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केरल दौरे पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, कहा- NEP-2020 सुविचारित रोडमैप

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Published : Dec 22, 2021, 5:40 AM IST

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा है कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 देश की युवा पीढ़ी की प्रतिभा को निखारने वाला पारिस्थितिकी तंत्र विकसित करने के लिए एक सुविचारित रोडमैप है. राष्ट्रपति केरल सेंट्रल यूनिवर्सिटी के दीक्षांत समारोह को संबोधित कर रहे थे. राष्ट्रपति आज दक्षिणी नौसैन्य कमान का अभियानगत प्रदर्शन भी देखेंगे. वह आईएसी विक्रांत का भी दौरा करेंगे.

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राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद

कासरगोड (केरल) : राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा है कि एनईपी एक सुविचारित रोडमैप है. उन्होंने कहा कि एनईपी से देश की युवा पीढ़ी की प्रतिभा को निखारने वाला पारिस्थितिकी तंत्र विकसित करने में मदद मिलेगी. कोविंद ने केरल के पेरिया परिसर में केरल केंद्रीय विश्वविद्यालय के पांचवें दीक्षांत समारोह में अपने संबोधन में कहा कि एनईपी का उद्देश्य छात्रों को कल की दुनिया के लिए तैयार करना है और साथ ही उन्हें भारत की अपनी परंपराओं से भी युक्त करना है.

मंगलवार को राष्ट्रपति ने कहा, 'आखिरकार, भारत नालंदा और तक्षशिला, आर्यभट्ट, भास्कराचार्य और पाणिनी की भूमि है. गांधीजी ने स्वदेशी शिक्षा प्रणाली की तुलना एक सुंदर पेड़ से की थी, जो उपनिवेशवाद के तहत नष्ट हो गया. इसके सर्वोत्तम पहलुओं को फिर से खोजने का प्रयास किया जा रहा है ताकि भारत दुनिया के लिए एक ऐसा योगदान दे, जो इसे अकेले ही करना है.'

राष्ट्रपति ने कहा कि एनईपी की सबसे उत्कृष्ट विशेषता यह है कि इसका उद्देश्य समावेश और उत्कृष्टता दोनों को बढ़ावा देना है. कोविंद ने कहा कि अपने विविध पाठ्यक्रम के माध्यम से एनईपी उदार और व्यावसायिक शिक्षा को बढ़ावा देती है, क्योंकि ज्ञान की प्रत्येक धारा की समाज और राष्ट्र निर्माण में भूमिका होती है. उन्होंने कहा, 'इस तरह, एनईपी भारत के लिए जनसांख्यिकीय लाभांश का दोहन और लाभ उठाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है.'

राष्ट्रपति ने कहा कि देश की बढ़ती आबादी 'अगली पीढ़ी की प्रतिभा को पोषित करने के लिए हम पर निर्भर है.' उन्होंने कहा, 'जब युवा पीढ़ी को 21वीं सदी की दुनिया में सफलता के लिए आवश्यक कौशल और ज्ञान प्रदान किया जाए, तो वह चमत्कार कर सकती है.'

केरल की प्रशंसा करते हुए, कोविंद ने कहा कि इसने साक्षरता और शिक्षा के महत्वपूर्ण मानकों पर अन्य राज्यों का नेतृत्व किया है, जिससे यह उत्कृष्टता के कई अन्य मानकों पर भी अग्रणी राज्य बन गया है.

राष्ट्रपति ने यह भी रेखांकित किया कि केंद्र सरकार ने यूनेस्को के वैश्विक अध्ययन नेटवर्क में सूचीबद्ध होने के लिए पूरे देश के तीन शहरों के नामों की सिफारिश की है और उनमें से दो (त्रिशूर और नीलांबुर) केरल से हैं. उन्होंने कहा कि जहां तक ​​लैंगिक समानता का सवाल है, तो केरल में न केवल अनुकूल लिंगानुपात है, बल्कि महिला सशक्तीकरण में भी यह आगे रहा है.

राष्ट्रपति ने कहा, 'मुझे बिलकुल भी आश्चर्य नहीं है कि आज के दीक्षांत समारोह में सभी तीन स्वर्ण पदक विजेता हमारी बेटियां हैं. मुझे यह जानकर भी खुशी हो रही है कि डिग्री प्राप्त करने वाली बेटियों की संख्या लड़कों की संख्या से लगभग तीन गुना है. मुझे बताया गया है कि हमारी बेटियां विश्वविद्यालय में छात्रों की कुल संख्या का 64 प्रतिशत हैं.' उन्होंने कहा कि वह देश के अन्य हिस्सों में भी शिक्षा के माध्यम से महिलाओं के बढ़ते सशक्तीकरण को देख रहे हैं.

कोविंद ने कहा, 'शिक्षा के माध्यम से हमारी बेटियों के इस सशक्तीकरण में, मैं भविष्य के भारत को देखता हूं जो हमारी बेटियों के समृद्ध योगदान से एक ज्ञान शक्ति बनेगा.'

कोविंद ने तीन स्नातकों को स्वर्ण पदक प्रदान किए.

केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान और राज्य के स्थानीय स्वशासन और आबकारी मंत्री एम वी गोविंदन भी इस कार्यक्रम में शामिल हुए.

कार्यक्रम के बाद राष्ट्रपति ने कोच्चि के लिए उड़ान भरी और वहां सरकारी अधिकारियों ने उनका स्वागत किया.कोविंद के साथ उनकी पत्नी सविता कोविंद और बेटी स्वाति भी हैं. राष्ट्रपति विभिन्न कार्यक्रमों में भाग लेने के लिए 23 दिसंबर को तिरुवनंतपुरम के लिए रवाना होंगे और 24 दिसंबर को नई दिल्ली लौटेंगे.

यह भी पढ़ें- नई शिक्षा नीति से वैश्विक महाशक्ति के रूप में उभरेगा भारत, देखें खास चर्चा

इससे पहले दिन में, कासरगोड के सांसद और कांग्रेस नेता राजमोहन उन्नीथन तथा उदमा विधायक एवं वामपंथी नेता सी के कुन्हाम्बु ने समारोह में आमंत्रित नहीं किए जाने पर विरोध जताया और कहा कि यह प्रोटोकॉल का उल्लंघन है. हालांकि, विश्वविद्यालय के अधिकारियों ने कहा कि आमंत्रित लोगों के बारे में निर्णय सुरक्षा और प्रोटोकॉल अधिकारियों द्वारा लिया गया था.

कासरगोड (केरल) : राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा है कि एनईपी एक सुविचारित रोडमैप है. उन्होंने कहा कि एनईपी से देश की युवा पीढ़ी की प्रतिभा को निखारने वाला पारिस्थितिकी तंत्र विकसित करने में मदद मिलेगी. कोविंद ने केरल के पेरिया परिसर में केरल केंद्रीय विश्वविद्यालय के पांचवें दीक्षांत समारोह में अपने संबोधन में कहा कि एनईपी का उद्देश्य छात्रों को कल की दुनिया के लिए तैयार करना है और साथ ही उन्हें भारत की अपनी परंपराओं से भी युक्त करना है.

मंगलवार को राष्ट्रपति ने कहा, 'आखिरकार, भारत नालंदा और तक्षशिला, आर्यभट्ट, भास्कराचार्य और पाणिनी की भूमि है. गांधीजी ने स्वदेशी शिक्षा प्रणाली की तुलना एक सुंदर पेड़ से की थी, जो उपनिवेशवाद के तहत नष्ट हो गया. इसके सर्वोत्तम पहलुओं को फिर से खोजने का प्रयास किया जा रहा है ताकि भारत दुनिया के लिए एक ऐसा योगदान दे, जो इसे अकेले ही करना है.'

राष्ट्रपति ने कहा कि एनईपी की सबसे उत्कृष्ट विशेषता यह है कि इसका उद्देश्य समावेश और उत्कृष्टता दोनों को बढ़ावा देना है. कोविंद ने कहा कि अपने विविध पाठ्यक्रम के माध्यम से एनईपी उदार और व्यावसायिक शिक्षा को बढ़ावा देती है, क्योंकि ज्ञान की प्रत्येक धारा की समाज और राष्ट्र निर्माण में भूमिका होती है. उन्होंने कहा, 'इस तरह, एनईपी भारत के लिए जनसांख्यिकीय लाभांश का दोहन और लाभ उठाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है.'

राष्ट्रपति ने कहा कि देश की बढ़ती आबादी 'अगली पीढ़ी की प्रतिभा को पोषित करने के लिए हम पर निर्भर है.' उन्होंने कहा, 'जब युवा पीढ़ी को 21वीं सदी की दुनिया में सफलता के लिए आवश्यक कौशल और ज्ञान प्रदान किया जाए, तो वह चमत्कार कर सकती है.'

केरल की प्रशंसा करते हुए, कोविंद ने कहा कि इसने साक्षरता और शिक्षा के महत्वपूर्ण मानकों पर अन्य राज्यों का नेतृत्व किया है, जिससे यह उत्कृष्टता के कई अन्य मानकों पर भी अग्रणी राज्य बन गया है.

राष्ट्रपति ने यह भी रेखांकित किया कि केंद्र सरकार ने यूनेस्को के वैश्विक अध्ययन नेटवर्क में सूचीबद्ध होने के लिए पूरे देश के तीन शहरों के नामों की सिफारिश की है और उनमें से दो (त्रिशूर और नीलांबुर) केरल से हैं. उन्होंने कहा कि जहां तक ​​लैंगिक समानता का सवाल है, तो केरल में न केवल अनुकूल लिंगानुपात है, बल्कि महिला सशक्तीकरण में भी यह आगे रहा है.

राष्ट्रपति ने कहा, 'मुझे बिलकुल भी आश्चर्य नहीं है कि आज के दीक्षांत समारोह में सभी तीन स्वर्ण पदक विजेता हमारी बेटियां हैं. मुझे यह जानकर भी खुशी हो रही है कि डिग्री प्राप्त करने वाली बेटियों की संख्या लड़कों की संख्या से लगभग तीन गुना है. मुझे बताया गया है कि हमारी बेटियां विश्वविद्यालय में छात्रों की कुल संख्या का 64 प्रतिशत हैं.' उन्होंने कहा कि वह देश के अन्य हिस्सों में भी शिक्षा के माध्यम से महिलाओं के बढ़ते सशक्तीकरण को देख रहे हैं.

कोविंद ने कहा, 'शिक्षा के माध्यम से हमारी बेटियों के इस सशक्तीकरण में, मैं भविष्य के भारत को देखता हूं जो हमारी बेटियों के समृद्ध योगदान से एक ज्ञान शक्ति बनेगा.'

कोविंद ने तीन स्नातकों को स्वर्ण पदक प्रदान किए.

केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान और राज्य के स्थानीय स्वशासन और आबकारी मंत्री एम वी गोविंदन भी इस कार्यक्रम में शामिल हुए.

कार्यक्रम के बाद राष्ट्रपति ने कोच्चि के लिए उड़ान भरी और वहां सरकारी अधिकारियों ने उनका स्वागत किया.कोविंद के साथ उनकी पत्नी सविता कोविंद और बेटी स्वाति भी हैं. राष्ट्रपति विभिन्न कार्यक्रमों में भाग लेने के लिए 23 दिसंबर को तिरुवनंतपुरम के लिए रवाना होंगे और 24 दिसंबर को नई दिल्ली लौटेंगे.

यह भी पढ़ें- नई शिक्षा नीति से वैश्विक महाशक्ति के रूप में उभरेगा भारत, देखें खास चर्चा

इससे पहले दिन में, कासरगोड के सांसद और कांग्रेस नेता राजमोहन उन्नीथन तथा उदमा विधायक एवं वामपंथी नेता सी के कुन्हाम्बु ने समारोह में आमंत्रित नहीं किए जाने पर विरोध जताया और कहा कि यह प्रोटोकॉल का उल्लंघन है. हालांकि, विश्वविद्यालय के अधिकारियों ने कहा कि आमंत्रित लोगों के बारे में निर्णय सुरक्षा और प्रोटोकॉल अधिकारियों द्वारा लिया गया था.

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