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New Parliament Building : वीर सावरकर की जयंती पर नए संसद भवन का उद्घाटन, विपक्ष का हंगामा, भाजपा का पलटवार

वीर सावरकर की जयंती के दिन संसद के नए भवन का उद्घाटन रखा गया है. 28 मई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसका उद्घाटन करेंगे. इसको लेकर अभी से ही राजनीति जारी है. चर्चा है कि विपक्ष इस मौके का बहिष्कार कर सकता है.

New parliament Building
नए संसद भवन का उद्घाटन
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Published : May 23, 2023, 5:02 PM IST

Updated : May 23, 2023, 9:13 PM IST

नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 28 मई को नए संसद भवन का उद्घाटन करेंगे. इसको लेकर राजनीति शुरू हो चुकी है. कांग्रेस समेत कई विपक्षी दलों ने राष्ट्रपति से इस भवन के उद्घाटन की मांग की है. उनका कहना है कि शिलान्यास के समय भी राष्ट्रपति को आमंत्रित नहीं किया गया था. एआईएमआईएम सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि पीएम मोदी कार्यपालिका के प्रमुख हैं, न कि विधायिका के, इसलिए लोकसभा अध्यक्ष या राज्यसभा के चेयरमैन इसका उद्घाटन कर सकते हैं. भाजपा ने इसे ओछी राजनीति बताया है. उधर, महिला पहलवानों ने भी कहा है कि वह संसद भवन के सामने शांतिपूर्ण महिला महापंचायत करेंगी.

New parliament Building
नया संसद भवन

पहलवान विनेश फोगाट ने कहा कि 'हमने 28 मई को नई संसद के सामने शांतिपूर्ण महिला महापंचायत करने का फैसला किया है.'

  • On the absurd comments of @RahulGandhi, @kharge & @Jairam_Ramesh - as to why PM Modi is inaugurating the new Parliament?

    PM is chief executive in Parliamentary democracy. And there is precedent.

    Here is Rajiv Gandhi laying foundation for the Parliament Library in 1987. pic.twitter.com/65jdYx9ZN7

    — Akhilesh Mishra (@amishra77) May 22, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी ने कहा कि 24 अक्टूबर 1975 को इंदिरा गांधी ने संसद के एनेक्सी का उद्घाटन किया था, क्या कांग्रेस यह जानती है या नहीं. इसके बाद 15 अगस्त 1987 को राजीव गांधी ने संसदीय लाइब्रेरी की नींव रखी थी. पुरी ने कहा कि गर्व करने के बाजए कांग्रेस आज पाखंड कर रही है. भाजपा के कुछ नेताओं ने दावा किया है कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू खुद चाहती हैं कि संसद के नए भवन का उद्घाटन पीएम मोदी करें. भाजपा मीडिया के प्रभारी अनिल बलूनी ने कहा कि कांग्रेस नेताओं की टिप्पणियां 'नकारात्मक और पराजयवादी मानसिकता' को दर्शाती हैं.

नए संसद भवन की जरूरत क्यों पड़ी - नए संसद भवन का शिलान्यास 10 दिसंबर 2020 को किया गया था. इससे पहले 2019 में दोनों सदनों ने सरकार से नए भवन बनाए जाने की अपील की थी. वर्तमान संसद भवन की डिजाइन ब्रिटिश आर्किटेक्ट सर एडविन लुटियंस और हर्बर्ट बेकर ने तैयार की थी. इसका निर्माण 1919 से लेकर 1927 तक चला था. उस समय इसे हाउस ऑफ पार्लियामेंट कहा जाता था. आजादी के बाद सांसदों की संख्या बढ़ने पर 1956 में दो और फ्लोर्स जोड़े गए. नए फ्लोर्स के बन जाने पर सेंट्रल हॉल का गुंबद दिखाई नहीं देता है.

खिड़कियों से रोशनी भी ठीक से नहीं आती है. 2006 में पार्लियामेंट म्यूजियम भी तैयार किया गया. अब इतना सारा निर्माण कार्य हो जाने के बाद इस भवन में बदलाव करने पर इसका स्वरूप प्रभावित हो सकता है. साथ ही सीलिंग हटने के बाद एक बार जब सांसदों की संख्या बढ़ जाएगी, तो उनके बैठने की बेहतर व्यवस्था हो सके, इसके लिए जरूरी था कि नए संसद भवन का निर्माण कार्य हो. अभी 1971 की जनगणना के आधार पर परिसीमन लगा हुआ है. 2026 में इसकी मियाद खत्म हो रही है.

New parliament Building
नया संसद भवन

विशेषज्ञों का कहना है कि मूल भवन के बन जाने के बाद इसमें बहुत सारी नई व्यवस्थाएं की गई हैं, लेकिन जिस समय इसकी डिजाइन की गई थी, उस समय इसके बारे में सोचा नहीं गया था. मसलन, सीसीटीवी की व्यवस्था, एयरकंडिशनिंग व्यवस्था, ऑडियो-वीडियो सिस्टम इंस्टॉलेशन वगैरह. साथ ही सीवर लाइन है, पानी पीने की व्यवस्था है, उसकी वजह से भी जगह-जगह खुदाई की गई और इस कारण सीलन भी देखने को मिलता है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार अगर दिल्ली में जोर का भूकंप आया, तो संसद भवन इसे झेल सकेगा या नहीं, इस पर कोई भी कुछ भी नहीं कह सकता है. सुरक्षा व्यवस्था अलग एक वजह है. समय-समय पर इस भवन की जगह पर नए भवन की मांग पहले भी की जाती रही है.

New parliament Building
नया संसद भवन

नए संसद भवन की खासियत - नए संसद भवन को सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के तहत बनाया गया है. इसे बनाने में 28 मीहने का समय लगा. इसकी लागत 862 करोड़ रुपये बताई जा रही है. यह चार मंजिला इमारत है. 64,500 वर्ग मीटर में फैला हुआ है. भवन भूकंप रोधी है. इसकी डिजाइनिंग बिमल पटेल ने तैयार की है. इसे बनाने में 26 हजार 45 एमटी स्टील, 63 हजार 807 एमटी सीमेंट और 9689 क्यूबिक मीटर फ्लाई एश लगे. 3396 पेड़ लगाए गए हैं. 92 पेड़ों को यूं ही रहने दिया गया, यानि भवन बनाने के लिए उन्हें नहीं काटा गया है. एलोवेरा, लिली और एरेका पाम जैसे पौधों पर जोर दिया गया है, जो ऑक्सीजन प्रोड्यूसिंग पेड़ हैं.

  • #WATCH | We are opposed to the PM inaugurating the new Parliament building. The President should inaugurate it. We are thinking of boycotting the function, the party has to take a final decision on the matter: TMC MP Saugata Roy pic.twitter.com/murcRV5E54

    — ANI (@ANI) May 23, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

इतने लोग बैठ सकते हैं : नई लोकसभा में 888 सीटें हैं. विजिटर्स गैलरी में 336 लोग आ सकते हैं. इसी तरह से राज्यसभा में 384 सांसद बैठ सकते हैं. विजिटर्स गैलरी में 336 लोग आ सकते हैं. संयुक्त सेशन लोकसभा भवन में किया जा सकता है, क्योंकि इसकी क्षमता 1272 सांसदों के बैठने की है. अलग-अलग कमेटियों की बैठक भी अलग-अलग हो सकती है. सभी ऑफिस हाईटेक हैं. महिलाओं के लिए अलग से लाउंज तैयार किया गया है. नए भवन में संविधान हॉल बनाया गया है. यहां पर संविधान की कॉपी रखी जाएगी. इस हॉल के ऊपर अशोक स्तंभ है.

ये भी पढ़ें : राजपथ नहीं, कर्तव्य पथ ... जानें खासियत और पूरा इतिहास

नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 28 मई को नए संसद भवन का उद्घाटन करेंगे. इसको लेकर राजनीति शुरू हो चुकी है. कांग्रेस समेत कई विपक्षी दलों ने राष्ट्रपति से इस भवन के उद्घाटन की मांग की है. उनका कहना है कि शिलान्यास के समय भी राष्ट्रपति को आमंत्रित नहीं किया गया था. एआईएमआईएम सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि पीएम मोदी कार्यपालिका के प्रमुख हैं, न कि विधायिका के, इसलिए लोकसभा अध्यक्ष या राज्यसभा के चेयरमैन इसका उद्घाटन कर सकते हैं. भाजपा ने इसे ओछी राजनीति बताया है. उधर, महिला पहलवानों ने भी कहा है कि वह संसद भवन के सामने शांतिपूर्ण महिला महापंचायत करेंगी.

New parliament Building
नया संसद भवन

पहलवान विनेश फोगाट ने कहा कि 'हमने 28 मई को नई संसद के सामने शांतिपूर्ण महिला महापंचायत करने का फैसला किया है.'

  • On the absurd comments of @RahulGandhi, @kharge & @Jairam_Ramesh - as to why PM Modi is inaugurating the new Parliament?

    PM is chief executive in Parliamentary democracy. And there is precedent.

    Here is Rajiv Gandhi laying foundation for the Parliament Library in 1987. pic.twitter.com/65jdYx9ZN7

    — Akhilesh Mishra (@amishra77) May 22, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी ने कहा कि 24 अक्टूबर 1975 को इंदिरा गांधी ने संसद के एनेक्सी का उद्घाटन किया था, क्या कांग्रेस यह जानती है या नहीं. इसके बाद 15 अगस्त 1987 को राजीव गांधी ने संसदीय लाइब्रेरी की नींव रखी थी. पुरी ने कहा कि गर्व करने के बाजए कांग्रेस आज पाखंड कर रही है. भाजपा के कुछ नेताओं ने दावा किया है कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू खुद चाहती हैं कि संसद के नए भवन का उद्घाटन पीएम मोदी करें. भाजपा मीडिया के प्रभारी अनिल बलूनी ने कहा कि कांग्रेस नेताओं की टिप्पणियां 'नकारात्मक और पराजयवादी मानसिकता' को दर्शाती हैं.

नए संसद भवन की जरूरत क्यों पड़ी - नए संसद भवन का शिलान्यास 10 दिसंबर 2020 को किया गया था. इससे पहले 2019 में दोनों सदनों ने सरकार से नए भवन बनाए जाने की अपील की थी. वर्तमान संसद भवन की डिजाइन ब्रिटिश आर्किटेक्ट सर एडविन लुटियंस और हर्बर्ट बेकर ने तैयार की थी. इसका निर्माण 1919 से लेकर 1927 तक चला था. उस समय इसे हाउस ऑफ पार्लियामेंट कहा जाता था. आजादी के बाद सांसदों की संख्या बढ़ने पर 1956 में दो और फ्लोर्स जोड़े गए. नए फ्लोर्स के बन जाने पर सेंट्रल हॉल का गुंबद दिखाई नहीं देता है.

खिड़कियों से रोशनी भी ठीक से नहीं आती है. 2006 में पार्लियामेंट म्यूजियम भी तैयार किया गया. अब इतना सारा निर्माण कार्य हो जाने के बाद इस भवन में बदलाव करने पर इसका स्वरूप प्रभावित हो सकता है. साथ ही सीलिंग हटने के बाद एक बार जब सांसदों की संख्या बढ़ जाएगी, तो उनके बैठने की बेहतर व्यवस्था हो सके, इसके लिए जरूरी था कि नए संसद भवन का निर्माण कार्य हो. अभी 1971 की जनगणना के आधार पर परिसीमन लगा हुआ है. 2026 में इसकी मियाद खत्म हो रही है.

New parliament Building
नया संसद भवन

विशेषज्ञों का कहना है कि मूल भवन के बन जाने के बाद इसमें बहुत सारी नई व्यवस्थाएं की गई हैं, लेकिन जिस समय इसकी डिजाइन की गई थी, उस समय इसके बारे में सोचा नहीं गया था. मसलन, सीसीटीवी की व्यवस्था, एयरकंडिशनिंग व्यवस्था, ऑडियो-वीडियो सिस्टम इंस्टॉलेशन वगैरह. साथ ही सीवर लाइन है, पानी पीने की व्यवस्था है, उसकी वजह से भी जगह-जगह खुदाई की गई और इस कारण सीलन भी देखने को मिलता है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार अगर दिल्ली में जोर का भूकंप आया, तो संसद भवन इसे झेल सकेगा या नहीं, इस पर कोई भी कुछ भी नहीं कह सकता है. सुरक्षा व्यवस्था अलग एक वजह है. समय-समय पर इस भवन की जगह पर नए भवन की मांग पहले भी की जाती रही है.

New parliament Building
नया संसद भवन

नए संसद भवन की खासियत - नए संसद भवन को सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के तहत बनाया गया है. इसे बनाने में 28 मीहने का समय लगा. इसकी लागत 862 करोड़ रुपये बताई जा रही है. यह चार मंजिला इमारत है. 64,500 वर्ग मीटर में फैला हुआ है. भवन भूकंप रोधी है. इसकी डिजाइनिंग बिमल पटेल ने तैयार की है. इसे बनाने में 26 हजार 45 एमटी स्टील, 63 हजार 807 एमटी सीमेंट और 9689 क्यूबिक मीटर फ्लाई एश लगे. 3396 पेड़ लगाए गए हैं. 92 पेड़ों को यूं ही रहने दिया गया, यानि भवन बनाने के लिए उन्हें नहीं काटा गया है. एलोवेरा, लिली और एरेका पाम जैसे पौधों पर जोर दिया गया है, जो ऑक्सीजन प्रोड्यूसिंग पेड़ हैं.

  • #WATCH | We are opposed to the PM inaugurating the new Parliament building. The President should inaugurate it. We are thinking of boycotting the function, the party has to take a final decision on the matter: TMC MP Saugata Roy pic.twitter.com/murcRV5E54

    — ANI (@ANI) May 23, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

इतने लोग बैठ सकते हैं : नई लोकसभा में 888 सीटें हैं. विजिटर्स गैलरी में 336 लोग आ सकते हैं. इसी तरह से राज्यसभा में 384 सांसद बैठ सकते हैं. विजिटर्स गैलरी में 336 लोग आ सकते हैं. संयुक्त सेशन लोकसभा भवन में किया जा सकता है, क्योंकि इसकी क्षमता 1272 सांसदों के बैठने की है. अलग-अलग कमेटियों की बैठक भी अलग-अलग हो सकती है. सभी ऑफिस हाईटेक हैं. महिलाओं के लिए अलग से लाउंज तैयार किया गया है. नए भवन में संविधान हॉल बनाया गया है. यहां पर संविधान की कॉपी रखी जाएगी. इस हॉल के ऊपर अशोक स्तंभ है.

ये भी पढ़ें : राजपथ नहीं, कर्तव्य पथ ... जानें खासियत और पूरा इतिहास

Last Updated : May 23, 2023, 9:13 PM IST
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