नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को आपदा प्रतिरोधी बुनियादी ढांचे (international conference on disaster resilient infrastructure) पर अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित किया. पीएम मोदी ने कहा कि सतत विकास का लक्ष्य है कि किसी को पीछे नहीं छोड़ना है इसलिए हम अगली पीढ़ी के लिए बुनियादी ढांचे का निर्माण करने, सबसे गरीब और कमजोर लोगों की जरूरतों को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध हैं.
-
My remarks at International Conference on Disaster Resilient Infrastructure. https://t.co/gZyZ7yfVrE
— Narendra Modi (@narendramodi) May 4, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
">My remarks at International Conference on Disaster Resilient Infrastructure. https://t.co/gZyZ7yfVrE
— Narendra Modi (@narendramodi) May 4, 2022My remarks at International Conference on Disaster Resilient Infrastructure. https://t.co/gZyZ7yfVrE
— Narendra Modi (@narendramodi) May 4, 2022
प्रधानमंत्री ने कहा कि इन्फ्रास्ट्रक्चर केवल पैसे बनाने और निवेश पर लंबी अवधि के रिटर्न कमाने के लिए नहीं है. यह आंकड़ों के बारे में नहीं है. यह पैसे के बारे में नहीं है. यह लोगों के बारे में है. यह उन्हें समान तरीके से उच्च गुणवत्ता, भरोसेमंद और टिकाऊ सेवाएं प्रदान करने के बारे में है. आपदा प्रबंधन अवसंरचना पर अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन के चौथे संस्करण के उद्घाटन सत्र को वीडियो संदेश के जरिए संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, 'यह एक साझा सपना और दृष्टि है, जिसे हम सच्चाई में बदल सकते हैं.' मोदी ने कहा कि भविष्य को बेहतर बनाने के लिए 'आपदा के अनुकूल अवसंरचना' बनाने की दिशा में काम करना होगा. उन्होंने कहा कि आपदा के अनुकूल अवसंरचना व्यापक अनुकूलन प्रयासों का केंद्र हो सकती है.
प्रधानमंत्री ने कहा कि अवसंरचना का अर्थ सिर्फ पूंजीगत आस्तियों का निर्माण और दीर्घ अवधि के लिए निवेश या रिटर्न हासिल करना नहीं है और ना ही यह सिर्फ संख्या या धन के लिए है बल्कि यह जनता के लिए है. उन्होंने कहा कि जनता को उच्च गुणवत्ता वाली और सतत सेवा प्रदान करने के लिए प्रयास किए जाने चाहिए. मोदी ने कहा कि अवसंरचना विकास की किसी भी कहानी के केंद्र में जनता होनी चाहिए.
उन्होंने कहा कि भारत भी यही करने की कोशिश कर रहा है. शिक्षा, स्वास्थ्य, पीने का पानी, सफाई, बिजली और परिवहन जैसी बुनियादी सुविधाओं में वृद्धि के भारत के प्रयासों का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि इसके साथ ही भारत जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों का भी सीधा मुकाबला कर रहा है. आस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन, जापान के प्रधानमंत्री फूमियो किशिदा और मेडागास्कर के राष्ट्रपति एंड्री निरिना राजेओलिना सहित अन्य कुछ हस्तियों ने भी इस सत्र को संबोधित किया.
पढ़ें- PM मोदी ने की डेनमार्क की प्रधानमंत्री से विभिन्न मुद्दों पर चर्चा