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सहारा समूह की इकाइयों में निवेशकों के 1.12 लाख करोड़ रुपये फंसे हैं: मंत्री

सहारा समूह (Sahara group) की विभिन्न इकाइयों में करीब 13 करोड़ निवेशकों के 1.12 लाख करोड़ रुपये फंसे हुए हैं. इस बात की जानकारी केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने लोकसभा में दी है.

Sahara group
सुब्रत सहारा
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Published : Aug 1, 2022, 10:02 PM IST

नई दिल्ली : केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने सोमवार को कहा कि सहारा समूह (Sahara group) की विभिन्न इकाइयों में करीब 13 करोड़ निवेशकों के 1.12 लाख करोड़ रुपये फंसे हुए हैं. उन्होंने लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में यह जानकारी दी.

मंत्री ने बताया कि उच्चतम न्यायालय के आदेश और सहारा के मामले में शीर्ष अदालत द्वारा नियुक्त न्यायमूर्ति बी एन अग्रवाल (justice B N Agarwal) के परामर्श के बाद भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने कई विज्ञापन देकर निवेशकों को बताया कि पैसे वापस लेने के लिए आवेदन की प्रक्रिया क्या है. चौधरी ने बताया कि सहारा की कई इकाइयों में करीब 13 करोड़ निवेशकों के 1.12 लाख करोड़ रुपये फंसे हुए हैं.

इन स्कीम में फंसे करोड़ों निवेशकों के पैसे : विभिन्न सहारा संस्थाओं में फंसे निवेशकों के पैसे की राशि पर उन्होंने कहा कि 2.33 करोड़ निवेशकों के 19,400.87 करोड़ रुपये सहारा इंडियन रियल एस्टेट कॉर्पोरेशन लिमिटेड (SIRECL) में, 75 लाख निवेशकों के 6,380.50 करोड़ रुपये सहारा हाउसिंग इन्वेस्टमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड (SHICL) में फंसे हुए हैं. इसी तरह से एसएचआईसीएल 4 करोड़ निवेशकों के 47,245 करोड़ रुपये सहारा क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड में फंसे हैं.

इसके अलावा, हमारा इंडिया क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी में 1.8 करोड़ निवेशकों के 12,958 करोड़ रुपये, सहारा यूनिवर्सल मल्टीपर्पज सोसाइटी में 3.71 करोड़ निवेशकों के 18,000 करोड़ रुपये और स्टार्स मल्टीपर्पज कोऑपरेटिव सोसाइटी में 37 लाख निवेशकों के 8,470 करोड़ रुपये फंसे हुए हैं. चौधरी ने कहा कि सहारा समूह ने वैकल्पिक रूप से पूर्ण परिवर्तनीय डिबेंचर से संबंधित लगभग 15,507 करोड़ रुपये (25,781.37 करोड़ रुपये की मूल राशि के खिलाफ) सेबी-सहारा रिफंड खाते में जमा किए हैं. उन्होंने कहा कि नियामक सहारा इंडियन रियल एस्टेट कॉर्पोरेशन लिमिटेड और सहारा हाउसिंग इन्वेस्टमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड के बॉन्ड में निवेश करने वाले निवेशकों को मूलधन और ब्याज के पुनर्भुगतान की सुविधा दे रहा है.

मंत्री ने कहा सेबी ने एनईएफटी /आरटीजीएस के माध्यम से हस्तांतरण के माध्यम से कुल 138.07 करोड़ रुपये (मूलधन के रूप में 70.09 करोड़ रुपये और ब्याज के रूप में 67.98 करोड़ रुपये) की कुल राशि के लिए 48,326 मूल बांड प्रमाण पत्र / पासबुक वाले 17,526 पात्र बांडधारकों के संबंध में रिफंड किया है.

पढ़ें- सहारा प्रमुख सुब्रत रॉय सहित 9 पर FIR, निवेशकों की राशि नहीं लौटाने का मामला

पढ़ें- कोर्ट ने सहारा समूह से संबंधित नौ कंपनियों की SFIO जांच पर रोक लगाने का आदेश रद्द किया

(PTI)

नई दिल्ली : केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने सोमवार को कहा कि सहारा समूह (Sahara group) की विभिन्न इकाइयों में करीब 13 करोड़ निवेशकों के 1.12 लाख करोड़ रुपये फंसे हुए हैं. उन्होंने लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में यह जानकारी दी.

मंत्री ने बताया कि उच्चतम न्यायालय के आदेश और सहारा के मामले में शीर्ष अदालत द्वारा नियुक्त न्यायमूर्ति बी एन अग्रवाल (justice B N Agarwal) के परामर्श के बाद भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने कई विज्ञापन देकर निवेशकों को बताया कि पैसे वापस लेने के लिए आवेदन की प्रक्रिया क्या है. चौधरी ने बताया कि सहारा की कई इकाइयों में करीब 13 करोड़ निवेशकों के 1.12 लाख करोड़ रुपये फंसे हुए हैं.

इन स्कीम में फंसे करोड़ों निवेशकों के पैसे : विभिन्न सहारा संस्थाओं में फंसे निवेशकों के पैसे की राशि पर उन्होंने कहा कि 2.33 करोड़ निवेशकों के 19,400.87 करोड़ रुपये सहारा इंडियन रियल एस्टेट कॉर्पोरेशन लिमिटेड (SIRECL) में, 75 लाख निवेशकों के 6,380.50 करोड़ रुपये सहारा हाउसिंग इन्वेस्टमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड (SHICL) में फंसे हुए हैं. इसी तरह से एसएचआईसीएल 4 करोड़ निवेशकों के 47,245 करोड़ रुपये सहारा क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड में फंसे हैं.

इसके अलावा, हमारा इंडिया क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी में 1.8 करोड़ निवेशकों के 12,958 करोड़ रुपये, सहारा यूनिवर्सल मल्टीपर्पज सोसाइटी में 3.71 करोड़ निवेशकों के 18,000 करोड़ रुपये और स्टार्स मल्टीपर्पज कोऑपरेटिव सोसाइटी में 37 लाख निवेशकों के 8,470 करोड़ रुपये फंसे हुए हैं. चौधरी ने कहा कि सहारा समूह ने वैकल्पिक रूप से पूर्ण परिवर्तनीय डिबेंचर से संबंधित लगभग 15,507 करोड़ रुपये (25,781.37 करोड़ रुपये की मूल राशि के खिलाफ) सेबी-सहारा रिफंड खाते में जमा किए हैं. उन्होंने कहा कि नियामक सहारा इंडियन रियल एस्टेट कॉर्पोरेशन लिमिटेड और सहारा हाउसिंग इन्वेस्टमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड के बॉन्ड में निवेश करने वाले निवेशकों को मूलधन और ब्याज के पुनर्भुगतान की सुविधा दे रहा है.

मंत्री ने कहा सेबी ने एनईएफटी /आरटीजीएस के माध्यम से हस्तांतरण के माध्यम से कुल 138.07 करोड़ रुपये (मूलधन के रूप में 70.09 करोड़ रुपये और ब्याज के रूप में 67.98 करोड़ रुपये) की कुल राशि के लिए 48,326 मूल बांड प्रमाण पत्र / पासबुक वाले 17,526 पात्र बांडधारकों के संबंध में रिफंड किया है.

पढ़ें- सहारा प्रमुख सुब्रत रॉय सहित 9 पर FIR, निवेशकों की राशि नहीं लौटाने का मामला

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(PTI)

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