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स्थिति कठिन, पर हर भारतीय को देश वापस लाएंगे : विदेश मंत्रालय

विदेश मंत्रालय ने बताया कि यूक्रेन से भारतीयों को देश वापस लाने को लेकर चलाए जा रहे आपरेशन गंगा अभियान के तहत पिछले 24 घंटे में छह उड़ाने भारत पहुंच चुकी हैं और अब तक कुल 15 उड़ाने आ चुकी हैं.

विदेश मंत्रालय
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Published : Mar 2, 2022, 7:41 PM IST

Updated : Mar 2, 2022, 11:03 PM IST

नई दिल्ली : विदेश मंत्रालय ने बुधवार को कहा कि पहला परामर्श जारी होने के बाद से युद्धग्रस्त यूक्रेन की सीमा से करीब 17,000 भारतीय निकल गए हैं. मंत्रालय ने बताया कि यूक्रेन से भारतीयों को देश वापस लाने को लेकर चलाए जा रहे आपरेशन गंगा अभियान के तहत पिछले 24 घंटे में छह उड़ाने भारत पहुंच चुकी हैं और अब तक कुल 15 उड़ाने आ चुकी हैं.

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने संवाददाताओं से कहा, 'स्थिति कठिन है लेकिन हम हर भारतीय को देश वापस लाएंगे.' उन्होंने कहा कि रूसी पक्ष से मिली सूचना के आधार पर यूक्रेन में भारतीय दूतावास ने तत्काल अपने सभी नागरिकों से खारकीव छोड़ने को कहा है. उन्होंने कहा कि हम सभी भारतीयों से तत्काल खारकीव छोड़कर सुरक्षित स्थानों या पश्चिम की ओर तत्काल बढ़ने का आग्रह करते हैं. उन्होंने कहा कि रूसी पक्ष से मिली सूचना के आधार पर यूक्रेन में भारतीय दूतावास ने तत्काल अपने सभी नगरिकों से खारकीव छोड़ने को कहा है.

प्रवक्ता ने कहा कि अगले 24 घंटे मे 15 उड़ाने निर्धारित की गई हैं जिनमें से कुछ रास्ते में हैं. उन्होंने बताया कि भारतीय वायु सेना का एक विमान आज रात भारत पहुंचेगा. बागची ने कहा कि भारत की ओर से यूक्रेन के लिये मानवीय सहायता भी भेजी जा रही है जिनमें दवाएं, चिकित्सा उपकरण, टेंट, कंबल, सौर उपकरण आदि शामिल हैं. उन्होंने बताया कि इसमें 2 टन चिकित्सा सहायता के साथ पहली खेप कल रवाना कर दी गई और तीन और खेप भेजी जाएंगी.

उन्होंने आगे कहा कि कीव में दूतावास को भारतीय नागरिकों द्वारा सीमा पार करने की सुविधा के लिए लवीव में एक अस्थायी कार्यालय स्थापित करने के लिए कहा गया है. बागची ने कहा कि भारतीय पासपोर्ट खोने वालों को आपातकालीन प्रमाणपत्र जारी करने के लिए एक तंत्र स्थापित किया गया है, जिससे कई भारतीय छात्रों को मदद मिलेगी. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि इस उद्देश्य के लिए हमारी दूतावास टीम का पर्याप्त खंड अब लवीव में है.

बागची ने कहा, 'हम वहां फंसे नागरिकों को निकालने में सहायता के लिए पूर्वी यूक्रेन पहुंचने के विकल्प तलाश रहे हैं. हम देख रहे हैं कि क्या हमारी टीमें वहां पहुंच सकती हैं? यह आसान नहीं है, क्योंकि रास्ता हर समय खुला नहीं रहता है.'

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने बताया कि यूक्रेन में एक भारतीय नागरिक चंदन जिंदल की प्राकृतिक कारणों से मौत हो गई, वे पिछले कुछ दिनों से अस्पताल में थे. उन्होंने जिंदल के निधन पर शोक जताया. गौरतलब है कि इससे एक दिन पहले यूक्रेन में गोलाबारी के कारण एक भारतीय छात्र नवीन की मौत हो गई थी.

यह भी पढ़ें- यूक्रेन से अब तक 6000 भारतीयों को स्वदेश लाया गया: केंद्रीय मंत्री मुरलीधरन

इससे पहले, रूस के सैन्य अभियान से बुरी तरह प्रभावित पूर्वी यूरोपीय देश यूक्रेन में स्थित भारतीय दूतावास ने छात्रों सहित अपने सभी नागरिकों से बुधवार को कहा कि अपनी रक्षा एवं सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए वे तुरंत खारकीव छोड़ दें और जल्द से जल्द पेसोचिन, बाबाये और बेजलीयुदोव्का पहुंचें.

भारत ने यूक्रेन में फंसे अपने नागरिकों को देश वापस लाने के लिये 'ऑपरेशन गंगा' अभियान शुरू किया है. इसके तहत भारतीयों को जमीनी सीमा चौकियों के जरिए यूक्रेन से निकालने के बाद हंगरी, रोमानिया, पोलैंड और स्लोवाकिया से हवाई मार्ग से स्वदेश लाया जा रहा है.

नई दिल्ली : विदेश मंत्रालय ने बुधवार को कहा कि पहला परामर्श जारी होने के बाद से युद्धग्रस्त यूक्रेन की सीमा से करीब 17,000 भारतीय निकल गए हैं. मंत्रालय ने बताया कि यूक्रेन से भारतीयों को देश वापस लाने को लेकर चलाए जा रहे आपरेशन गंगा अभियान के तहत पिछले 24 घंटे में छह उड़ाने भारत पहुंच चुकी हैं और अब तक कुल 15 उड़ाने आ चुकी हैं.

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने संवाददाताओं से कहा, 'स्थिति कठिन है लेकिन हम हर भारतीय को देश वापस लाएंगे.' उन्होंने कहा कि रूसी पक्ष से मिली सूचना के आधार पर यूक्रेन में भारतीय दूतावास ने तत्काल अपने सभी नागरिकों से खारकीव छोड़ने को कहा है. उन्होंने कहा कि हम सभी भारतीयों से तत्काल खारकीव छोड़कर सुरक्षित स्थानों या पश्चिम की ओर तत्काल बढ़ने का आग्रह करते हैं. उन्होंने कहा कि रूसी पक्ष से मिली सूचना के आधार पर यूक्रेन में भारतीय दूतावास ने तत्काल अपने सभी नगरिकों से खारकीव छोड़ने को कहा है.

प्रवक्ता ने कहा कि अगले 24 घंटे मे 15 उड़ाने निर्धारित की गई हैं जिनमें से कुछ रास्ते में हैं. उन्होंने बताया कि भारतीय वायु सेना का एक विमान आज रात भारत पहुंचेगा. बागची ने कहा कि भारत की ओर से यूक्रेन के लिये मानवीय सहायता भी भेजी जा रही है जिनमें दवाएं, चिकित्सा उपकरण, टेंट, कंबल, सौर उपकरण आदि शामिल हैं. उन्होंने बताया कि इसमें 2 टन चिकित्सा सहायता के साथ पहली खेप कल रवाना कर दी गई और तीन और खेप भेजी जाएंगी.

उन्होंने आगे कहा कि कीव में दूतावास को भारतीय नागरिकों द्वारा सीमा पार करने की सुविधा के लिए लवीव में एक अस्थायी कार्यालय स्थापित करने के लिए कहा गया है. बागची ने कहा कि भारतीय पासपोर्ट खोने वालों को आपातकालीन प्रमाणपत्र जारी करने के लिए एक तंत्र स्थापित किया गया है, जिससे कई भारतीय छात्रों को मदद मिलेगी. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि इस उद्देश्य के लिए हमारी दूतावास टीम का पर्याप्त खंड अब लवीव में है.

बागची ने कहा, 'हम वहां फंसे नागरिकों को निकालने में सहायता के लिए पूर्वी यूक्रेन पहुंचने के विकल्प तलाश रहे हैं. हम देख रहे हैं कि क्या हमारी टीमें वहां पहुंच सकती हैं? यह आसान नहीं है, क्योंकि रास्ता हर समय खुला नहीं रहता है.'

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने बताया कि यूक्रेन में एक भारतीय नागरिक चंदन जिंदल की प्राकृतिक कारणों से मौत हो गई, वे पिछले कुछ दिनों से अस्पताल में थे. उन्होंने जिंदल के निधन पर शोक जताया. गौरतलब है कि इससे एक दिन पहले यूक्रेन में गोलाबारी के कारण एक भारतीय छात्र नवीन की मौत हो गई थी.

यह भी पढ़ें- यूक्रेन से अब तक 6000 भारतीयों को स्वदेश लाया गया: केंद्रीय मंत्री मुरलीधरन

इससे पहले, रूस के सैन्य अभियान से बुरी तरह प्रभावित पूर्वी यूरोपीय देश यूक्रेन में स्थित भारतीय दूतावास ने छात्रों सहित अपने सभी नागरिकों से बुधवार को कहा कि अपनी रक्षा एवं सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए वे तुरंत खारकीव छोड़ दें और जल्द से जल्द पेसोचिन, बाबाये और बेजलीयुदोव्का पहुंचें.

भारत ने यूक्रेन में फंसे अपने नागरिकों को देश वापस लाने के लिये 'ऑपरेशन गंगा' अभियान शुरू किया है. इसके तहत भारतीयों को जमीनी सीमा चौकियों के जरिए यूक्रेन से निकालने के बाद हंगरी, रोमानिया, पोलैंड और स्लोवाकिया से हवाई मार्ग से स्वदेश लाया जा रहा है.

Last Updated : Mar 2, 2022, 11:03 PM IST
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