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पीएम मोदी आज डिजिटल भुगतान के लिए 'ई-रुपी' की करेंगे शुरुआत - डिजिटल भुगतान समाधान 'ई-रुपी'

पीएम मोदी आज डिजिटल भुगतान समाधान 'ई-रुपी' की शुरुआत करेंगे. इस बात की जानकारी प्रधानमंत्री कार्यालय ने दी. पढ़ें पूरी खबर...

पीएम मोदी
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Published : Aug 2, 2021, 3:13 AM IST

Updated : Aug 2, 2021, 5:50 AM IST

नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi ) आज वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से डिजिटल भुगतान समाधान 'ई-रुपी' (e-RUPI) की शुरुआत करेंगे. प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने यह जानकारी दी.

पीएम मोदी द्वारा सदैव डिजिटल पहल को बढ़ावा देने को रेखांकित करते हुए पीएमओ ने कहा कि पिछले वर्षों के दौरान इच्छित लाभार्थियों तक लाभ पहुंचाना सुनिश्चित करने के लिए कई कार्यक्रम शुरू किए गए हैं ताकि सरकार और लाभार्थी के बीच सीमित संपर्क बिंदु रहें. इसने कहा कि 'इलेक्ट्रॉनिक वाउचर' की अवधारणा सुशासन के इस दृष्टिकोण को आगे ले जाएगी.

पीएमओ ने एक बयान में कहा कि 'ई-रुपी' डिजिटल भुगतान के लिए कैशलेस और संपर्क रहित माध्यम है.

क्या है ई-रुपी
ई-रुपी डिजिटल भुगतान के लिए एक कैशलेस और संपर्क रहित माध्यम है. यह एक क्यूआर कोड या एसएमएस स्ट्रिंग-आधारित ई-वाउचर है, जिसे लाभार्थियों के मोबाइल पर पहुंचाया जाता है. इस निर्बाध एकमुश्त भुगतान व्‍यवस्‍था के उपयोगकर्ता अपने सेवा प्रदाता के केंद्र पर कार्ड, डिजिटल भुगतान एप या इंटरनेट बैंकिंग एक्सेस के बगैर ही वाउचर की राशि को प्राप्‍त करने में सक्षम होंगे. इसे नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया ने अपने यूपीआई प्लेटफॉर्म पर वित्तीय सेवा विभाग, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय और राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण के सहयोग से विकसित किया है.

ई-रुपी बिना किसी फिजिकल इंटरफेस के डिजिटल तरीके से लाभार्थियों और सेवा प्रदाताओं के साथ सेवाओं के प्रायोजकों को जोड़ता है. इसके तहत यह भी सुनिश्चित किया जाता है कि लेन-देन पूरा होने के बाद ही सेवा प्रदाता को भुगतान किया जाए. प्री-पेड होने की वजह से सेवा प्रदाता को किसी मध्यस्थ के हस्तक्षेप के बिना ही सही समय पर भुगतान संभव हो जाता है.

यह भी पढ़ें- Bronze to Sindhu : पीएम ने कहा था, जीत कर आएं, साथ में आईसक्रीम खाएंगे

आशा है कि यह डिजिटल पेमेंट सॉल्‍यूशन कल्याणकारी सेवाओं की भ्रष्टाचार-मुक्त आपूर्ति सुनिश्चित करने की दिशा में एक क्रांतिकारी पहल साबित होगा. इसका उपयोग मातृ और बाल कल्याण योजनाओं के तहत दवाएं और पोषण संबंधी सहायता, टीबी उन्मूलन कार्यक्रमों, आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना जैसी स्‍कीमों के तहत दवाएं और निदान, उर्वरक सब्सिडी, इत्यादि देने की योजनाओं के तहत सेवाएं उपलब्ध कराने में किया जा सकता है. यहां तक कि निजी क्षेत्र भी अपने कर्मचारी कल्याण और कॉरपोरेट सामाजिक दायित्‍व कार्यक्रमों के तहत इन डिजिटल वाउचर का उपयोग कर सकता है.

(एजेंसी इनपुट)

नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi ) आज वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से डिजिटल भुगतान समाधान 'ई-रुपी' (e-RUPI) की शुरुआत करेंगे. प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने यह जानकारी दी.

पीएम मोदी द्वारा सदैव डिजिटल पहल को बढ़ावा देने को रेखांकित करते हुए पीएमओ ने कहा कि पिछले वर्षों के दौरान इच्छित लाभार्थियों तक लाभ पहुंचाना सुनिश्चित करने के लिए कई कार्यक्रम शुरू किए गए हैं ताकि सरकार और लाभार्थी के बीच सीमित संपर्क बिंदु रहें. इसने कहा कि 'इलेक्ट्रॉनिक वाउचर' की अवधारणा सुशासन के इस दृष्टिकोण को आगे ले जाएगी.

पीएमओ ने एक बयान में कहा कि 'ई-रुपी' डिजिटल भुगतान के लिए कैशलेस और संपर्क रहित माध्यम है.

क्या है ई-रुपी
ई-रुपी डिजिटल भुगतान के लिए एक कैशलेस और संपर्क रहित माध्यम है. यह एक क्यूआर कोड या एसएमएस स्ट्रिंग-आधारित ई-वाउचर है, जिसे लाभार्थियों के मोबाइल पर पहुंचाया जाता है. इस निर्बाध एकमुश्त भुगतान व्‍यवस्‍था के उपयोगकर्ता अपने सेवा प्रदाता के केंद्र पर कार्ड, डिजिटल भुगतान एप या इंटरनेट बैंकिंग एक्सेस के बगैर ही वाउचर की राशि को प्राप्‍त करने में सक्षम होंगे. इसे नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया ने अपने यूपीआई प्लेटफॉर्म पर वित्तीय सेवा विभाग, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय और राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण के सहयोग से विकसित किया है.

ई-रुपी बिना किसी फिजिकल इंटरफेस के डिजिटल तरीके से लाभार्थियों और सेवा प्रदाताओं के साथ सेवाओं के प्रायोजकों को जोड़ता है. इसके तहत यह भी सुनिश्चित किया जाता है कि लेन-देन पूरा होने के बाद ही सेवा प्रदाता को भुगतान किया जाए. प्री-पेड होने की वजह से सेवा प्रदाता को किसी मध्यस्थ के हस्तक्षेप के बिना ही सही समय पर भुगतान संभव हो जाता है.

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आशा है कि यह डिजिटल पेमेंट सॉल्‍यूशन कल्याणकारी सेवाओं की भ्रष्टाचार-मुक्त आपूर्ति सुनिश्चित करने की दिशा में एक क्रांतिकारी पहल साबित होगा. इसका उपयोग मातृ और बाल कल्याण योजनाओं के तहत दवाएं और पोषण संबंधी सहायता, टीबी उन्मूलन कार्यक्रमों, आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना जैसी स्‍कीमों के तहत दवाएं और निदान, उर्वरक सब्सिडी, इत्यादि देने की योजनाओं के तहत सेवाएं उपलब्ध कराने में किया जा सकता है. यहां तक कि निजी क्षेत्र भी अपने कर्मचारी कल्याण और कॉरपोरेट सामाजिक दायित्‍व कार्यक्रमों के तहत इन डिजिटल वाउचर का उपयोग कर सकता है.

(एजेंसी इनपुट)

Last Updated : Aug 2, 2021, 5:50 AM IST
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