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वैश्विक राजनीति में एकमात्र स्थिरता भारत और रूस के बीच संबंधों में रही है: जयशंकर - विदेश मंत्री एस जयशंकर रूस यात्रा

विदेश मंत्री एस जयशंकर पांच दिवसीय रूस की यात्रा पर हैं. इस दौरान उन्होंने विभिन्न द्विपक्षीय और वैश्विक मुद्दों पर चर्चा की. ईटीवी भारत की वरिष्ठ संवाददाता चंद्रकला चौधरी की रिपोर्ट...India Russia ties constant in global politics

only constant in global politics has been the ties between india and russia says eam jaishankar
वैश्विक राजनीति में एकमात्र स्थिरता भारत और रूस के बीच संबंधों में रहा है: जयशंकर
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Dec 27, 2023, 10:50 AM IST

Updated : Dec 27, 2023, 11:24 AM IST

नई दिल्ली: विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मंगलवार को कहा कि हालांकि सभी देशों के बीच संबंधों में उतार-चढ़ाव आते रहे हैं, लेकिन वैश्विक राजनीति में एकमात्र स्थिरता भारत और रूस के बीच संबंधों में रही है. वह मंगलवार को मॉस्को में एक कार्यक्रम में भारतीय समुदाय के साथ बातचीत कर रहे थे. उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि रक्षा, अंतरिक्ष और परमाणु ऊर्जा के क्षेत्र में देश केवल उन्हीं के साथ सहयोग करते हैं जिन पर उन्हें उच्च स्तर का भरोसा होता है.

एक्स पर एक पोस्ट में जयशंकर ने कहा, 'मास्को में भारतीय समुदाय के साथ बातचीत की. भारत और रूस के बीच एक मजबूत और स्थिर सहयोग बनाने में उनके योगदान की सराहना करते हैं. विशेष और विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी पिछले 75 वर्षों के अनुभवों और भावनाओं को दर्शाती है. समुदाय से पारस्परिक रूप से लाभप्रद सहयोग को गहरा करने में योगदान देने का आग्रह किया.

हमारे नागरिक समाजों के बीच घनिष्ठ संबंधों को बढ़ावा देने में उनकी भूमिका अमूल्य है. एक आत्मनिर्भर भारत एक बहुध्रुवीय दुनिया में रूस के साथ संबंधों को गहरा करेगा. अपने संबोधन के दौरान विदेश मंत्री ने आगे कहा कि पिछले 70-80 वर्षों में भारत और रूस दोनों में बहुत बदलाव आया है और विश्व राजनीति में भी बहुत कुछ बदल गया है लेकिन नई दिल्ली और मॉस्को के बीच संबंध स्थिर बने हुए हैं.

उन्होंने कहा,' मेरे लिए भारत-रूस संबंधों में क्या असाधारण है? 50 के दशक की शुरुआत से लेकर 70-80 वर्षों तक. इस अवधि में बड़े बदलाव हुए हैं. सोवियत संघ रूसी संघ बन गया, विश्व राजनीति में बड़े बदलाव हुए हैं. रूस बदल गया है, और भारत विकसित हुआ है लेकिन, अगर विश्व राजनीति में कोई स्थिरता है, तो वह भारत और रूस के बीच संबंध है.' जयशंकर ने कहा कि भारत और रूस के बीच विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग दोनों देशों के बीच संबंधों की गुणवत्ता को भी दर्शाता है.

रूस कुछ क्षेत्रों जैसे रक्षा, परमाणु ऊर्जा में एक विशेष भागीदार है. आज, मेरी और उप प्रधान मंत्री डेनिस मंटुरोव की उपस्थिति में हमने कुडनकुलम परमाणु परियोजना की भविष्य की इकाइयों के लिए कुछ महत्वपूर्ण समझौतों पर हस्ताक्षर किए. विशेष रूप से रक्षा, परमाणु और अंतरिक्ष, ऐसे सहयोग हैं जो आप केवल उन देशों के साथ करते हैं जिनके साथ आपका उच्च स्तर का विश्वास है. इसलिए ऐसा नहीं है कि हम जो सहयोग करते हैं वह रिश्ते की गुणवत्ता को दर्शाता है. जयशंकर विभिन्न द्विपक्षीय और वैश्विक मुद्दों पर चर्चा के लिए रूस की पांच दिवसीय यात्रा पर हैं.

ये भी पढ़ें- विदेश मंत्री एस जयशंकर 25 से 29 दिसंबर तक करेंगे रूस की यात्रा

नई दिल्ली: विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मंगलवार को कहा कि हालांकि सभी देशों के बीच संबंधों में उतार-चढ़ाव आते रहे हैं, लेकिन वैश्विक राजनीति में एकमात्र स्थिरता भारत और रूस के बीच संबंधों में रही है. वह मंगलवार को मॉस्को में एक कार्यक्रम में भारतीय समुदाय के साथ बातचीत कर रहे थे. उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि रक्षा, अंतरिक्ष और परमाणु ऊर्जा के क्षेत्र में देश केवल उन्हीं के साथ सहयोग करते हैं जिन पर उन्हें उच्च स्तर का भरोसा होता है.

एक्स पर एक पोस्ट में जयशंकर ने कहा, 'मास्को में भारतीय समुदाय के साथ बातचीत की. भारत और रूस के बीच एक मजबूत और स्थिर सहयोग बनाने में उनके योगदान की सराहना करते हैं. विशेष और विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी पिछले 75 वर्षों के अनुभवों और भावनाओं को दर्शाती है. समुदाय से पारस्परिक रूप से लाभप्रद सहयोग को गहरा करने में योगदान देने का आग्रह किया.

हमारे नागरिक समाजों के बीच घनिष्ठ संबंधों को बढ़ावा देने में उनकी भूमिका अमूल्य है. एक आत्मनिर्भर भारत एक बहुध्रुवीय दुनिया में रूस के साथ संबंधों को गहरा करेगा. अपने संबोधन के दौरान विदेश मंत्री ने आगे कहा कि पिछले 70-80 वर्षों में भारत और रूस दोनों में बहुत बदलाव आया है और विश्व राजनीति में भी बहुत कुछ बदल गया है लेकिन नई दिल्ली और मॉस्को के बीच संबंध स्थिर बने हुए हैं.

उन्होंने कहा,' मेरे लिए भारत-रूस संबंधों में क्या असाधारण है? 50 के दशक की शुरुआत से लेकर 70-80 वर्षों तक. इस अवधि में बड़े बदलाव हुए हैं. सोवियत संघ रूसी संघ बन गया, विश्व राजनीति में बड़े बदलाव हुए हैं. रूस बदल गया है, और भारत विकसित हुआ है लेकिन, अगर विश्व राजनीति में कोई स्थिरता है, तो वह भारत और रूस के बीच संबंध है.' जयशंकर ने कहा कि भारत और रूस के बीच विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग दोनों देशों के बीच संबंधों की गुणवत्ता को भी दर्शाता है.

रूस कुछ क्षेत्रों जैसे रक्षा, परमाणु ऊर्जा में एक विशेष भागीदार है. आज, मेरी और उप प्रधान मंत्री डेनिस मंटुरोव की उपस्थिति में हमने कुडनकुलम परमाणु परियोजना की भविष्य की इकाइयों के लिए कुछ महत्वपूर्ण समझौतों पर हस्ताक्षर किए. विशेष रूप से रक्षा, परमाणु और अंतरिक्ष, ऐसे सहयोग हैं जो आप केवल उन देशों के साथ करते हैं जिनके साथ आपका उच्च स्तर का विश्वास है. इसलिए ऐसा नहीं है कि हम जो सहयोग करते हैं वह रिश्ते की गुणवत्ता को दर्शाता है. जयशंकर विभिन्न द्विपक्षीय और वैश्विक मुद्दों पर चर्चा के लिए रूस की पांच दिवसीय यात्रा पर हैं.

ये भी पढ़ें- विदेश मंत्री एस जयशंकर 25 से 29 दिसंबर तक करेंगे रूस की यात्रा
Last Updated : Dec 27, 2023, 11:24 AM IST
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