जोधपुर : कोरोना के कारण लोग बीमारी से तो परेशान ही रहे, लॉकडाउन के कारण दूसरे वतन से आए लोग भी यहीं फंस गए. कुछ ऐसा ही हुआ तीर्थयात्रा के लिए भारत आए पाक हिन्दुओं (pak hindus came india to Pilgrimage) के साथ. पाकिस्तान के सिंध प्रांत के 99 हिंदू तीन माह के वीजा पर भारत आए थे, लेकिन लॉकडाउन लगने के कारण वे यहीं फंस गए. वीजा खत्म होने के चलते वे वतन भी नहीं लौट पा रहे थे. केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत के प्रयासों से दो माह से अटारी बॉर्डर पर फंसे इन सभी 99 पाक हिंदुओं को उनके वतन भेज (99 pak hindus sent to pakistan) दिया गया.
अमृतसर में सीमा जनकल्याण समिति से जुड़े समाजसेवी अनुज भंडारी ने बताया कि पाकिस्तान से कई हिंदू तीर्थयात्रा के लिए भारत आए थे. इनके पास 3 माह का वीजा था. मार्च 2020 में कोरोना महामारी के कारण लॉकडाउन लग गया और यह सभी भारत में ही रह गए. दो माह पहले ये सभी किसी तरह अटारी बॉर्डर पहुंचे, लेकिन कागज पूरे न होने के कारण पाकिस्तान वापस नहीं जा पा रहे थे. भंडारी ने बताया कि न तो इनके पास पैसे थे और न ओढ़ने-बिछाने के लिए चादर. सभी की हालत बेहद दयनीय हो चुकी थी.
भंडारी ने बताया कि 99 हिंदुओं की वतन वापसी की समस्या के बारे में जब केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत को पता चला तो उन्होंने आगे बढ़कर मदद के हाथ बढ़ाए. शेखावत के प्रयासों से सभी हिंदुओं के वीजा समेत अन्य कागजात पूरे हो सके. तीन-चार दिन पहले जब ये लोग बॉर्डर पहुंचे तो बाकी सबको पाकिस्तान ने वापस ले लिया, लेकिन एक परिवार को नवजात शिशु के कागजात पूरे न होने के कारण रोक दिया गया. दरअसल, हाल में जन्मे नवजात बच्चे का बर्थ सर्टिफिकेट नहीं बना था. तत्काल प्रयास करके नवजात का बर्थ सेर्टिफिकेट बनवाया गया.
भंडारी के अनुसार वैसे तो दिल्ली स्थित पाकिस्तान उच्चायोग में सप्ताह में केवल सोमवार-मंगलवार को ही काम होता है, लेकिन केंद्रीय मंत्री शेखावत के प्रयासों से बुधवार को मात्र दो घंटे में उच्चायोग ने नवजात बच्चे का पासपोर्ट और अन्य जरूरी कागजात तैयार कर दिए. शुक्रवार को अंतिम बचे परिवार को सीमा पार सिंध (पाकिस्तान) भेज दिया गया. भंडारी ने कहा कि केंद्रीय मंत्री शेखावत की बदौलत पाक से आए हिंदुओं की देशवापसी हो सकी.
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