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President Election 2022: भाजपा ने कहा, मौजूदगी जाहिर करने को चुनाव में खड़ा विपक्ष का उम्मीदवार

राष्ट्रपति चुनाव के लिए एनडीए ने आदिवासी उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू को उम्मीदवार चुना है. एनडीए की इस उम्मीदवार के साथ कई पार्टियों का समर्थन है. जिससे उनके चुनाव जीतने की संभावना सौ प्रतिशत हैं. यही बात विपक्ष भी भलीभांति जानता है. ऐसे में विपक्ष ने केवल अपनी मौजूदगी को जाहिर करने के लिए चुनाव में अपने उम्मीदवार खड़ा किया है. ये बात भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता आर. पी. सिंह ने एक साक्षात्कार में ईटीवी भारत से कही. पढ़ें, वरिष्ठ संवाददाता अनामिका रत्ना की ये रिपोर्ट...

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Published : Jun 27, 2022, 6:49 PM IST

नई दिल्ली : विपक्ष के साझा उम्मीदवार यशवंत सिन्हा पर भाजपा ने कहा कि वो हाशिये पर हैं और विपक्ष को पता है कि एनडीए की आदिवासी नेता द्रौपदी मुर्मू ही चुनाव जीतेंगी. उनके साथ कई पार्टियों का भरपूर समर्थन है. इसलिए उन्हें सिर्फ मौजूदगी दिखाने के लिए इस चुनाव में खड़ा किया गया है. विपक्ष के उम्मीदवार के नामांकन के मौके पर खुद टीएमसी की सुप्रीमो ममता बनर्जी की गैर-मौजूदगी, यही संकेत दे रही है. ये बात भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता आर. पी. सिंह ने ईटीवी भारत को एक साक्षात्कार में कहीं.

उन्होंने कहा कि द्रौपदी मुर्मू एक महिला आदिवासी नेता है और जो पार्टियां उन्हें समर्थन दे रही हैं, वह महिलाओं के खासतौर पर आदिवासी महिलाओं के उत्थान में समर्थन दे रही हैं. यदि विपक्ष ने अपना उम्मीदवार मुर्मू के खिलाफ खड़ा किया है, तो उन्हें देखना चाहिए एनडीए की उम्मीदवार के साथ कितनी पार्टियों का समर्थन है. ऐसे में यह कहा जा सकता है कि केवल अपनी मौजूदगी को जाहिर करने के लिए ही विपक्ष अपना उम्मीदवार खड़ा कर रहा है.

टीआरएस के नेता भी यशवंत सिन्हा के समर्थन में आज नामांकन के मौके पर पहुंचे, जबकि भाजपा को यह उम्मीद थी कि टीआरएस उनके उम्मीदवार का समर्थन करेगा. इस पर भाजपा नेता ने किसी भी प्रकार की प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि अभी चुनाव में कुछ दिन बाकी है. अभी से अंदाजा लगाना जल्दबाजी होगी. उन्होंने कहा कि यशवंत सिन्हा पहले से ही हाशिये पर हैं और आज उनके नामांकन के मौके पर खुद टीएमसी की सुप्रीमो ममता बनर्जी नहीं थी. इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि विपक्ष मात्र अपनी मौजूदगी को साबित करने के लिए ही उम्मीदवार खड़ा कर रहा है और उन्हें पता है कि उनके पास आंकड़े नहीं है.

भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता आर. पी. सिंह से ईटीवी भारत की बातचीत.

आर पी सिंह ने इस सवाल पर कि झारखंड मुक्ति मोर्चा के कुछ सांसद भी आदिवासी उम्मीदवार के नाम पर समर्थन दे सकते हैं. वहीं, कुछ अन्य पार्टी के नेता भी हमारी महिला आदिवासी उम्मीदवार के नाम पर क्रॉस वोटिंग कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि इस पर वह फिलहाल कोई टिप्पणी नहीं कर सकते. लेकिन संभावना है कि कई ऐसी पार्टियां जो भाजपा के विपक्ष में हैं, द्रौपदी मुर्मू के समर्थन में आगे आएं.

उत्तर प्रदेश में आजमगढ़ और रामपुर भाजपा की झोली में आने के बाद लोकसभा में भाजपा की ताकत और बढ़ी है. ठीक राष्ट्रपति चुनाव से पहले पार्टी को मिली जीत के मायने बताते हुए उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश से समाजवादी पार्टी का सूपड़ा साफ होता जा रहा है. 2024 के लिए भले ही कुछ पार्टियां मिलकर लामबंदी कर रही हो, लेकिन यह चुनाव परिणाम अपने आप में इस बात के परिचायक है कि साल 2024 तक इन पार्टियों का जनाधार और भी कम होता जाएगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ उनके लामबंदी कोई काम नहीं आएगी. उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में योगी सरकार दोबारा सत्ता में आई है. राज्य से भ्रष्टाचार और कानून व्यवस्था में काफी सुधार हुआ है. जहां पहले भ्रष्टाचार और अपराध का बोलबाला था, वहीं आज सुशासन और अपराध रहित प्रशासन स्थापित हुआ है. यही वजह है कि आजमगढ़ और रामपुर जैसे सपा के गढ़ में भी भारतीय जनता पार्टी की जीत हुई है.

नई दिल्ली : विपक्ष के साझा उम्मीदवार यशवंत सिन्हा पर भाजपा ने कहा कि वो हाशिये पर हैं और विपक्ष को पता है कि एनडीए की आदिवासी नेता द्रौपदी मुर्मू ही चुनाव जीतेंगी. उनके साथ कई पार्टियों का भरपूर समर्थन है. इसलिए उन्हें सिर्फ मौजूदगी दिखाने के लिए इस चुनाव में खड़ा किया गया है. विपक्ष के उम्मीदवार के नामांकन के मौके पर खुद टीएमसी की सुप्रीमो ममता बनर्जी की गैर-मौजूदगी, यही संकेत दे रही है. ये बात भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता आर. पी. सिंह ने ईटीवी भारत को एक साक्षात्कार में कहीं.

उन्होंने कहा कि द्रौपदी मुर्मू एक महिला आदिवासी नेता है और जो पार्टियां उन्हें समर्थन दे रही हैं, वह महिलाओं के खासतौर पर आदिवासी महिलाओं के उत्थान में समर्थन दे रही हैं. यदि विपक्ष ने अपना उम्मीदवार मुर्मू के खिलाफ खड़ा किया है, तो उन्हें देखना चाहिए एनडीए की उम्मीदवार के साथ कितनी पार्टियों का समर्थन है. ऐसे में यह कहा जा सकता है कि केवल अपनी मौजूदगी को जाहिर करने के लिए ही विपक्ष अपना उम्मीदवार खड़ा कर रहा है.

टीआरएस के नेता भी यशवंत सिन्हा के समर्थन में आज नामांकन के मौके पर पहुंचे, जबकि भाजपा को यह उम्मीद थी कि टीआरएस उनके उम्मीदवार का समर्थन करेगा. इस पर भाजपा नेता ने किसी भी प्रकार की प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि अभी चुनाव में कुछ दिन बाकी है. अभी से अंदाजा लगाना जल्दबाजी होगी. उन्होंने कहा कि यशवंत सिन्हा पहले से ही हाशिये पर हैं और आज उनके नामांकन के मौके पर खुद टीएमसी की सुप्रीमो ममता बनर्जी नहीं थी. इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि विपक्ष मात्र अपनी मौजूदगी को साबित करने के लिए ही उम्मीदवार खड़ा कर रहा है और उन्हें पता है कि उनके पास आंकड़े नहीं है.

भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता आर. पी. सिंह से ईटीवी भारत की बातचीत.

आर पी सिंह ने इस सवाल पर कि झारखंड मुक्ति मोर्चा के कुछ सांसद भी आदिवासी उम्मीदवार के नाम पर समर्थन दे सकते हैं. वहीं, कुछ अन्य पार्टी के नेता भी हमारी महिला आदिवासी उम्मीदवार के नाम पर क्रॉस वोटिंग कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि इस पर वह फिलहाल कोई टिप्पणी नहीं कर सकते. लेकिन संभावना है कि कई ऐसी पार्टियां जो भाजपा के विपक्ष में हैं, द्रौपदी मुर्मू के समर्थन में आगे आएं.

उत्तर प्रदेश में आजमगढ़ और रामपुर भाजपा की झोली में आने के बाद लोकसभा में भाजपा की ताकत और बढ़ी है. ठीक राष्ट्रपति चुनाव से पहले पार्टी को मिली जीत के मायने बताते हुए उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश से समाजवादी पार्टी का सूपड़ा साफ होता जा रहा है. 2024 के लिए भले ही कुछ पार्टियां मिलकर लामबंदी कर रही हो, लेकिन यह चुनाव परिणाम अपने आप में इस बात के परिचायक है कि साल 2024 तक इन पार्टियों का जनाधार और भी कम होता जाएगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ उनके लामबंदी कोई काम नहीं आएगी. उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में योगी सरकार दोबारा सत्ता में आई है. राज्य से भ्रष्टाचार और कानून व्यवस्था में काफी सुधार हुआ है. जहां पहले भ्रष्टाचार और अपराध का बोलबाला था, वहीं आज सुशासन और अपराध रहित प्रशासन स्थापित हुआ है. यही वजह है कि आजमगढ़ और रामपुर जैसे सपा के गढ़ में भी भारतीय जनता पार्टी की जीत हुई है.

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