ETV Bharat / bharat

पूर्वांचलवालों को इलाज के लिए अब नहीं जाना होगा दिल्ली, जानें गोरखपुर AIIMS की खासियतें

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज गोरखपुर एम्स (अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान) का उद्घाटन करेंगे. 112 एकड़ में तैयार हुए इस अस्पताल की कुल लागत 1,011 करोड़ रुपये है.

आज गोरखपुर AIIMS का उद्घाटन करेंगे PM Modi, पूर्वांचलवालों को इलाज के लिए अब नहीं जाना होगा दिल्ली
आज गोरखपुर AIIMS का उद्घाटन करेंगे PM Modi, पूर्वांचलवालों को इलाज के लिए अब नहीं जाना होगा दिल्ली
author img

By

Published : Dec 7, 2021, 10:10 AM IST

Updated : Dec 7, 2021, 10:38 AM IST

गोरखपुर: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) आज गोरखपुर में एम्स (अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान) का उद्घाटन करेंगे. इससे पूर्वी उत्तर प्रदेश के साथ ही बिहार, झारखंड और नेपाल तक के लोगों को फायदा मिलेगा. अब उन्हें इलाज के लिए दिल्ली नहीं जाना होगा. एक अनुमान के मुताबिक करीब 7 करोड़ की आबादी के लिए विश्व स्तरीय विशेषज्ञ चिकित्सा सुविधा के किए यह एम्स सबसे बड़ा केंद्र बना है.

गोरखपुर एम्स (Gorakhpur AIIMS) की कुल लागत 1,011 करोड़ रुपये है. 112 एकड़ में तैयार हुए इस अस्पताल में वर्तमान में 300 बेड हैं. जनवरी महीने में 450 बेड और उसके बाद पूरी तरह से 750 बेड का अस्पताल बन जाएगा. यहां 14 मॉडुलर ऑपरेशन थिएटर बनाए गए हैं. सीटी स्कैन, एमआरआई और अल्ट्रासाउंड जैसी आधुनिक चिकित्सा सुविधाएं भी मौजूद हैं.

गोरखपुर-बस्ती मंडल के लोगों के इलाज के लिए उम्मीद की एकमात्र किरण बीआरडी मेडिकल कालेज गोरखपुर था. 7 जिलों की आबादी का बोझ संभालते-संभालते यह मेडिकल कालेज खुद बीमार हो चला था. पर, ये बातें अब अतीत के पन्नों में सिमट जाएंगी. इन दो मंडलों में अब 4 मेडिकल कालेज जनता की सेवा में है. एक का शिलान्यास हो चुका है जबकि बाकी दो जिलों के लिए भी कार्ययोजना बन रही है और सबसे बड़ी बात कि विश्व स्तरीय व विशेषज्ञ चिकित्सा सुविधा वाले एम्स की भी सौगात के साथ पूरब में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाओं का नया सूर्योदय अब हो चुका है.

सीएम योगी को जाता है गोरखपुर एम्स का श्रेय

गोरखपुर में स्थापित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) का उद्घाटन मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों होगा. गोरखपुर में एम्स लाने और पूर्वी उत्तर प्रदेश को मेडिकल हब बनाने का श्रेय योगी आदित्यनाथ को है. दरअसल, गोरखपुर में एम्स की मांग करीब डेढ़ दशक से हो रही है. इसके लिए 2004 में तत्कालीन सांसद योगी आदित्यनाथ की अगुवाई में लंबा जनांदोलन चला था. योगी ने सड़क से लेकर सदन तक पूर्वी उत्तर प्रदेश की स्वास्थ्य सुविधाओं की मजबूती के लिए हमेशा आवाज बुलंद की. एम्स को लेकर उनकी मुखरता ही थी कि वर्ष 2014 में नरेंद्र मोदी जब प्रधानमंत्री बने तो उनके जरिये पूर्वी उत्तर प्रदेश के लोगों की यह बहुप्रतीक्षित मांग पूरी कर ली गई. प्रक्रियात्मक औपचारिकताओं के बाद 22 जुलाई 2016 को उन्होंने प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा योजना के अंतर्गत इसका शिलान्यास किया था. इस बीच मार्च 2017 में योगी आदित्यनाथ मुख्यमंत्री बने तो इसके निर्माण की सारी बाधाएं एक झटके में दूर हो गईं.

1,011 करोड़ रुपये की लागत वाला एम्स गोरखपुर में अब बनकर तैयार हो गया है. मंगलवार को प्रधानमंत्री के हाथों लोकार्पण के साथ ही यहां 300 बेड का अस्पताल क्रियाशील हो जाएगा. आने वाले दिनों में एम्स के अस्पताल की क्षमता 750 तक विस्तारित होगी. उद्घाटन के साथ ही 35 बेड का इमरजेंसी वार्ड भी सेवा में आ जाएगा. गोरखपुर एम्स की ओपीडी (आउटडोर पेशेंट डिपार्टमेंट) फरवरी 2019 से ही शुरू है. अब तक करीब 7 लाख लोग एम्स की ओपीडी में आ चुके हैं. 14 सामान्य और 13 स्पेशल ओपीडी की सेवा से लोगों को अब किसी भी बीमारी पर परामर्श और इलाज के लिए अन्य शहरों का रुख नहीं करना पड़ेगा. यही नहीं, इस वर्ष मई माह से ही आईपीडी (इनडोर पेशेंट डिपार्टमेंट) में मरीज चिकित्सकीय सुविधा का लाभ लेने लगे हैं. सामान्य मरीजों की भर्ती के साथ ही अब तक 200 से अधिक सामान्य ऑपरेशन हो चुके हैं.

ये भी पढ़ें- सरकार का बुलावा न आने से संयुक्त किसान मोर्चा निराश, आज तय होगी आगे की रणनीति

गोरखपुर एम्स में मिलेगी ये सुविधाएं

-14 मॉड्यूलर ऑपरेशन थिएटर
- मेडिसिन, जनरल सर्जरी, डेंटिस्ट्री (दंत संबंधी), पीडियाट्रिक्स, गायनिक, आर्थोपेडिक्स, डर्माटालोजी, साइकाट्री, आप्थाल्मोलोजी, ईएनटी, रेडियोलोजी, डाग्यनोस्टिक, पीएमआर हीमेटोलॉजी (रक्तशास्त्र) आदि की ओपीडी
- पैथालॉजी, डिजिटल एक्सरे, सीटी स्कैन, एमआरआई, अल्ट्रासाउंड
- कैंसर रोग डिपार्टमेंट में हेड एंड नेक क्लीनिक, रेडियोथेरेपी, 18 करोड़ रुपये की लागत से डुअल एनर्जी की रेडियोथेरेपी, ब्रेकीथेरेपी, सीटी सिम्युलेटर मशीनें भी जल्द
- हीमोफीलिया मरीजों की जांच व इलाज
- दो ऑक्सीजन प्लांट ( लिक्विड ऑक्सीजन व एयर प्रेशर आधारित दोनों)
- आयुष ब्लॉक व नर्सिंग कॉलेज

7 करोड़ आबादी को मिलेगा फायदा

गोरखपुर एम्स की चिकित्सकीय सुविधाओं का फायदा पूर्वी उत्तर प्रदेश के साथ ही बिहार, झारखंड और नेपाल तक के लोगों को मिलेगा. एक अनुमान के मुताबिक करीब सात करोड़ की आबादी के लिए विश्व स्तरीय विशेषज्ञ चिकित्सा सुविधा के किए यह एम्स सबसे बड़ा केंद्र बना है.

चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र में भी चमका पूर्वी यूपी

गोरखपुर में एम्स और गोरखपुर बस्ती मंडल में क्रियाशील 4 मेडिकल कॉलेजों से पूर्वी उत्तर प्रदेश न केवल चिकित्सा बल्कि चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र में भी तेजी से चमका है. गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज में मेडिकल एजुकेशन काफी पहले से है, लेकिन 2017 में योगी के सीएम बनने तक पूर्वी उत्तर प्रदेश यहीं तक सीमित भी था. अब बस्ती के मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस की पढ़ाई चल रही है तो इसी सत्र से देवरिया और सिद्धार्थनगर के मेडिकल कॉलेजों में भी शुरू हो जाएगी. सबसे खास बात यह कि गोरखपुर में चिकित्सा के साथ चिकित्सा शिक्षा का भी बड़ा केंद्र एम्स हो जाने से ख्याति और बढ़ी है. वर्तमान में इस एम्स में एमबीबीएस सेकेंड बैच के छात्र अध्ययनरत हैं. आने वाले समय मे गोरखपुर में प्रदेश का पहला आयुष विश्वविद्यालय भी शुरू हो जाएगा. 28 अगस्त को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद इसका शिलान्यास कर चुके हैं.

एक नजर में गोरखपुर एम्स

शिलान्यास: 22 जुलाई 2016 को पीएम नरेंद्र मोदी के हाथों
परियोजना लागत: 1,011 करोड़ रुपये
परिसर क्षेत्रफल : 112 एकड़
अस्पताल क्षमता: 750 बेड
शिक्षा सेवा: एमबीबीएस सेकेंड बैच

गोरखपुर: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) आज गोरखपुर में एम्स (अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान) का उद्घाटन करेंगे. इससे पूर्वी उत्तर प्रदेश के साथ ही बिहार, झारखंड और नेपाल तक के लोगों को फायदा मिलेगा. अब उन्हें इलाज के लिए दिल्ली नहीं जाना होगा. एक अनुमान के मुताबिक करीब 7 करोड़ की आबादी के लिए विश्व स्तरीय विशेषज्ञ चिकित्सा सुविधा के किए यह एम्स सबसे बड़ा केंद्र बना है.

गोरखपुर एम्स (Gorakhpur AIIMS) की कुल लागत 1,011 करोड़ रुपये है. 112 एकड़ में तैयार हुए इस अस्पताल में वर्तमान में 300 बेड हैं. जनवरी महीने में 450 बेड और उसके बाद पूरी तरह से 750 बेड का अस्पताल बन जाएगा. यहां 14 मॉडुलर ऑपरेशन थिएटर बनाए गए हैं. सीटी स्कैन, एमआरआई और अल्ट्रासाउंड जैसी आधुनिक चिकित्सा सुविधाएं भी मौजूद हैं.

गोरखपुर-बस्ती मंडल के लोगों के इलाज के लिए उम्मीद की एकमात्र किरण बीआरडी मेडिकल कालेज गोरखपुर था. 7 जिलों की आबादी का बोझ संभालते-संभालते यह मेडिकल कालेज खुद बीमार हो चला था. पर, ये बातें अब अतीत के पन्नों में सिमट जाएंगी. इन दो मंडलों में अब 4 मेडिकल कालेज जनता की सेवा में है. एक का शिलान्यास हो चुका है जबकि बाकी दो जिलों के लिए भी कार्ययोजना बन रही है और सबसे बड़ी बात कि विश्व स्तरीय व विशेषज्ञ चिकित्सा सुविधा वाले एम्स की भी सौगात के साथ पूरब में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाओं का नया सूर्योदय अब हो चुका है.

सीएम योगी को जाता है गोरखपुर एम्स का श्रेय

गोरखपुर में स्थापित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) का उद्घाटन मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों होगा. गोरखपुर में एम्स लाने और पूर्वी उत्तर प्रदेश को मेडिकल हब बनाने का श्रेय योगी आदित्यनाथ को है. दरअसल, गोरखपुर में एम्स की मांग करीब डेढ़ दशक से हो रही है. इसके लिए 2004 में तत्कालीन सांसद योगी आदित्यनाथ की अगुवाई में लंबा जनांदोलन चला था. योगी ने सड़क से लेकर सदन तक पूर्वी उत्तर प्रदेश की स्वास्थ्य सुविधाओं की मजबूती के लिए हमेशा आवाज बुलंद की. एम्स को लेकर उनकी मुखरता ही थी कि वर्ष 2014 में नरेंद्र मोदी जब प्रधानमंत्री बने तो उनके जरिये पूर्वी उत्तर प्रदेश के लोगों की यह बहुप्रतीक्षित मांग पूरी कर ली गई. प्रक्रियात्मक औपचारिकताओं के बाद 22 जुलाई 2016 को उन्होंने प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा योजना के अंतर्गत इसका शिलान्यास किया था. इस बीच मार्च 2017 में योगी आदित्यनाथ मुख्यमंत्री बने तो इसके निर्माण की सारी बाधाएं एक झटके में दूर हो गईं.

1,011 करोड़ रुपये की लागत वाला एम्स गोरखपुर में अब बनकर तैयार हो गया है. मंगलवार को प्रधानमंत्री के हाथों लोकार्पण के साथ ही यहां 300 बेड का अस्पताल क्रियाशील हो जाएगा. आने वाले दिनों में एम्स के अस्पताल की क्षमता 750 तक विस्तारित होगी. उद्घाटन के साथ ही 35 बेड का इमरजेंसी वार्ड भी सेवा में आ जाएगा. गोरखपुर एम्स की ओपीडी (आउटडोर पेशेंट डिपार्टमेंट) फरवरी 2019 से ही शुरू है. अब तक करीब 7 लाख लोग एम्स की ओपीडी में आ चुके हैं. 14 सामान्य और 13 स्पेशल ओपीडी की सेवा से लोगों को अब किसी भी बीमारी पर परामर्श और इलाज के लिए अन्य शहरों का रुख नहीं करना पड़ेगा. यही नहीं, इस वर्ष मई माह से ही आईपीडी (इनडोर पेशेंट डिपार्टमेंट) में मरीज चिकित्सकीय सुविधा का लाभ लेने लगे हैं. सामान्य मरीजों की भर्ती के साथ ही अब तक 200 से अधिक सामान्य ऑपरेशन हो चुके हैं.

ये भी पढ़ें- सरकार का बुलावा न आने से संयुक्त किसान मोर्चा निराश, आज तय होगी आगे की रणनीति

गोरखपुर एम्स में मिलेगी ये सुविधाएं

-14 मॉड्यूलर ऑपरेशन थिएटर
- मेडिसिन, जनरल सर्जरी, डेंटिस्ट्री (दंत संबंधी), पीडियाट्रिक्स, गायनिक, आर्थोपेडिक्स, डर्माटालोजी, साइकाट्री, आप्थाल्मोलोजी, ईएनटी, रेडियोलोजी, डाग्यनोस्टिक, पीएमआर हीमेटोलॉजी (रक्तशास्त्र) आदि की ओपीडी
- पैथालॉजी, डिजिटल एक्सरे, सीटी स्कैन, एमआरआई, अल्ट्रासाउंड
- कैंसर रोग डिपार्टमेंट में हेड एंड नेक क्लीनिक, रेडियोथेरेपी, 18 करोड़ रुपये की लागत से डुअल एनर्जी की रेडियोथेरेपी, ब्रेकीथेरेपी, सीटी सिम्युलेटर मशीनें भी जल्द
- हीमोफीलिया मरीजों की जांच व इलाज
- दो ऑक्सीजन प्लांट ( लिक्विड ऑक्सीजन व एयर प्रेशर आधारित दोनों)
- आयुष ब्लॉक व नर्सिंग कॉलेज

7 करोड़ आबादी को मिलेगा फायदा

गोरखपुर एम्स की चिकित्सकीय सुविधाओं का फायदा पूर्वी उत्तर प्रदेश के साथ ही बिहार, झारखंड और नेपाल तक के लोगों को मिलेगा. एक अनुमान के मुताबिक करीब सात करोड़ की आबादी के लिए विश्व स्तरीय विशेषज्ञ चिकित्सा सुविधा के किए यह एम्स सबसे बड़ा केंद्र बना है.

चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र में भी चमका पूर्वी यूपी

गोरखपुर में एम्स और गोरखपुर बस्ती मंडल में क्रियाशील 4 मेडिकल कॉलेजों से पूर्वी उत्तर प्रदेश न केवल चिकित्सा बल्कि चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र में भी तेजी से चमका है. गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज में मेडिकल एजुकेशन काफी पहले से है, लेकिन 2017 में योगी के सीएम बनने तक पूर्वी उत्तर प्रदेश यहीं तक सीमित भी था. अब बस्ती के मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस की पढ़ाई चल रही है तो इसी सत्र से देवरिया और सिद्धार्थनगर के मेडिकल कॉलेजों में भी शुरू हो जाएगी. सबसे खास बात यह कि गोरखपुर में चिकित्सा के साथ चिकित्सा शिक्षा का भी बड़ा केंद्र एम्स हो जाने से ख्याति और बढ़ी है. वर्तमान में इस एम्स में एमबीबीएस सेकेंड बैच के छात्र अध्ययनरत हैं. आने वाले समय मे गोरखपुर में प्रदेश का पहला आयुष विश्वविद्यालय भी शुरू हो जाएगा. 28 अगस्त को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद इसका शिलान्यास कर चुके हैं.

एक नजर में गोरखपुर एम्स

शिलान्यास: 22 जुलाई 2016 को पीएम नरेंद्र मोदी के हाथों
परियोजना लागत: 1,011 करोड़ रुपये
परिसर क्षेत्रफल : 112 एकड़
अस्पताल क्षमता: 750 बेड
शिक्षा सेवा: एमबीबीएस सेकेंड बैच

Last Updated : Dec 7, 2021, 10:38 AM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.