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Chhattisgarh Berojgari Bhatta 2023: चुनावी साल में बघेल सरकार का बेरोजगारी भत्ता वाला दांव, रोजगार कार्यालयों में उमड़ी भीड़

छत्तीसगढ़ की बघेल सरकार ने चुनावी साल में बड़ा दांव खेला है. युवाओं को अपनी ओर लुभाने के लिए बेरोजगारी भत्ते देने का फैसला सरकार ने कर लिया है. 26 जनवरी को जगदलपुर में सीएम ने इसका एलान किया. घोषणा के बाद से छत्तीसगढ़ रोजगार कार्यालय में अब बेरोजगार युवक युवतियों की भीड़ रजिस्ट्रेशन के लिए उमड़ पड़ी है. राजनीतिक पंडित बघेल सरकार के इस एलान को बड़ा चुनावी दांव मान रहे हैं. लेकिन रोजगार कार्यालय में उमड़ती बेरोजगार युवक युवतियों की भीड़ सरकार की तरफ से रोजगार के बेहतर दावों पर सवाल खड़े कर रही है.Politics on unemployment allowance in Chhattisgarh

Berojgari Bhatta 2023
छत्तीसगढ़ में बेरोजगारी भत्ता
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Published : Feb 8, 2023, 8:17 AM IST

बेरोजगारी भत्ते पर युवाओं की राय

रायपुर/बिलासपुर: छत्तीसगढ़ में इस साल दिसंबर से पहले विधानसभा चुनाव होने हैं. ऐसे में सभी पार्टियां चुनावी मोड में आ गई है. सत्तारुढ़ पार्टी कांग्रेस ने भी चुनावी तैयारियां तेज कर दी है और वोट बैंक को साधने की कवायद भी शुरू कर दी है. खासकर युवा वोट बैंक को साधने पर कांग्रेस की नजर है. इसिलए 26 जनवरी 2023 को जगदलपुर से सीएम भूपेश बघेल ने बड़ी घोषणा की. उन्होंने ऐलान किया कि राज्य में बेरोजगार युवक युवतियों को बेरोजगारी भत्ता दिया जाएगा. छत्तीसगढ़ में बेरोजगारी भत्ता पर अब सियासत ते जो हो गई है.

बेरोजगारी भत्ते के ऐलान से बेरोजगार युवा युवतियों में खुशी: ईटीवी भारत ने इस भत्ते के ऐलान के बाद बिलासपुर और रायपुर में रोजगार कार्यालयों का जायजा लिया. यहां के युवा सहित प्रदेश का यूथ वर्ग बघेल सरकार के इस फैसले से खुश है. युवा सरकार के इस फैसले को सही बता रहे हैं और भविष्य में नौकरी मिलने की उम्मीद जता रहे हैं.

बिलासपुर रोजगार कार्यालय में पंजीयन में हुआ इजाफा: बिलासपुर रोजगार कार्यालय में पंजीयन में इजाफा हुआ है. रोजगार पंजीयन कार्यालय के उपसंचालक पीटर सुमन तिग्गा ने ईटीवी भारत को बताया कि पहले एक दिन में करीब 50 युवा पंजीयन कराते थे. तो वहीं अब एक दिन में 130 से 150 युवक युवतियां पंजीयन कराते हैं. जनवरी 2023 की यदि बात करें तो एक माह में ही 1460 पंजीयन हो चुके हैं. जिसमें 650 महिलाएं थीं बेरोजगार युवाओं महसूस कर रहे हैं कि सरकार बेरोजगारी भत्ता दे तो उसका लाभ उन्हें भी मिले. हालांकि अभी तक सरकार ने इसकी किसी भी तरह की क्राइटेरिया तय नहीं की है और न ही रोजगार कार्यालयों को इसके बारे में सूचित किया है."

रोजगार कार्यालय में पंजीकरण के क्या हैं नियम: रोजगार कार्यालय में साल 2015 के क्राइटेरिया के तहत पंजीयन किया जा रहा है. जिसके तहत बीपीएल सूची में पंजीयन होना चाहिए. एक परिवार से एक ही सदस्य को बेरोजगारी भत्ता दिया जाएगा. इसमें रजिस्ट्रेश के लिए उम्र 18 से 35 साल होनी चाहिए. इसके अलावा आवेदक को 10वीं और 12वीं पास होना चाहिए. बिलासपुर के युवा अजीत कुमार का रहना है कि "युवाओं को बेरोजगारी भत्ता मिलने से कुछ समय के लिए राहत मिल सकती है. लेकिन रोजगार मिलने पर ही इस समस्या का स्थाई समाधान हो सकता है"

रायपुर के युवाओं का क्या है मत: बेरोजगारी भत्ते पर रायपुर के युवाओं ने भी खुशी जाहिर की है. रायपुर के चंगोरा भाटा की खुशबू ने बताया कि" बेरोजगारी भत्ते की घोषणा से काफी खुशी हुई. इस भत्ते की हमे ज्यादा जरूरत थी. एक और युवती धात्री साहू ने बताया कि "मेरा बीए पीजीडीसीए पॉलिटेक्निक कंप्लीट हो चुका है. यह बहुत अच्छा कदम है. जैसे ही आवेदन आएगा मैं आवेदन करूंगी"

बेरोजगारी भत्ते पर क्या कहते हैं रायपुर के युवा

छत्तीसगढ़ में औद्यौगिक विस्तार की क्या है स्थिति, कैसे कब तक कितना मिलेगा रोजगार: छत्तीसगढ़ में रोजगार सृजन की बात की जाए तो वह इस प्रकार है.छत्तीसगढ़ उद्योग संचालनालय से मिले आंकड़ों के मुताबिक साल 2022 तक 13 सेक्टरों मे 189 MOU किए गए. जिसमें 19 उद्योंगो में काम चल रहा है. जबकि अभी भी 130 MOU प्रक्रियाधीन है. इन सभी करार से करीब 1 लाख 34 हजार से ज्यादा रोजगार सृजन का लक्ष्य है. सबसे ज्यादा स्टील सेक्टर में MOU हुए हैं.

ये भी पढ़ें: रायपुर में 495 पदों पर निकली रोजगार मेला, पहुंचे केवल 300 आवेदक

इन क्षेत्रों में मिलेगा इतना रोजगार: स्टील सेक्टर में एमओयू से अब 78 हजार से ज्यादा लोगों को रोजगार देने का टारगेट रखा गया है. जबकि इसमें 61 हजार करोड़ से ज्यादा का निवेश आएगा. इसके अलावा डिफेंस सेक्टर में पांच एमओयू हुए हैं. इसमें कुल 41 सौ से अधिक लोगों को रोजगार देने का लक्ष्य तय किया गया है. करीब 600 करोड़ रुपये का निवेश प्रस्तावित है.

छत्तीसगढ़ में बेरोजगारी दर कितनी: सीएमआईई के साल 2022 तक के आंकड़ों के मुताबिक छत्तीसगढ़ में बेरोजगारी दर 0.1 फीसदी है. जो पूरे देश में सबसे कम है. इस तरह रोजगार के मामले में छत्तीसगढ़ में हालात बेहतर हैं. जबकि 1.2 फीसदी के साथ उत्तराखंड दूसरे स्थान पर है. ओड़िसा 1.6 फीसदी बेरोजगारी दर के साथ तीसरे स्थान पर है. मध्यप्रदेश में यह आंकड़ा 6.2 प्रतिशत है और गुजरात में यह आंकड़ा 2.5 प्रतिशत रहा है. बघेल सरकार समावेशी विकास के जरिए छत्तीसगढ़ में रोजगार सृजन की बात कह रही है. जिसमें गांव और शहरों हर जगह लोगों को रोजगार मिल रहा है.

छत्तीसगढ़ में बेरोजगारी भत्ता पर सियासत

बेरोजगारी भत्ते पर सियासत गर्माई: बेरोजगारी भत्ते और रोजगार पर एक बार छत्तीसगढ़ में सियासत गर्मा गई है. बीजेपी सरकार के रोजगार के दावों और सवाल उठा रही है. बीजेपी ने इसे आंकड़ों का भ्रम बताया है. तो कांग्रेस ने बीजेपी को बेरोजगारी पर सवाल न करने की हिदायत देते हुए केंद्र सरकार से पूछने को कहा है जिसने दो करोड़ लोगों को रोजगार देने का वादा किया था.

बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव ने कहा कि "पिछले 3 वर्षों में छत्तीसगढ़ में एक भी भर्ती नहीं हुई है. सरकार भ्रामक आंकड़े दिखा रही है. आज छत्तीसगढ़ का युवा परेशान है. जबसे कांग्रेस की सरकार बनी है. यहां रोजगार की हालत खराब है. अन्याय और अत्याचार बढ़ा है. चाहे वह बेरोजगारी भत्ता देने की बात हो या फिर रोजगार देने का मामला हो"

अरुण साव पर कांग्रेस का पलटवार: कांग्रेस ने अरुण साव पर पलटवार किया है. कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि" बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव बेरोजगारी पर न बोलें उन्हें इसपर बोलने का अधिकार नहीं है. मोदी सरकार ने हर साल 2 करोड़ रोजगार का वादा किया था. लेकिन मोदी सरकार ने यह वादा नहीं निभाया और 23 करोड़ से अधिक लोगों से रोजगार छीन लिया.

बेरोजगारी भत्ते पर युवाओं की राय

रायपुर/बिलासपुर: छत्तीसगढ़ में इस साल दिसंबर से पहले विधानसभा चुनाव होने हैं. ऐसे में सभी पार्टियां चुनावी मोड में आ गई है. सत्तारुढ़ पार्टी कांग्रेस ने भी चुनावी तैयारियां तेज कर दी है और वोट बैंक को साधने की कवायद भी शुरू कर दी है. खासकर युवा वोट बैंक को साधने पर कांग्रेस की नजर है. इसिलए 26 जनवरी 2023 को जगदलपुर से सीएम भूपेश बघेल ने बड़ी घोषणा की. उन्होंने ऐलान किया कि राज्य में बेरोजगार युवक युवतियों को बेरोजगारी भत्ता दिया जाएगा. छत्तीसगढ़ में बेरोजगारी भत्ता पर अब सियासत ते जो हो गई है.

बेरोजगारी भत्ते के ऐलान से बेरोजगार युवा युवतियों में खुशी: ईटीवी भारत ने इस भत्ते के ऐलान के बाद बिलासपुर और रायपुर में रोजगार कार्यालयों का जायजा लिया. यहां के युवा सहित प्रदेश का यूथ वर्ग बघेल सरकार के इस फैसले से खुश है. युवा सरकार के इस फैसले को सही बता रहे हैं और भविष्य में नौकरी मिलने की उम्मीद जता रहे हैं.

बिलासपुर रोजगार कार्यालय में पंजीयन में हुआ इजाफा: बिलासपुर रोजगार कार्यालय में पंजीयन में इजाफा हुआ है. रोजगार पंजीयन कार्यालय के उपसंचालक पीटर सुमन तिग्गा ने ईटीवी भारत को बताया कि पहले एक दिन में करीब 50 युवा पंजीयन कराते थे. तो वहीं अब एक दिन में 130 से 150 युवक युवतियां पंजीयन कराते हैं. जनवरी 2023 की यदि बात करें तो एक माह में ही 1460 पंजीयन हो चुके हैं. जिसमें 650 महिलाएं थीं बेरोजगार युवाओं महसूस कर रहे हैं कि सरकार बेरोजगारी भत्ता दे तो उसका लाभ उन्हें भी मिले. हालांकि अभी तक सरकार ने इसकी किसी भी तरह की क्राइटेरिया तय नहीं की है और न ही रोजगार कार्यालयों को इसके बारे में सूचित किया है."

रोजगार कार्यालय में पंजीकरण के क्या हैं नियम: रोजगार कार्यालय में साल 2015 के क्राइटेरिया के तहत पंजीयन किया जा रहा है. जिसके तहत बीपीएल सूची में पंजीयन होना चाहिए. एक परिवार से एक ही सदस्य को बेरोजगारी भत्ता दिया जाएगा. इसमें रजिस्ट्रेश के लिए उम्र 18 से 35 साल होनी चाहिए. इसके अलावा आवेदक को 10वीं और 12वीं पास होना चाहिए. बिलासपुर के युवा अजीत कुमार का रहना है कि "युवाओं को बेरोजगारी भत्ता मिलने से कुछ समय के लिए राहत मिल सकती है. लेकिन रोजगार मिलने पर ही इस समस्या का स्थाई समाधान हो सकता है"

रायपुर के युवाओं का क्या है मत: बेरोजगारी भत्ते पर रायपुर के युवाओं ने भी खुशी जाहिर की है. रायपुर के चंगोरा भाटा की खुशबू ने बताया कि" बेरोजगारी भत्ते की घोषणा से काफी खुशी हुई. इस भत्ते की हमे ज्यादा जरूरत थी. एक और युवती धात्री साहू ने बताया कि "मेरा बीए पीजीडीसीए पॉलिटेक्निक कंप्लीट हो चुका है. यह बहुत अच्छा कदम है. जैसे ही आवेदन आएगा मैं आवेदन करूंगी"

बेरोजगारी भत्ते पर क्या कहते हैं रायपुर के युवा

छत्तीसगढ़ में औद्यौगिक विस्तार की क्या है स्थिति, कैसे कब तक कितना मिलेगा रोजगार: छत्तीसगढ़ में रोजगार सृजन की बात की जाए तो वह इस प्रकार है.छत्तीसगढ़ उद्योग संचालनालय से मिले आंकड़ों के मुताबिक साल 2022 तक 13 सेक्टरों मे 189 MOU किए गए. जिसमें 19 उद्योंगो में काम चल रहा है. जबकि अभी भी 130 MOU प्रक्रियाधीन है. इन सभी करार से करीब 1 लाख 34 हजार से ज्यादा रोजगार सृजन का लक्ष्य है. सबसे ज्यादा स्टील सेक्टर में MOU हुए हैं.

ये भी पढ़ें: रायपुर में 495 पदों पर निकली रोजगार मेला, पहुंचे केवल 300 आवेदक

इन क्षेत्रों में मिलेगा इतना रोजगार: स्टील सेक्टर में एमओयू से अब 78 हजार से ज्यादा लोगों को रोजगार देने का टारगेट रखा गया है. जबकि इसमें 61 हजार करोड़ से ज्यादा का निवेश आएगा. इसके अलावा डिफेंस सेक्टर में पांच एमओयू हुए हैं. इसमें कुल 41 सौ से अधिक लोगों को रोजगार देने का लक्ष्य तय किया गया है. करीब 600 करोड़ रुपये का निवेश प्रस्तावित है.

छत्तीसगढ़ में बेरोजगारी दर कितनी: सीएमआईई के साल 2022 तक के आंकड़ों के मुताबिक छत्तीसगढ़ में बेरोजगारी दर 0.1 फीसदी है. जो पूरे देश में सबसे कम है. इस तरह रोजगार के मामले में छत्तीसगढ़ में हालात बेहतर हैं. जबकि 1.2 फीसदी के साथ उत्तराखंड दूसरे स्थान पर है. ओड़िसा 1.6 फीसदी बेरोजगारी दर के साथ तीसरे स्थान पर है. मध्यप्रदेश में यह आंकड़ा 6.2 प्रतिशत है और गुजरात में यह आंकड़ा 2.5 प्रतिशत रहा है. बघेल सरकार समावेशी विकास के जरिए छत्तीसगढ़ में रोजगार सृजन की बात कह रही है. जिसमें गांव और शहरों हर जगह लोगों को रोजगार मिल रहा है.

छत्तीसगढ़ में बेरोजगारी भत्ता पर सियासत

बेरोजगारी भत्ते पर सियासत गर्माई: बेरोजगारी भत्ते और रोजगार पर एक बार छत्तीसगढ़ में सियासत गर्मा गई है. बीजेपी सरकार के रोजगार के दावों और सवाल उठा रही है. बीजेपी ने इसे आंकड़ों का भ्रम बताया है. तो कांग्रेस ने बीजेपी को बेरोजगारी पर सवाल न करने की हिदायत देते हुए केंद्र सरकार से पूछने को कहा है जिसने दो करोड़ लोगों को रोजगार देने का वादा किया था.

बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव ने कहा कि "पिछले 3 वर्षों में छत्तीसगढ़ में एक भी भर्ती नहीं हुई है. सरकार भ्रामक आंकड़े दिखा रही है. आज छत्तीसगढ़ का युवा परेशान है. जबसे कांग्रेस की सरकार बनी है. यहां रोजगार की हालत खराब है. अन्याय और अत्याचार बढ़ा है. चाहे वह बेरोजगारी भत्ता देने की बात हो या फिर रोजगार देने का मामला हो"

अरुण साव पर कांग्रेस का पलटवार: कांग्रेस ने अरुण साव पर पलटवार किया है. कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि" बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव बेरोजगारी पर न बोलें उन्हें इसपर बोलने का अधिकार नहीं है. मोदी सरकार ने हर साल 2 करोड़ रोजगार का वादा किया था. लेकिन मोदी सरकार ने यह वादा नहीं निभाया और 23 करोड़ से अधिक लोगों से रोजगार छीन लिया.

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