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Nepal Plane Crash: गाजीपुर से शवों की शिनाख्त करने नेपाल पहुंचे परिजन भटके, Video Viral - नेपाल विमान हादसा

नेपाल विमान हादसे में जान गंवाने वाले गाजीपुर के चार मृतकों के परिजन शवों की शिनाख्त के लिए रवाना हो गए थे. रास्ते में उन्हें काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा है. इसका एक वीडियो भी वायरल हुआ है. इसे लेकर प्रशासन का क्या कहना है चलिए जानते हैं.

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Published : Jan 18, 2023, 6:09 PM IST

गाजीपुरः नेपाल के पोखरा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर 72 सीटों वाला यात्री विमान रविवार को दुर्घटनाग्रस्त हो गया था. यति एयरलाइंस के विमान में चालक दल के सदस्यों समेत 68 यात्री सवार थे. हादसे में विमान में सवार सभी लोगों की मौत हो गई है. मरने वालों में पांच भारतीय भी शामिल थे, जिसमें चार उत्तर प्रदेश के गाजीपुर के रहने वाले थे. गाजीपुर के चार मृतकों की पहचान के लिए परिजन सोमवार को नेपाल के लिए रवाना हुए थे. परिजनों का आरोप है कि वे नेपाल में रास्ता भटक गए हैं. इसका एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है. हालांकि ईटीवी भारत इस वायरल वीडियो की पुष्टि नहीं करता है. वहीं, इस संबंध में गाजीपुर की डीएम ने सफाई देते हुए कहा है कि प्रशासन उनके साथ है. उनकी हरसंभव मदद की जा रही है.

जानकारी देतीं डीएम आर्यका अखौरी.

डीएम आर्यका अखौरी के मुताबिक नेपाल विमान हादसे में जो गाजीपुर के लोग मारे गए थे उनकी पहचान अभिषेक कुशवाहा पुत्र चन्द्रमा कुशवाहा (26) निवासी ग्राम धरवॉ तहसील कासिमाबाद, सोनू जायसवाल पुत्र राजेन्द्र जायसवाल (32) निवासी ग्राम चकजैनब तहसील कासिमाबाद, विशाल शर्मा पुत्र संतोष शर्मा (27) निवासी ग्राम अलावलपुर अफगां तहसील कासिमाबाद व अनिल कुमार राजभर पुत्र रामदरस राजभर (25) निवासी चकदरिया (चकजैनब) तहसील कासिमाबाद गाजीपुर के रूप में हुई थी. परिजनों को प्रशासन की मदद से शवों की शिनाख्त के लिए नेपाल रवाना कर दिया गया है. उनके साथ स्थानीय प्रसाशन के साथ ही नेपाल की सरकार का एक कर्मचारी साथ है. भारतीय दूतावास की मदद से उनके रुकने की व्यवस्था की गई है. रास्ता भटकने वाले वायरल वीडियो को लेकर उन्होंने कहा कि नेपाल में रास्ता खराब था. उसकी वजह से दिक्कत हुई है. उन्होंने बताया कि परिजन 16 जनवरी की रात सोनौली बार्डर पर महराजगंज में रुकवाए गए थे. 17 जनवरी को सोनौली बॉर्डर से इमिग्रेशन के बाद करीब 9.30 बजे सुबह वे लोग निकले. रास्ता खराब होने पर थोड़ा समय लगा है. हम परिजनों से लगातार संपर्क में हैं. उन्होंने बताया कि शवों को सड़क के रास्ते लाए जाएगा.

उन्होंने कहा कि वहीं, पीड़ित परिजनों से CM के दूत बनकर मंत्री रविन्द्र जायसवाल मिले थे. पीड़ित परिजनों को पांच-पांच लाख रुपए की आर्थिक सहायता दी जाएगी. सारा खर्च प्रदेश सरकार वहन करेगी. उन्होंने कहा कि नेपाल दूतावास के संपर्क में हम हैं. पहचान और औपचारिकताओं के बाद शव सौंपे जाएंगे. शवों को बाई रोड लाया जाएगा.



ये भी पढ़ेंः National Highway of Kanpur: कानपुर से दिल्ली के बीच का सफर होगा आसान, लगेंगे सिर्फ तीन घंटे

गाजीपुरः नेपाल के पोखरा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर 72 सीटों वाला यात्री विमान रविवार को दुर्घटनाग्रस्त हो गया था. यति एयरलाइंस के विमान में चालक दल के सदस्यों समेत 68 यात्री सवार थे. हादसे में विमान में सवार सभी लोगों की मौत हो गई है. मरने वालों में पांच भारतीय भी शामिल थे, जिसमें चार उत्तर प्रदेश के गाजीपुर के रहने वाले थे. गाजीपुर के चार मृतकों की पहचान के लिए परिजन सोमवार को नेपाल के लिए रवाना हुए थे. परिजनों का आरोप है कि वे नेपाल में रास्ता भटक गए हैं. इसका एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है. हालांकि ईटीवी भारत इस वायरल वीडियो की पुष्टि नहीं करता है. वहीं, इस संबंध में गाजीपुर की डीएम ने सफाई देते हुए कहा है कि प्रशासन उनके साथ है. उनकी हरसंभव मदद की जा रही है.

जानकारी देतीं डीएम आर्यका अखौरी.

डीएम आर्यका अखौरी के मुताबिक नेपाल विमान हादसे में जो गाजीपुर के लोग मारे गए थे उनकी पहचान अभिषेक कुशवाहा पुत्र चन्द्रमा कुशवाहा (26) निवासी ग्राम धरवॉ तहसील कासिमाबाद, सोनू जायसवाल पुत्र राजेन्द्र जायसवाल (32) निवासी ग्राम चकजैनब तहसील कासिमाबाद, विशाल शर्मा पुत्र संतोष शर्मा (27) निवासी ग्राम अलावलपुर अफगां तहसील कासिमाबाद व अनिल कुमार राजभर पुत्र रामदरस राजभर (25) निवासी चकदरिया (चकजैनब) तहसील कासिमाबाद गाजीपुर के रूप में हुई थी. परिजनों को प्रशासन की मदद से शवों की शिनाख्त के लिए नेपाल रवाना कर दिया गया है. उनके साथ स्थानीय प्रसाशन के साथ ही नेपाल की सरकार का एक कर्मचारी साथ है. भारतीय दूतावास की मदद से उनके रुकने की व्यवस्था की गई है. रास्ता भटकने वाले वायरल वीडियो को लेकर उन्होंने कहा कि नेपाल में रास्ता खराब था. उसकी वजह से दिक्कत हुई है. उन्होंने बताया कि परिजन 16 जनवरी की रात सोनौली बार्डर पर महराजगंज में रुकवाए गए थे. 17 जनवरी को सोनौली बॉर्डर से इमिग्रेशन के बाद करीब 9.30 बजे सुबह वे लोग निकले. रास्ता खराब होने पर थोड़ा समय लगा है. हम परिजनों से लगातार संपर्क में हैं. उन्होंने बताया कि शवों को सड़क के रास्ते लाए जाएगा.

उन्होंने कहा कि वहीं, पीड़ित परिजनों से CM के दूत बनकर मंत्री रविन्द्र जायसवाल मिले थे. पीड़ित परिजनों को पांच-पांच लाख रुपए की आर्थिक सहायता दी जाएगी. सारा खर्च प्रदेश सरकार वहन करेगी. उन्होंने कहा कि नेपाल दूतावास के संपर्क में हम हैं. पहचान और औपचारिकताओं के बाद शव सौंपे जाएंगे. शवों को बाई रोड लाया जाएगा.



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