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कर्नाटक में मिशन पूरा अब यूपी में शिफ्ट हुआ PFI का मूवमेंट, एटीएस की जांच से हुआ खुलासा

राजधानी लखनऊ व वाराणसी समेत कई शहरों से गिरफ्तार किए गए पापुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के सहयोगियों और संदिग्ध रोहिंगाओं से जो इनपुट मिले वह काफी चौंकाने वाले हैं. इस बाबत यूपी का गृह विभाग चौकन्ना हो गया है और प्रबिंधित संगठन के मंसूबों को नाकाम करने के लिए मंथन कर रहा है.

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Published : May 25, 2023, 7:09 PM IST

लखनऊ : राजधानी स्थित लोक भवन में दो दिन पहले गृह विभाग की अहम बैठक हुई थी. इस बैठक में तय किया गया कि सहारनपुर की तर्ज पर राज्य में कई अन्य हिस्सों में खोले जा रहे एटीएस सेंटर को जल्द से जल्द शुरू किया जाए. इस बैठक के अचानक होने के पीछे सरकार की वह चिंता है जो पीएफआई की साजिशों के खुलासे के बाद बढ़ी है. साजिश ऐसी कि एक राज्य में पीएफआई उसमें कामयाबी पा चुकी है और अब उसे उत्तर प्रदेश में भी उसे दोहराना चाहती है. जिसकी वे मुकम्मल तैयारी कर चुके हैं. ऐसे में ये जानना जरूरी है कि आखिर बीते वर्ष देश में बैन होने के बाद भी पीएफआई अब ऐसी कौन सी साजिश रच रही है.

पापुलर फ्रंट ऑफ इंडिया से जुड़े तथ्य.
पापुलर फ्रंट ऑफ इंडिया से जुड़े तथ्य.

कर्नाटक में सत्ता परिवर्तन था PFI का नया मिशन : कर्नाटक में हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में भले ही प्रतिबंधित संगठन पापुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के सहयोगी राजनीतिक विंग एसडीपीआई कुछ खास प्रदर्शन न कर पाई हो, लेकिन वह अपने एक खास मिशन में कामयाब रही है. सात मई को वाराणसी से हुई पीएफआई के दो सदस्यों की गिरफ्तारी के बाद यूपी एटीएस की जांच में सामने आया है कि कभी कर्नाटक में सबसे अधिक सक्रिय रही पीएफआई पर बीते पांच वर्षों में वहां की येदुरप्पा और बोम्मई सरकार ने बड़ी कार्रवाई की है, जिसमें अधिकतर पदाधिकारियों को जेल भेज दिया गया. ऐसे में जब उत्तर प्रदेश में सीएए-एनआरसी के दंगों के बाद योगी सरकार ने पीएफआई पर अपनी करवाई तेज की तो यहां मौजूद सदस्यों को कर्नाटक बुला लिया गया. एटीएस को पूछताछ के द्वारा पता चला कि पीएफआई ने कर्नाटक में किसी भी हाल में बीजेपी को सत्ता से हटाने का मिशन पाल रखा था, जिसमें वह कामयाब रही. यही वजह थी कि पीएफआई के इशारों में ही पूरे कर्नाटक चुनाव में पीएफआई का मुद्दा गर्म रहा जिससे उसे भुनाया जा सके.

पापुलर फ्रंट ऑफ इंडिया से जुड़े तथ्य.
पापुलर फ्रंट ऑफ इंडिया से जुड़े तथ्य.



कर्नाटक के बाद अब यूपी में साजिश रच रहा PFI : यूपी एटीएस की गिरफ्त में आए पीएफआई सदस्य परवेज अहमद ने बीते दिनों रिमांड के दौरान कर्नाटक के बाद मिशन यूपी की साजिश का खुलासा किया था. परवेज ने बताया था कि तीन माह पहले कर्नाटक में हुई गुप्त बैठक में उन्हें ये बताया गया था कि कर्नाटक जैसा मिशन अब हर उस राज्य में शरू किया जाए जहां मुसलमानों पर सबसे अधिक जुल्म हो रहा है. परवेज के मुताबिक ऐसे में हमारे लिए उत्तर प्रदेश सबसे अधिक मुफीद राज्य है. यही वजह है कि पिछले 15 दिनों में 200 से अधिक पीएफआई सदस्यों को यूपी में उतार दिया गया है, ताकि जल्द ही वो सेटल हो कर लोक सभा चुनाव से पहले अपनी जमीन तैयार कर लें.

पापुलर फ्रंट ऑफ इंडिया से जुड़े तथ्य.
पापुलर फ्रंट ऑफ इंडिया से जुड़े तथ्य.


दो सौ से अधिक नए PFI सदस्य यूपी में फैले : बीते दिनों वाराणसी से पीएफआई के परवेज और रईस अहमद और 8 रोहिंगाओं की गिरफ्तारी के बाद यूपी एटीएस की टीम जम्मू और कर्नाटक भेजी गई थी. कर्नाटक में जो जानकारी यूपी एटीएस को मिली उसने अधिकारियों के होश उड़ा दिए हैं. दरअसल, कर्नाटक में सत्ता परिवर्तन के बाद खुद को वहां मजबूत मानकर 200 से अधिक पीएफआई सदस्यों को यूपी मूव कर दिया गया है. अयोध्या, वाराणसी, गोरखपुर, लखनऊ, मुजफ्फरनगर, बुलंदशहर समेत यूपी के कई महत्वपूर्ण शहरों में गोपनीय ऑफिस खोल कर ठिकाना भी बना लिया है.




यह भी पढ़ें : देश के पहले गवर्नर के परपोते केसवन ने बताई 'सेंगोल' से जुड़ी रोचक कहानी, पीएम मोदी को कहा धन्यवाद

लखनऊ : राजधानी स्थित लोक भवन में दो दिन पहले गृह विभाग की अहम बैठक हुई थी. इस बैठक में तय किया गया कि सहारनपुर की तर्ज पर राज्य में कई अन्य हिस्सों में खोले जा रहे एटीएस सेंटर को जल्द से जल्द शुरू किया जाए. इस बैठक के अचानक होने के पीछे सरकार की वह चिंता है जो पीएफआई की साजिशों के खुलासे के बाद बढ़ी है. साजिश ऐसी कि एक राज्य में पीएफआई उसमें कामयाबी पा चुकी है और अब उसे उत्तर प्रदेश में भी उसे दोहराना चाहती है. जिसकी वे मुकम्मल तैयारी कर चुके हैं. ऐसे में ये जानना जरूरी है कि आखिर बीते वर्ष देश में बैन होने के बाद भी पीएफआई अब ऐसी कौन सी साजिश रच रही है.

पापुलर फ्रंट ऑफ इंडिया से जुड़े तथ्य.
पापुलर फ्रंट ऑफ इंडिया से जुड़े तथ्य.

कर्नाटक में सत्ता परिवर्तन था PFI का नया मिशन : कर्नाटक में हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में भले ही प्रतिबंधित संगठन पापुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के सहयोगी राजनीतिक विंग एसडीपीआई कुछ खास प्रदर्शन न कर पाई हो, लेकिन वह अपने एक खास मिशन में कामयाब रही है. सात मई को वाराणसी से हुई पीएफआई के दो सदस्यों की गिरफ्तारी के बाद यूपी एटीएस की जांच में सामने आया है कि कभी कर्नाटक में सबसे अधिक सक्रिय रही पीएफआई पर बीते पांच वर्षों में वहां की येदुरप्पा और बोम्मई सरकार ने बड़ी कार्रवाई की है, जिसमें अधिकतर पदाधिकारियों को जेल भेज दिया गया. ऐसे में जब उत्तर प्रदेश में सीएए-एनआरसी के दंगों के बाद योगी सरकार ने पीएफआई पर अपनी करवाई तेज की तो यहां मौजूद सदस्यों को कर्नाटक बुला लिया गया. एटीएस को पूछताछ के द्वारा पता चला कि पीएफआई ने कर्नाटक में किसी भी हाल में बीजेपी को सत्ता से हटाने का मिशन पाल रखा था, जिसमें वह कामयाब रही. यही वजह थी कि पीएफआई के इशारों में ही पूरे कर्नाटक चुनाव में पीएफआई का मुद्दा गर्म रहा जिससे उसे भुनाया जा सके.

पापुलर फ्रंट ऑफ इंडिया से जुड़े तथ्य.
पापुलर फ्रंट ऑफ इंडिया से जुड़े तथ्य.



कर्नाटक के बाद अब यूपी में साजिश रच रहा PFI : यूपी एटीएस की गिरफ्त में आए पीएफआई सदस्य परवेज अहमद ने बीते दिनों रिमांड के दौरान कर्नाटक के बाद मिशन यूपी की साजिश का खुलासा किया था. परवेज ने बताया था कि तीन माह पहले कर्नाटक में हुई गुप्त बैठक में उन्हें ये बताया गया था कि कर्नाटक जैसा मिशन अब हर उस राज्य में शरू किया जाए जहां मुसलमानों पर सबसे अधिक जुल्म हो रहा है. परवेज के मुताबिक ऐसे में हमारे लिए उत्तर प्रदेश सबसे अधिक मुफीद राज्य है. यही वजह है कि पिछले 15 दिनों में 200 से अधिक पीएफआई सदस्यों को यूपी में उतार दिया गया है, ताकि जल्द ही वो सेटल हो कर लोक सभा चुनाव से पहले अपनी जमीन तैयार कर लें.

पापुलर फ्रंट ऑफ इंडिया से जुड़े तथ्य.
पापुलर फ्रंट ऑफ इंडिया से जुड़े तथ्य.


दो सौ से अधिक नए PFI सदस्य यूपी में फैले : बीते दिनों वाराणसी से पीएफआई के परवेज और रईस अहमद और 8 रोहिंगाओं की गिरफ्तारी के बाद यूपी एटीएस की टीम जम्मू और कर्नाटक भेजी गई थी. कर्नाटक में जो जानकारी यूपी एटीएस को मिली उसने अधिकारियों के होश उड़ा दिए हैं. दरअसल, कर्नाटक में सत्ता परिवर्तन के बाद खुद को वहां मजबूत मानकर 200 से अधिक पीएफआई सदस्यों को यूपी मूव कर दिया गया है. अयोध्या, वाराणसी, गोरखपुर, लखनऊ, मुजफ्फरनगर, बुलंदशहर समेत यूपी के कई महत्वपूर्ण शहरों में गोपनीय ऑफिस खोल कर ठिकाना भी बना लिया है.




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