वाराणसी: विशेष न्यायाधीश (एमपी-एमएलए) अवनीश गौतम की अदालत ने कांग्रेस सांसद रणदीप सिंह सुरजेवाला के प्रार्थना पत्र को निरस्त करते हुए उनके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया है. गुरुवार को अदालत में उनके खिलाफ 23 साल पुराने मुकदमे की सुनवाई हुई. इसके बाद यह आदेश जारी हुआ.
दरअसल, सन 2000 में संवासिनी कांड के दौरान कई कांग्रेसी नेताओं की गिरफ्तारी हुई थी. इस मामले में उस वक्त युवा कांग्रेस के पदाधिकारी के रूप में रणदीप सिंह सुरजेवाला और अन्य गई कांग्रेस नेताओं ने मुख्यालय और कमिश्नरी में प्रदर्शन किया था. इस दौरान हुए हंगामे, तोड़फोड़ और सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के मामले में रणदीप सिंह सुरजेवाला समेत कई अन्य लोगों पर मुकदमा दर्ज किया गया था. इसकी सुनवाई वाराणसी के एमपी एमएलए कोर्ट में चल रही है.
बीते सात अगस्त में सुरजेवाला के अधिवक्ता द्वारा इस आशय का प्रार्थना पत्र दिया गया कि रणदीप सिंह सुरजेवाला और 25 अन्य आरोपियों की हुई मेडिकल जांच, उनकी गिरफ्तारी मेमो और पुलिस को दिए गए बयान से संबंधित दस्तावेजों को कैंट थाने से तलब किया जाए. प्रार्थना पत्र में दयाशंकर मिश्र दयालु से संबंधित दस्तावेज एवं साक्ष्य को भी मंगाए जाने की अपील की गई. आधार लिया गया कि आयुक्त कार्यालय पर विरोध-प्रदर्शन के आयोजक दयाशंकर मिश्र दयालु थे.
रणदीप सिंह सुरजेवाला की ओर से दाखिल प्रार्थना पत्र पर अभियोजन पक्ष की ओर से एडीजीसी विनय कुमार सिंह ने आपत्ति जताई थी. दलील थी कि ऐन-केन प्रकारेण रूप से मुकदमे के विचारण को विलंबित करने के लिए सुरजेवाला की ओर से एक न एक प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया जा रहा है. अदालत ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद इस प्रार्थना पत्र पर आदेश के लिए दस अगस्त की तारीख तय की थी.
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