वाराणसी : उत्तर व दक्षिण भारत के ऐतिहासिक संबंधों को मजबूत करने वाले पुष्कर मेले की शुरुआत शनिवार से हो गई . आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, तमिलनाडु, कर्नाटक और केरल से आए लोगों ने मां गंगा की पूजा और आरती की. कार्यक्रम में डॉ. दयाशंकर मिश्र (आयुष एवं खाद्य सुरक्षा, राज्य मंत्री, स्वतंत्र प्रभार ) एवं राज्यसभा सांसद जीवीएल नरसिम्हा राव मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे. कार्यक्रम में सबसे पहले सांसद ने गंगा पूजन किया. उसके बाद चारों वेदों का पारायण एवं गंगा आरती आयोजक तुलसी मनोज जोशी एवं सहआयोजक तुलसी गजानन जोशी ने की. कार्यक्रम की अध्यक्षता तुलसी सुब्रमण्यम जोशी ने की.
मीडिया से बात करते हुए राज्यसभा सांसद जीवीएल नरसिम्हा राव ने कहा कि सभी श्रद्धालुओं और यात्रियों को गंगा पुष्कर के अवसर पर मैं बधाई देता हूं. 12 वर्ष में एक बार यह मेला लगता है. इसमें लाखों की संख्या में लोग आते हैं. इसमें दक्षिण भारतीय लोग ज्यादा आते हैं. हालांकि दक्षिण प्रान्त के लोग ज्यादा रहते हैं.
सांसद ने कहा कि इस बार प्रधानमंत्री 29 अप्रैल को सभी श्रद्धालुओं को अपना संदेश देंगे. काशी-तेलगू संगमम के सभा में प्रधानमंत्री संबोधित करेंगे. काशी पूरे भारत के लिए ही नहीं पूरे विश्व के लिए एक आस्था की नगरी है. मेरा सौभाग्य है कि काशी मेरा नोडल जिला है, इसलिए यहां के कार्यक्रम में शरीक होने का मुझे मौका मिला. सांसद ने कहा कि काशी में आने वालों की संख्या बढ़ी है. इसका लाभ स्थानीय लोगों को रोजगार के रूप में भी मिल रहा है.
सांसद जीवीएल नरसिम्हा राव ने कहा कि जो भी लंबे अरसे के बाद काशी आ रहे हैं, वह लोग काशी के बदलाव को देखकर आश्चर्यचकित हैं. हम चाहते है कि जो भी भारत के किसी भी कोने से काशी में आए वे बहुत खुश होकर यहां से जाएं. यहां प्रशासन ने बहुत ही विशेष तैयारियां की है. मैं इसके लिए प्रधानमंत्री और राज्य सरकार का आभार जताना चाहता हूं.
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