नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के श्रम मंत्रियों के राष्ट्रीय श्रम सम्मेलन (pm modi address at national labour conference) को संबोधित किया. इस अवसर पर उन्होंने कहा कि विकसित भारत के सपने को साकार करने में श्रम शक्ति की बहुत बड़ी भूमिका है. उन्होंने कहा कि हम देख रहे हैं कि जैसे जरूरत के समय देश ने अपने श्रमिकों का साथ दिया, वैसे ही इस महामारी से उबरने में श्रमिकों ने भी पूरी शक्ति लगा दी है। आज भारत फिर से दुनिया की सबसे तेजी से आगे बढ़ कर रही अर्थव्यवस्था बना है, तो इसका बहुत बड़ा श्रेय हमारे श्रमिकों को ही जाता है.
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देश का श्रम मंत्रालय अमृतकाल में वर्ष 2047 के लिए अपना विज़न भी तैयार कर रहा है।
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भविष्य की जरूरत है- flexible work places, work from home ecosystem.
भविष्य की जरूरत है- flexi work hours: PM @narendramodi
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भविष्य की जरूरत है- flexi work hours: PM @narendramodiदेश का श्रम मंत्रालय अमृतकाल में वर्ष 2047 के लिए अपना विज़न भी तैयार कर रहा है।
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भविष्य की जरूरत है- flexible work places, work from home ecosystem.
भविष्य की जरूरत है- flexi work hours: PM @narendramodi
प्रधानमंत्री ने कहा, बीते आठ वर्षों में हमने देश में गुलामी के दौर के, और गुलामी की मानसिकता वाले कानूनों को खत्म करने का बीड़ा उठाया है. देश अब ऐसे लेबर कानूनों को बदल रहा है, रीफॉर्म कर रहा है, उन्हें सरल बना रहा है. इसी सोच से, 29 लेबर कानूनों को 4 सरल लेबर कोड्स में बदला गया है. उन्होंने कहा, अमृतकाल में विकसित भारत के निर्माण के लिए हमारे जो सपने हैं, जो आकांक्षाएं हैं, उन्हें साकार करने में भारत की श्रम शक्ति की बहुत बड़ी भूमिका है. इसी सोच के साथ देश संगठित और असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले करोड़ों श्रमिक साथियों के लिए निरंतर काम कर रहा है.
प्रधानमंत्री ने कहा, हमें सोचना होगा कि हम अपने महिला कार्यबल के लिये खासकर उभरते क्षेत्रों में और क्या कर सकते हैं. हम काम के लचीले घंटों को अपनाकर नारी शक्ति का अच्छा उपयोग कर सकते हैं. यह भविष्य की आवश्यकता है. उन्होंने कहा, 'काम करने के स्थान, घर से काम करने की सुविधा का परिवेश और काम के घंटों में लचीलापन भविष्य की जरूरत है. हम महिला श्रमशक्ति के लिये अवसर पैदा करने को लेकर लचीले कार्यस्थलों जैसी प्रणालियों का उपयोग कर सकते हैं.'
प्रधानमंत्री ने त्वरित निर्णय लेने और उन्हें तेज गति से लागू करने की आवश्यकता पर भी जोर दिया ताकि चल रही चौथी औद्योगिक क्रांति का लाभ उठाया जा सके. उन्होंने कहा, देश पहली तीन औद्योगिक क्रांतियों का लाभ उठाने में पीछे रह गया. मौजूदा चौथी औद्योगिक क्रांति का लाभ उठाने के लिये हमें त्वरित निर्णय लेने और इसे तेजी से लागू करने की भी जरूरत है. दुनिया तेजी से बदल रही है. इसका लाभ लेने के लिये हमें भी उसी गति से तैयार होना होगा.
मोदी ने यह भी कहा, 'भारत की सफलता 21वीं सदी में इस बात पर निर्भर करेगी कि हम जनसंख्या संबंधी लाभ का कितनी सफलता से उपयोग करते हैं. हम उच्च गुणवत्ता वाला कुशल कार्यबल सृजित कर वैश्विक अवसरों का लाभ ले सकते हैं.' ऑनलाइन बाजार और सेवाओं में वृद्धि का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, 'देश सही नीतियों और प्रयासों से इस क्षेत्र में वैश्विक अगुवा बना है.' उन्होंने कहा कि भारत दुनिया के कई देशों के साथ आव्रजन एवं आवाजाही साझेदारी समझौता कर रहा है. उन्होंने सभी राज्यों से इन अवसरों का लाभ उठाने को कहा, 'हमें इसके लिये प्रयास बढ़ाने होंगे और एक-दूसरे से सीखना होगा.'
राज्यों से अपने पोर्टल को ई-श्रम से जोड़ने का आग्रह
प्रधानमंत्री ने कहा कि ई-श्रम पोर्टल विशेष रूप से असंगठित क्षेत्र को सामाजिक सुरक्षा के दायरे में लाने के उद्देश्य से प्रमुख कदमों में से एक है. इसकी शुरुआत के एक साल के भीतर ही 400 क्षेत्रों के लगभग 28 करोड़ श्रमिकों का पोर्टल पर पंजीकरण हो चुका है. इससे खासकर निर्माण क्षेत्र में काम करने वाले कर्मचारियों को लाभ हुआ है. उन्होंने सभी राज्यों से अपने-अपने पोर्टल को ई-श्रम से जोड़ने को कहा. मोदी ने कहा कि प्रधानमंत्री श्रम-योगी मानधन योजना, प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना और प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना जैसी केंद्र की विभिन्न योजनाओं ने श्रमिकों को सुरक्षा कवच प्रदान किया है.
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प्रधानमंत्री ने कहा कि कोविड-19 महामारी के दौरान छोटे एवं मझोले उद्योगों के लिये आपात ऋण सुविधा गारंटी योजना (ईसीएलजीएस) से 1.5 करोड़ नौकरियां बचाने में मदद मिली. उन्होंने कहा कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) भी कामगारों की मदद के लिये आगे आया और महामारी के दौरान कर्मचारियों को हजारों करोड़ रुपये का कर्ज दिया गया.