जामनगर : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुजरात की तीन दिवसीय यात्रा पर हैं. उन्होंने जामनगर में ग्लोबल सेंटर फार ट्रेडिशनल मेडिसिन का शिलान्यास किया. इस अवसर पर मॉरीशस के प्रधानमंत्री प्रवींद कुमार जगन्नाथ और डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक टेड्रोस गेब्रेयसस भी मौजूद रहे. विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) पारंपरिक औषधि वैश्विक केंद्र दुनिया भर में पारंपरिक चिकित्सा के लिए पहला वैश्विक केंद्र होगा. पीएम मोदी ने ग्लोबल सेंटर फार ट्रेडिशनल मेडिसिन की आधारशिला रखने के बाद कहा, भारत पारंपरिक चिकित्सा पद्धति के मामले में दुनिया की अगुवाई कर रहा है. उन्होंने कहा कि वेलनेस भारत सरकार की प्राथमिकता है. प्रधानमंत्री ने कहा कि इस केंद्र की स्थापना के बाद योग को भी बढ़ावा मिलेगा.
पीएम मोदी ने कहा, जामनगर में जीसीटीएम की स्थापना के मौके पर वे इस ग्लोबल सेंटर के लिए पांच लक्ष्य रखना चाहते हैं. उन्होंने कहा, पहला लक्ष्य- टेक्नोलॉली का उपयोग करते हुए, ट्रेडिशनल विद्याओं के संकलन का है, उनका डेटाबेस बनाने का है. दूसरा लक्ष्य- GCTM को पारंपरिक औषधियों की टेस्टिंग और सर्टिफिकेशन के लिए इंटरनेशनल स्टैंडर्ड भी बनाने चाहिए. तीसरा लक्ष्य- GCTM एक ऐसा प्लेटफॉर्म बनना चाहिए जहां विश्व की पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियों के एक्सपर्ट्स एक साथ आएं, एक साथ जुटें, अपने अनुभव साझा करें. चौथा लक्ष्य- रिसर्च में निवेश से जुड़ा होना चाहिए. GCTM को ट्रेडिशिनल मेडिसीन के क्षेत्र में रिसर्च के लिए फंडिंग को मोबिलाइज करना चाहिए. पांचवां लक्ष्य- ट्रीटमेंट प्रोटोकॉल से जुड़ा है.
प्रधानमंत्री ने कहा कि क्या GCTM कुछ स्पेसिफिक बीमारियों के लिए होलिस्टिक ट्रीटमेंट प्रोटोकॉल विकसित कर सकता है ? इस पर विचार किए जाने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि ऐसा करने पर मरीज को मॉर्डन और ट्रेडिशनल मेडिसिन, दोनों का फायदा मिल सकेगा. पीएम मोदी ने कहा कि हम भारतीय वसुधैव कुटुम्बकम और सर्वे संतु निरामय: की भावना से जीने वाले लोग हैं. पूरी दुनिया एक ही परिवार है और ये पूरा परिवार हमेशा निरोग रहे, ये हमारा दर्शन रहा है.
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज हम सभी पूरी दुनिया में हेल्थ एंड वेलनेस के लिए एक बहुत बड़े आयोजन के साक्षी बन रहे हैं. उन्होंने कहा, वे WHO के डायरेक्टर जनरल डॉ. टेडरोस के विशेष रूप से आभारी हैं. पीएम मोदी ने कहा कि डब्लूएचओ के निदेशक ने भारत की प्रशंसा में जो शब्द कहे, इसके लिए वे प्रत्येक भारतीय की तरफ से उनका धन्यवाद करता हूं. पीएम मोदी ने कहा, WHO ने ट्रेडिशनल मेडिसिन के इस सेंटर के रूप में भारत के साथ एक नई साझेदारी की है. ये ट्रेडिशनल मेडिसिन के क्षेत्र में भारत के योगदान और क्षमता दोनों का सम्मान है. उन्होंने कहा कि भारत इस पार्टनरशिप को पूरी मानवता की सेवा के लिए बहुत बड़ी जिम्मेदारी के रूप में ले रहा है. बकौल पीएम मोदी, आज जब भारत आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है, उस कालखंड में ये जो शिलान्यास हुआ है, वो शिलान्यास आने वाले 25 साल के लिए विश्व भर में ट्रेडिशनल मेडिसिन के युग का आरंभ कर रहा है.
उन्होंने कहा कि पांच दशक से भी ज्यादा समय पहले, जामनगर में विश्व की पहली आयुर्वेद यूनिवर्सिटी की स्थापना हुई थी. पीएम मोदी ने कहा कि जामनगर में बेहतरीन आयुर्वेद संस्थान- इंस्टीट्यूट ऑफ टीचिंग एंड रिसर्च इन आयुर्वेद (Institute of Teaching & Research in Ayurveda) है. अब विश्व स्वास्थ्य संगठन का ये ग्लोबल सेंटर वेलनेस के क्षेत्र में जामनगर को वैश्विक स्तर पर नई ऊंचाई देगा. प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत की पारंपरिक चिकित्सा पद्धति सिर्फ इलाज तक सीमित नहीं रही है. उन्होंने कहा कि पारंपरिक चिकित्सा पद्धति जीवन का एक समग्र विज्ञान (holistic science) है. उन्होंने कहा कि आयुर्वेद में रोग हरने और इलाज (Healing and Treatment) के अलावा सामाजिक और मानसिक सेहत, खुशियां, पर्यावरण की सेहत करुणा, सहानुभूति और उत्पादकता सबकुछ शामिल है.
उन्होंने कहा कि कई पहलुओं के शामिल होने के कारण हमारे आयुर्वेद को जीवन के ज्ञान के रूप में समझा जाता है. पीएम मोदी ने कहा कि आयुर्वेद को पांचवां वेद कहा जाता है. उन्होंने कहा कि अच्छी हेल्थ का सीधा संबंध संतुलित डाइट (balanced diet) से भी है. प्रधानमंत्री ने कहा, हमारे पूर्वज यह मानते थे कि किसी भी रोग का आधा उपचार संतुलित खानपान में छिपा होता है. उन्होंने कहा कि हमारी पारंपरिक चिकित्सा पद्वतियां इन जानकारियों से भरी हुई हैं कि किस मौसम में क्या खाना चाहिए, क्या नहीं खाना चाहिए.
प्रधानमंत्री ने डाइबिटिज, मोटापा और अवसाद (Diabetes, obesity, depression) जैसी अनेक बीमारियों से लड़ने में भारत की योग परंपरा दुनिया के बहुत काम आ रही है. उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के माध्यम से योग प्रचलित हो रहा है और दुनिया भर में लोगों को मानसिक तनाव कम करने में, मन-शरीर-चेतना में संतुलन कायम करने में मदद कर रहा है. प्रधानमंत्री ने मोटे अनाज के प्रयोग को बढ़ावा देने के संदर्भ में कहा, मुझे इस बात का संतोष है कि बाजरे जैसे मोटे अनाज यानी मिलेट्स (millets) के उपयोग को बढ़ावा देने संबंधी भारत का प्रस्ताव संयुक्त राष्ट्र (UN) ने स्वीकार किया है. उन्होंने कहा कि वर्ष 2023 को अंतरराष्ट्रीय मिलेट इयर (International Millet year) घोषित करना मानवता के लिए बहुत हितकारी कदम है.
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बता दें कि गुजरात यात्रा के दौरान पीएम मोदी अन्य कार्यक्रमों में भी शरीक होंगे. प्रधानमंत्री 20 अप्रैल को गांधीनगर में वैश्विक आयुष निवेश एवं नवाचार सम्मेलन का उदघाटन करेंगे. बाद में वह दाहोद में आदिजाति महासम्मेलन में शरीक होंगे तथा विभिन्न विकास परियोजनाओं का लोकार्पण व शिलान्यास करेंगे.
(पीटीआई-भाषा)