने रेलवे को ट्रैक की निगरानी करने वाली ट्रॉली जांच अधिकारियों को उपलब्ध कराने और जांच में पूरा सहयोग करने के लिए कहा है.

कोर्ट ने साक्ष्यों के बारे में पूछा : कोर्ट ने कहा है कि अभियोजन अधिकारी अदालत में प्रार्थना पत्र देकर अस्पताल में जाकर मजिस्ट्रेट से पीड़िता के बयान दर्ज कराएं. सोमवार को सुनवाई के दौरान कोर्ट में महाअधिवक्ता अजय मिश्र, एडिशनल एडवोकेट जनरल मनीष गोयल, शासकीय अधिवक्ता एके संड, उपस्थित थे. कोर्ट ने घटनास्थल से साक्ष्य एकत्र करने पर जानकारी मांगी. इस पर अदालत को बताया गया कि फॉरेंसिक एक्सपर्ट की टीम ने घटना स्थल की जांच कर नमूने एकत्र किए हैं. हालांकि कोर्ट ने घटना स्ल पर मिले खून के धब्बों की जांच रिर्पोट अभी तक नहीं आने पर नाखुशी जाहिर की.

13 को होगी सुनवाई : गौरतलब है कि सरयू एक्सप्रेस में सवार महिला सिपाही के साथ 29 अगस्त की रात सरयू एक्सप्रेस में मारपीट की गई थी. महिला सिपाही बेहोशी की हालत में ट्रेन में खून से लथपथ पाई गई थी. हालत गंभीर होने की वजह से महिला सिपाही को इलाज के लिए लखनऊ के केजीएमयू में रेफर किया गया था. महिला सिपाही की हालत अब भी गंभीर बनी हुई है. सुलतानपुर में तैनात महिला सिपाही की ड्यूटी अयोध्या के सावन मेले में लगी थी. मनकापुर से अयोध्या रेलवे स्टेशन के बीच चलती ट्रेन में उस पर हमला करने की आशंका है. अधिवक्ता राम कुमार कौशिक ने भी इस मामले में चीफ जस्टिस को पत्र देकर उनसे इसे पीआईएल के तौर पर स्वीकार करने का अनुरोध किया था. कोर्ट ने अभियुक्तों की जल्द गिरफ्तारी का निर्देश देते हुए मामले की सुनवाई के लिए 13 सितंबर की तारीख नियत की है।

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